वैशाली में पं. दीनदयाल उपाध्याय की मनाई गई पुण्यतिथि

संवाददाता-राजेन्द्र कुमार

वैशाली / हाजीपुर: प्रखर राष्ट्रवादी विचारक और अंत्योदय एवं एकात्म मानववाद के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के अवसर पर जिला विधिज्ञ संघ भवन परिसर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कई सम्मानित अधिवक्ताओं ने पं. दीनदयाल उपाध्याय के तैल चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित की। यह दिखाता है कि पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचार आज भी समाज में कितनी महत्ता रखते हैं।

डिजिटल युग में जब विचारों का अंबार है, पं. दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानववाद और अंत्योदय का सिद्धांत आज भी प्रासंगिक है। अध्यक्षता करते हुए जिला विधिज्ञ संघ के उपाध्यक्ष अधिवक्ता राज कुमार दिवाकर ने पं. दीनदयाल उपाध्याय के योगदान को सराहा। उन्होंने कहा, “पं. दीनदयाल उपाध्याय ने अपने सम्पूर्ण जीवन को मां भारती के गौरव को पुनर्स्थापित करने में लगा दिया।” उनके विचार आज भी हमें प्रेरित करते हैं और समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए मार्गदर्शन करते हैं।

संचालन करते हुए भाजपा बिहार प्रदेश मीडिया प्रभारी किसान मोर्चा हरेश कुमार सिंह ने कहा, “पं. दीनदयाल उपाध्याय ने भारत के गरीब, युवा, महिला, किसान एवं अंत्योदय के उत्थान के लिए समर्पण के साथ कार्य किया।” उनकी सोच ने भारतीय राजनीति में अंत्योदय के सिद्धांत को स्थायी स्थान दिलाया, जो केवल आर्थिक समृद्धि नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता की दिशा में भी प्रेरित करता है।

इस अवसर पर अधिवक्ता जितेन्द्र कुमार मिश्रा, विनय कुमार झा, अरविन्द कुमार सिंह, रामाकांत भारती, शैलेश कुमार सिंह, विनय सिंह, अमित कुमार तिवारी, विशाल कुमार, विकास रंजन और कई अन्य अधिवक्ताओं ने अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं। उन्होंने एक स्वर में पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को अमर बताया और कहा कि उनकी शिक्षाएँ हमें जनसेवा की ओर प्रेरित करती रहेंगी।

पं. दीनदयाल उपाध्याय के योगदान पर चर्चा करते हुए विनय सिंह ने कहा, “उनका एकात्म मानववाद का सिद्धांत हमें बताता है कि समाज के सभी वर्गों का उत्थान आवश्यक है।” यही कारण है कि आज भी उनके विचार न केवल श्रद्धांजलि के रूप में याद किए जाते हैं, बल्कि समाज के उत्थान के लिए प्रेरणा का स्रोत भी हैं।

समाज की अद्भुत विविधता के बीच, पं. दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के सिद्धांत का अनुपालन करना आवश्यक है। अतीत के प्रति श्रद्धा दिखाना और भविष्य के प्रति सजग रहना आवश्यक है। इस कार्यक्रम को देखकर यह स्पष्ट होता है कि पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचार आज भी लोगों के दिलों में बसते हैं।

पुण्यतिथि के इस अवसर पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी उपस्थित अधिवक्ताओं ने पं. दीनदयाल उपाध्याय के प्रति श्रद्धा व्यक्त की और एक नई सोच के साथ आगे बढ़ने का संकल्प लिया। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हम उनके विचारों को अपने जीवन में आत्मसात कर पायेंगे।

इस प्रकार, पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि का यह आयोजन उनके प्रयासों और विचारों को फिर से जीवंत करने में सहायक सिद्ध हुआ। यह न केवल एक स्मरण था, बल्कि एक नई प्रेरणा भी थी, जो समाज के हर वर्ग को उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाने का संकल्प देती है।

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