ऑपरेशन सिंदूर- सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस:पहली बार आर्मी-एयरफोर्स की मुस्लिम और हिंदू महिला अफसर मौजूद; विदेश सचिव बोले- पाकिस्तान में आतंकी महफूज- INA NEWS

पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक को लेकर बुधवार सुबह 10:30 बजे तीन अफसर मीडिया को ब्रीफ करने आए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबसे पहले एयर स्ट्राइक का 2 मिनट का वीडियो प्ले किया गया। इसमें आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की कार्रवाई दिखाई गई। देश के इतिहास में पहली बार सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयरफोर्स और आर्मी से एक मुस्लिम और एक हिंदू महिला अफसर मौजूद रहीं। आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स से विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (Pok) में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हमनें पाकिस्तानी सेना और आम लोगों को निशाना नहीं बनाया। ऑपरेशन सिंदूर देर रात 1 बजकर 5 मिनट से 1 बजकर 30 मिनट तक चलाया गया। विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री:
पहलगाम कायरतापूर्ण हमला था, इसमें परिवार के सामने लोगों की हत्या की गई। लोगों को सिर में गोली मारी गई। बचे हुए लोगों से कहा गया कि वे इस हमले का संदेश पहुंचाएं। ये हमला जम्मू-कश्मीर की अच्छी स्थिति को प्रभावित करने के लिए किया गया था। पिछले साल सवा दो करोड़ से ज्यादा पर्यटक कश्मीर आए थे। हमले का मकसद था कि कश्मीर के विकास और प्रगति को नुकसान पहुंचाकर पिछड़ा बनाए रखा जाए। हमले का यह तरीका जम्मू-कश्मीर और देश में सांप्रदायिक दंगे फैलाने से प्रेरित था। एक समूह ने खुद को TRF कहते हुए हमले की जिम्मेदारी ली है। इसे UN ने प्रतिबंधित किया है और यह लश्कर से जुड़ा हुआ है। पाकिस्तान स्थित समूहों के लिए कवर के तौर पर TRF का इस्तेमाल किया गया। लश्कर जैसे संगठन TRF जैसे संगठन को इस्तेमाल कर रहे हैं। पहलगाम हमले की जांच से पाकिस्तान के साथ आतंकवादियों के संपर्क उजागर हुए हैं। TYRF के दावे और लश्कर से सोशल मीडिया पोस्ट इसे साबित करती है। हमलावरों की पहचान भी हुई है। इस हमले की रूपरेखा भारत में सीमापार आतंकवाद फैलाने के पाकिस्तान का प्लान उजागर हुआ है। पाकिस्तान आतंकवादियों की शरण स्थली के रूप में पहचान बना चुका है। पहलगाम में हुए हमले से आक्रोश है। भारत सरकार ने पाकिस्तान से संबंधों को लेकर कुछ कदम उठाए। 22 अप्रैल के हमले के अपराधियों और इसकी प्लानिंग करने वालों को न्याय के कठघरे में लाना जरूरी था। वे इनकार करने और आरोप लगाने में ही लिप्त रहे हैं। पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों के बारे में हमें सूचना मिली थी कि वे और हमले कर सकते हैं। इन्हें रोकना जरूरी था। हमने इन्हें रोकने के अधिकार का इस्तेमाल किया है। यह कार्रवाई नपी-तुली और जिम्मेदारीपूर्ण है। आतंकवाद के इन्फ्रास्ट्रक्चर को खत्म करने और आतंकियों को अक्षम बनाने पर केंद्रित है। आतंकवाद के इस निंदनीय कार्य के आपराधियों को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता UN ने भी जताई थी। पिछले 10 साल में 600 जवान शहीद हुए, 350 नागरिक घायल
पिछले एक दशक में 350 से अधिक भारतीय नागरिक सीमा पार से प्रेरित आतंकवाद का शिकार हो चुके हैं। 800 से अधिक लोग इन नृशंस हिंसक कृत्यों में घायल हुए हैं। इस दौरान 600 से जयादा जवानों ने देश की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाई है, जबकि 1,400 से अधिक सुरक्षा कर्मी घायल हुए हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस लाइव देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें… 1971 में पाकिस्तान पर हमले के बाद यह पहली बार है, जब तीनों सेनाओं ने एक बार फिर 54 साल बाद आतंकी ठिकानों पर संयुक्त रूप से कार्रवाई की है। इसमें आर्मी, नेवी और एयरफोर्स शामिल हैं। करीब 9 घंटे बाद सुबह 10:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन सिंदूर की आधिकारिक जानकारी दी जाएगी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया ब्रीफिंग करेंगे। इससे पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस बैठक में सुरक्षा मामलों और रक्षा नीति पर चर्चा हुई।
Source link
यह पोस्ट सबसे पहले भस्कर डॉट कोम पर प्रकाशित हुआ हमने भस्कर डॉट कोम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है |