देश – SC में धर्म संसद पर याचिका, कहा- जहर उगलते हैं यति नरसिंहानंद, आयोजन पर लगे रोक – #INA
Ghaziabad News :
यति नरसिंहानंद फाउंडेशन द्वारा प्रस्तावित विश्व धर्म संसद का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कुछ रिटायर्ड अधिकारियों की ओर से मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सर्वोच्च अदालत की अवमानना और सांप्रदायिक सौहार्द को खतरा होने की आशंका जताई गई है। विश्व धर्म संसद का आयोजन 17 से 19 दिसंबर तक प्रस्तावित थी और इस आयोजन में 40 देशों के प्रतिनिधियों के शामिल होने की बात कही गई थी। याचिका में कहा गया है कि गाजियाबाद जिला प्रशासन और यूपी पुलिस नफरत फैलाने वाले भाषणों पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार काम करने में विफल रहने की बात कही गई है।
धर्म संसद पर रोक लगाने के लिए याचिका
याचिका में कहा गया है कि डासना स्थित शक्तिधाम के महंत, जो इस धर्म संसद के आयोजन हैं, लगातार मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाते हैं और संप्रदायिक बयान देते हैं। इसी आधार पर धर्म संसद पर रोक लगाने की मांग की गई है। पूर्व आईएएस अधिकारी अरुणा राय, पूर्व आईएफएस अधिकारी अशोक कुमार शर्मा, देव मुखर्जी, नवरेखा शर्मा, योजना आयोग की पूर्व सदस्य सईदा हमीद और सामाजिक शोधकर्ता विजयन एमजे की ओर से सोमवार को वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सर्वोच्च अदालत से मामले पर तत्काल सुनवाई की अपील की है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजयकुमार की खंडपीठ ने अधिवक्ता से इस संबंध में मेल करने को कहा है।
यति बोले, परमिशन नहीं मिली कार्यक्रम स्थल बदला
हालांकि यति नरसिंहानंद और फाउंडेशन की महासचिव डा. उदिता त्यागी कई बार पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी को पत्र देकर धर्म संसद के आयोजन के लिए की परमिशन मांग चुकी हैं लेकिन गाजियाबाद पुलिस- प्रशासन ने आयोजन की अनुमति नहीं दी है। मामले में यति नरसिंहा का कहना है कि आयोजन के लिए अनुमति न मिलने के बाद कार्यक्रम स्थल बदल दिया गया है। अब हरिद्वार के कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी है हालांकि हरिद्वार प्रशासन की ओर से मामले में नोटिस जारी होने की जानकारी मिली है।
2021 में हरिद्वार में आयोजित हुई थी धर्म संसद
बता दें कि 2021 में हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद के दौरान विवाद बयानों के बाद विवाद खड़ा हो गया था। विवाद के चलते यति नरसिंहानंद समेत कई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, मामले में यति नरसिंहानंद को गिरफ्तार भी किया गया था। इसके अलावा 29 सितंबर को गाजियाबाद के हिंदी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यति नरसिंहानंद द्वारा दिए गए बयान के बाद भी मुकदमा दर्ज हुआ और करीब एक माह तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा। विरोध में डासना मंदिर के बाहर जमा हुई भीड़ ने काफी हंगामा किया था और पुलिस को बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ना पड़ा था।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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