राजापाकर के प्राचीन शिव मंदिर की देखरेख करने वाली आध्यात्मिक चेतना समिति ट्रस्ट के लोगों को मिली जान से मारने की धमकी
संवाददाता-राजेन्द्र कुमार ।
राजापाकर। प्रखंड क्षेत्र के ऐतिहासिक समिति पोखर पर अवस्थित प्राचीन शिव मंदिर की देखरेख के लिए बनाई गई आध्यात्मिक चेतना समिति ट्रस्ट के लोगों को हाल ही में कुछ अज्ञात लोगों द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई है। इस घटना ने न केवल ट्रस्ट के सदस्यों में भय का माहौल उत्पन्न किया है, बल्कि स्थानीय श्रद्धालुओं के बीच भी चिंता की लहर दौड़ा दी है। इसके अलावा, मंदिर परिसर में स्थित दुकानों में आग लगाने की धमकी भी दी गई है। इसी संदर्भ में आध्यात्मिक चेतना समिति ट्रस्ट के लोगों ने सराय थाना को एक आवेदन प्रस्तुत किया है, जिसमें कई लोगों के हस्ताक्षर भी शामिल हैं।
प्राचीन शिव मंदिर का महत्व
यह प्राचीन शिव मंदिर 1953 ईस्वी में स्थापित हुआ था और इसकी स्थापना के बाद से इसे देखने एवं पूजा करने के लिए भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती गई है। पिछले तीन वर्षों में मंदिर परिसर में भगवान भोलेनाथ की सबसे ऊंची प्रतिमा का निर्माण कार्य चल रहा है, जो इस मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए और भी आकर्षण का केंद्र बना रहा है। भक्तों का साल भर मंदिर में आना-जाना लगा रहता है, विशेष रूप से महाशिवरात्रि के दौरान जब यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिलता है।
धमकी की घटना का विवरण
पिछले शुक्रवार को कुछ अनजान लोगों ने आध्यात्मिक चेतना समिति ट्रस्ट के सदस्यों को मंदिर परिसर में आकर धमकी दी। इस धमकी ने ट्रस्ट के सदस्यों के बीच चिंता के साथ-साथ सख्त मुआवजे की मांग भी उठाई है। आवेदन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि इन धमकियों की अनदेखी की गई, तो महाशिवरात्रि मेले के दौरान उपद्रव हो सकता है, जो घटना को और भी गंभीर बना सकता है। इसलिए सराय थाना अध्यक्ष से आग्रह किया गया है कि वे इस मामले की गंभीरता को समझते हुए उचित कार्रवाई करें।
सुरक्षा के उपाय
आध्यात्मिक चेतना समिति ट्रस्ट के लोगों ने सराय थाना को दिए गए आवेदन में सुरक्षा बढ़ाने की भी मांग की है, ताकि श्रद्धालुओं और ट्रस्ट के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। ट्रस्ट के सदस्यों का मानना है कि यदि पुलिस अपनी भूमिका निभाती है और समय पर कार्रवाई करती है, तो इस तरह की घटनाओं पर रोका जा सकता है। सभी की सुरक्षा से जुड़ा यह मामला सिर्फ एक मंदिर का ही नहीं, बल्कि एक समग्र समाज का है, जहां धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सभी की जिम्मेदारी बनती है।
इस घटना ने स्थानीय समाज में एक बार फिर से ध्यान आकर्षित किया है कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सिर्फ प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं होती, बल्कि समाज के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य बनता है। आध्यात्मिक चेतना समिति ट्रस्ट के सदस्यों का यह साहस और चिंता एक सशक्त संकेत है कि सुरक्षा और धर्म की रक्षा के लिए हम सभी को एकजुट होना चाहिए। इस प्रकार की घटनाएँ हमें यह याद दिलाती हैं कि हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए, ताकि हम अपने धार्मिक स्थलों की रक्षा कर सकें और एक शांतिपूर्ण समाज का निर्माण कर सकें।