National-बिजनेस के लिए ले रहे पर्सनल लोन? इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान – #INA

Personal Loan for Business: आजकल मेडिकल खर्च, पढ़ाई या बिजनेस बढ़ाने जैसी जरूरतों के लिए पर्सनल लोन लेने का चलन काफी बढ़ गया है। हालांकि, बिजनेस के लिए पर्सनल लोन लेना थोड़ा जटिल हो सकता है। इसमें कई चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। यहां 5 अहम बातें दी गई हैं, जो आपको बिजनेस के लिए पर्सनल लोन लेने से पहले समझनी चाहिए।

फटाफट लोन मिलना

पर्सनल लोन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे जल्दी मंजूरी मिल जाती है। बिजनेस लोन में ढेर सारे डॉक्यूमेंट्स और लंबी प्रक्रिया लगती है। लेकिन, पर्सनल लोन कुछ ही घंटों में मिल सकता है। यह उन बिजनेस प्रोफेशनल्स के लिए सही होता है, जिन्हें तुरंत पैसे की जरूरत होती है।

बिना किसी गारंटी के लोन

पर्सनल लोन लेने के लिए किसी प्रॉपर्टी या गारंटी की जरूरत नहीं होती। इससे नए बिजनेस वालों को फायदा मिलता है। लेकिन इसी वजह से इसका ब्याज ज्यादा होता है। लोन चुकाने की शर्तें भी सख्त हो सकती हैं, जिससे आगे चलकर परेशानी हो सकती है। ब्याज दर भी आपके क्रेडिट स्कोर, लोन की अवधि और बैंक की पॉलिसी के हिसाब से बदल सकती हैं।

लोन लिमिट भी अहम फैक्टर

पर्सनल लोन आसानी से मिल जाता है, लेकिन इसकी अधिकतम रकम सीमित होती है। अधिकतर बैंक पर्सनल लोन के रूप में ₹10 लाख तक ही देते हैं, जो बड़े बिजनेस या विस्तार के लिए काफी नहीं होता। इसलिए, लोन लेने से पहले अपनी जरूरत और कर्ज चुकाने की क्षमता का सही आकलन करें।

क्रेडिट स्कोर पर असर

पर्सनल लोन आपके क्रेडिट स्कोर से जुड़ा होता है। समय पर लोन चुकाने से क्रेडिट स्कोर सुधरता है, लेकिन अगर आप लोन नहीं चुका पाते, तो आपका स्कोर खराब हो सकता है। इससे भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड लेना मुश्किल हो सकता है।

टैक्स पर असर

अगर आप बिजनेस के लिए पर्सनल लोन लेते हैं, तो टैक्स छूट तभी मिलेगी जब यह साबित कर सकें कि लोन की रकम बिजनेस में ही लगी है। इसके लिए सही दस्तावेज होना जरूरी है, वरना टैक्स फाइलिंग में दिक्कत हो सकती है। आप किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स एक्सपर्ट से सलाह लें, ताकि बिजनेस के लिए लिए गए पर्सनल लोन को सही तरीके से टैक्स में दिखाया जा सके।

पर्सनल लोन लेते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

  • अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरें अलग होती हैं। प्रोसेसिंग फीस, फोरक्लोजर चार्ज और अन्य हिडेन चार्ज भी चेक करें।
  • EMI कम रखने के लिए लंबी अवधि चुन सकते हैं, लेकिन इससे कुल ब्याज बढ़ जाता है। लोन टेन्योर सोच-समझकर तय करें।
  • अच्छा क्रेडिट स्कोर (750+), लोन मंजूरी और कम ब्याज दर पाने में मदद करता है। पहले अपना स्कोर चेक करें।
  • सिर्फ जरूरी कामों के लिए ही लोन लें। बिना जरूरत के कर्ज लेना आर्थिक संकट बढ़ा सकता है।
  • समय पर EMI न देने से क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है और पेनल्टी भी लग सकती है। इसलिए रीपेमेंट प्लानिंग करें।

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बिजनेस के लिए ले रहे पर्सनल लोन? इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान


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