Nation: Patanjali: आयुर्वेद के साथ पर्यावरण को बचाने में भी योगदान दे रहा पतंजलि, योग गुरु बाबा रामदेव ने शुरू की ये पहल #INA
.webp)
Patanjali: योग गुरु बाबा रामदेव ने दुनियाभर में योग को नई पहचान दिलाई है. इसके साथ ही योग गुरु ने पतंजलि के माध्यम से आयुर्वेद को भी घर-घर पहुंचाया है. यही नहीं योग गुरु बाबा रामदेव आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रकृति और पर्यावण को भी बचाने या संरक्षित करने का भी काम कर रहे हैं. जिसका उद्देश्य पर्यावरण को बचाने साथ लोगों को स्वच्छ और बेहतर जीवनशैली देना भी है. इसके लिए पतंजलि हरित पहल के जरिए पर्यावरण के अनुकूल वातावरण बनाने, भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रकृति को संरक्षित करने और धरती को एक स्वस्थ ग्रह बनाने का भी काम कर रही है. आइए जानें कि पतंजलि पर्यावरण पर कैसे महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रही है.
पर्यावरण को संरक्षित करने की पहल
दरअसल, पतंजलि हरित पहल के जरिए पर्यावरण को संरक्षित करने का काम कर रही है. जिसके लिए पतंजलि ने जैविक खेती, जल संरक्षण विधियों और वनीकरण कार्यक्रमों में निवेश को बढ़ाया है. पतंजलि की ये कोशिश जैव विविधता का समर्थन करने में भी मदद कर रही है. पतंजलि ने जैविक कृषि को प्रोत्साहित करके यह सुनिश्चित किया है कि मिट्टी स्वस्थ और हानिकारक रसायनों से मुक्त रहे, जिससे प्रकृति के साथ लोगों को भी लाभ हो.
पतंजलि के लिए स्थिरता सिर्फ एक कॉर्पोरेट शब्दावली नहीं है, बल्कि पतंजलि इसे एक दर्शन मानती है जो कंपनी के मूल में मौजूद है. पतंजलि ने स्थिरता को लेकर सभी पहलुओं पर ध्यान दिया है. फिर चाहे वह कच्चे माल की सोर्सिंग हो या फिर उत्पादन और वितरण तक. पतंजलि ने के नेतृत्व ने हमेशा टिकाऊ और स्थिर चीजों पर ध्यान दिया जा रहा है. पतंजलि की पहल से पर्यावरण के स्वास्थ्य के साथ लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ रहा है. पतंजलि के स्थिरता प्रयास भविष्य के लिए एक सकारात्मक पर्यावरणीय विरासत बनाने के उनके दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं.
पर्यावरण अनुकूल चीजों का इस्तेमाल कर रही पतंजलि
इसके साथ ही पतंजलि अपने उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखलाओं में पर्यावरण के अनुकूल चीजों का ही इस्तेमाल करती है. जिसमें अपशिष्ट को कम करना और जो भी संभव हो वेस्ट चीजों को रीसाइकिल करना भी शामिल है. इसके अलावा, पतंजलि की जल प्रबंधन पहल यह सुनिश्चित करती है कि वे प्राकृतिक जल संसाधनों की कमी को कम करें, जो भारत के कई हिस्सों में बढ़ती चिंता का विषय है.
पैकेजिंग से भी पर्यावरण को बचाने की कोशिश
आधुनिक कंपनियों में पैकेजिंग आमतौर पर कचरे का एक प्रमुख स्रोत है. लेकिन पतंजलि ने बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक और रिसाइकिल करने योग्य सामग्रियों जैसे पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों का उपयोग करके पैकेजिंग को बदलने की कोशिश की है. इसके लिए कंपनी एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक को खत्म कर रही है और हरित विकल्पों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है. जिससे पूरे उद्योग जगत में एक उदाहरण स्थापित किया जा सके. हरित पैकेजिंग से न केवल कचरा कम होता है बल्कि ये उपभोक्ताओं को हरित विकल्पों की आवश्यकता के बारे में जागरूक भी करता है.
जैविक खेती को बढ़ावा
पतंजलि की जैविक खेती भी पर्यावरण की रक्षा के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. जिसमें जैविक उत्पादों पर ध्यान दिया जाता है. पतंजलि खेती में रासायनिक कीटनाशकों और उर्वरकों के हानिकारक प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रही है. जैविक खेती न केवल मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ाती है बल्कि उपभोक्ताओं को स्वस्थ, रसायन मुक्त उत्पाद प्रदान कर उनको स्वस्थ जीवनशैली देने की कोशिश कर रही है.
ये भी पढ़ें: Patanjali: क्यों पतंजलि के उत्पादों पर भरोसा कर रहे लोग, ये है सबसे बड़ी वजह
Patanjali: आयुर्वेद के साथ पर्यावरण को बचाने में भी योगदान दे रहा पतंजलि, योग गुरु बाबा रामदेव ने शुरू की ये पहल
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :->/b>Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on newsnationtv.com, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,