अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्यव्यापी आह्वान पर वैशाली जिला मुख्यालय के समक्ष अपनी मांग के लिए धरना प्रदर्शन किया।

 संवाददाता-राजेन्द्र कुमार ।

वैशाली /हाजीपुर। गांधी चौक पर किसानों का धरना देकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया गया। ज्ञापन में सतही सिंचाई के लिए बिहार के सभी नहरों का जीर्णोद्धार करने, सभी बंद राजकीय नलकूपों को चालू करने, कृषि कार्य हेतु मुफ्त बिजली देने, घरेलू उपभोग के लिए 200 यूनिट फ्री बिजली देने, बकाया बिजली बिल को माफ करने, सभी निजी नलकूपों का गांव में कैंप लगाकर विद्युतीकरण करने, किसानों /बटाईदारों के बैंक और महाजनी कर्ज को माफ करने, स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसा के अनुसार C2+50% के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित कर फसल खरीद की गारंटी लिए कानून बनाने, कृषि विपणन के लिए नई नीति की निंदा करते हुए बिहार से वापस करने, कृषि योग्य भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगाने और अत्यंत आवश्यक होने पर अधिग्रहित किए जाने पर 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार किसानों को मुआवजा देने,

बिहार में एपीएमसी एक्ट को पुनर बहाल कर कृषि मंडियों को चालू करने, बटाईदारों को पंजीकृत कर पहचान पत्र देने, फसलों की सुरक्षा के लिए नीलगायों/घोरपरासों को पड़कर वन क्षेत्र में छोड़ने या शूटर मंगवा कर मरवाने की मांगे प्रमुख हैं। धरना स्थल पर किसान महासभा के जिला सचिव गोपाल पासवान के अध्यक्षता में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए संगठन के राज्य उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विशेश्वर प्रसाद यादव ने कहा कि आज देश का खेत खेती और किसान इतिहास के सबसे संकट के दौर से गुजर रहे हैं। यह संकट सरकार प्रायोजित है। मोदी सरकार सचेतन रूप से खेती को घाटे में डालकर देश की खेती कॉर्पोरेट घरानों के हाथ सौंपना चाहती है। 13 महीने के ऐतिहासिक किसान आंदोलन के साथ किए गए लिखित समझौते को अभी तक लागू नहीं कर रही है। संविधान और लोकतंत्र को समाप्त कर शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे किसानों पर लाठी गोली और पानी के बौछारें चलवा रही है।

कृषि विपणन के लिए नई राष्ट्रीय नीति लाकर राज्यों के माध्यम से कृषि उपज को कॉर्पोरेट घरानों के तिजोरी में डालना चाहती है। इससे देश पर खाद्य संकट का खतरा पैदा हो गया है। देश के किसान अपने फसलों का बाजिव मूल्य चाहते हैं, परंतु देश की संपूर्ण आबादी को भूखे मरना नहीं पसंद करते। इसलिए किसी उपज बाजार के लिए नई राष्ट्रीय नीति के प्रारूप का किसान विरोध करते हैं। सरकार यदि फसल नहीं खरीद करेगी तो गरीबों को जन वितरण प्रणाली के माध्यम से अनाज नहीं मिलेगा। श्री यादव ने कृषि संकट के जिम्मेदार सरकार को बदल देने का आह्वान किया।

9 मार्च 2025 को पटना के गांधी मैदान में आयोजित भाकपा माले के बदलो बिहार महाजुटान में हजारों की संख्या में वैशाली जिला से किसानों को शामिल होने की अपील किया। धरना सभा को संगठन के जिला अध्यक्ष सुमन कुमार, जिला सहसचिव राम पारस भारती, राज्य पार्षद प्रेमा देवी, रामजतन राय, राम बहादुर सिंह, रामनाथ सिंह,बबलू कुमार, यशोदा देवी, किरण देवी, सहित अन्य किसान नेताओं ने संबोधित किया।

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