देश- ‘जनता के पैसों से नहीं, अपनी पॉकेट से भरें जुर्माना’… NGT ने वाराणसी DM से ऐसा क्यों कहा?- #NA
वाराणसी डीएम एस. राजलिंगम.
NGT (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने वाराणसी डीएम एस राजलिंगम से कहा कि वे जुर्माना जनता के पैसों से नहीं, अपनी पॉकेट से भरें. यह टिप्पणी NGT के चेयरमैन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की प्रधान पीठ द्वारा वरुणा और असि नदी से संबंधित अतिक्रमण और प्रदूषण मुक्त करने की याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई. NGT ने यूपी सरकार और वाराणसी प्रशासन से सवाल किए हैं कि वरुणा और असि नदी से अतिक्रमण कब हटाया जाएगा, क्योंकि अब तक कोई टाइमलाइन तय नहीं की गई है.
यूपी सरकार के काउंसिल ने जानकारी दी कि सात दिसंबर को वाराणसी प्रशासन और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी, रुड़की के बीच एक एमओयू साइन किया गया है. इस एमओयू के तहत, “सौ साल की स्टडी रिपोर्ट तैयार की जाएगी और 6 मई को रिपोर्ट यूपी सरकार को सौंपी जाएगी, जिसमें फ्लड प्लेन जोन का निर्धारण किया जाएगा और पिलर लगाए जाएंगे. इसके बाद इंक्रोचमेंट की सही स्थिति का पता चलेगा.”
अपने पॉकेट से भरिए जुर्माना- NGT
NGT ने वाराणसी DM पर लगाए गए 10 हजार रुपए के जुर्माने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, “जुर्माना आप जनता के पैसे से नहीं, अपनी पॉकेट से भरिए. इस मामले में आप रेगुलर डिफॉल्टर हैं.” NGT ने यह भी आदेश दिया कि वरुणा और असि नदी के पुनरुद्धार के लिए एक पूर्णकालिक पर्यावरणविद की नियुक्ति की जाए.
वरुणा नदी, जो 200 किलोमीटर लंबी है और असि नदी, जो 8 किलोमीटर लंबी है. इन दोनों नदियों के पुनरुद्धार को लेकर दाखिल की गई. याचिका पर NGT सुनवाई कर रहा था. इस मामले की अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी.
NGT ने पहले भी लगाई DM को फटकार
NGT ने इस मामले में पहले भी वाराणसी के DM एस. राजलिंगम को फटकार लगाई थी. 18 नवंबर को हुई सुनवाई में NGT ने DM से पूछा था कि गंगा की सहायक नदियों असि और वरुणा के अतिक्रमण और प्रदूषण को लेकर आपने दो साल में क्या कदम उठाए हैं?
इसके साथ ही NGT ने DM एस. राजलिंगम से पूछा था कि आप वाराणसी में गंगा का पानी पी सकते हैं? क्या गंगा आचमन और स्नान योग्य है? DM की खामोशी देखकर NGT ने कह कि अगर ऐसा है तो गंगा किनारे बोर्ड क्यों नहीं लगवा देते कि वाराणसी में गंगा का पानी अब नहाने या पीने योग्य नहीं है. वहीं, यूपी सरकार काउंसिल भंवर पाल जादौन ने बताया कि DM वाराणसी एस. राजलिंगम ने NGT की ओर से लगाया गया 10 हजार रुपए का जुर्माना भर दिया है.
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