उटंगन नदी पर बांध बनवाने की योजना है विकास की एक नई दिशा : सिविल सोसायटी ऑफ आगरा
आगरा जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा उटंगन नदी पर बांध बनवाने की योजना की घोषणा ने जल प्रबंधन के क्षेत्र में एक नई आशा की किरण जगाई है। फतेहाबाद तहसील के रेहावली गांव में होने वाली इस योजना का उद्देश्य भूगर्भ जल के स्तर में सुधार लाना और मानसून के समय में जल संचय को बढ़ावा देना है। यह योजना सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के सदस्यों के साथ चर्चा के दौरान सामने आई, जहां उन्होंने इस परियोजना की उपयोगिता का विस्तार से उल्लेख किया।
जल प्रबंधन की आवश्यकता
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के प्रतिनिधियों ने बताया कि जनपद में जलाशयों के जलग्रहण क्षेत्रों के जल प्रबंधन को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। उटंगन नदी, जो कि एक अंतर्देशीय नदी है, इस दिशा में विशेष महत्व रखती है। यहां पर प्रस्तावित रेहावली बांध कई प्रकार की जल योजनाओं के लिए आदर्श साबित हो सकता है।
उटंगन नदी का बहाव 288 किमी है, जिसमें से उत्तर प्रदेश में इसकी लंबाई 66 किमी है। नदी का पानी मुख्य रूप से मानसून के दौरान आता है, लेकिन वर्तमान में यह प्रवाह सीमित हो गया है। इससे नदी में जल का स्तर बेहद घट गया है, जिसके पीछे मुख्य कारण राजस्थान सरकार द्वारा पानी का संरक्षण करना है।
फंडिंग और योजना का कार्यान्वयन
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि उटंगन नदी में यमुना नदी के उफान को समेटने के लिये एक ठोस कार्य योजना तैयार कर शासन को भेजा जाए। योजना की फंडिंग और क्रियान्वयन पर यदि जल्द कार्य शुरू किया जाता है, तो यह न केवल क्षेत्र के जल संकट को समाप्त कर सकता है, बल्कि भूगर्भ जल के स्तर को भी बनाए रख सकता है।
उटंगन नदी की जल प्रबंधन योजना बना कर यदि इसे केन्द्रीय जल आयोग के नियंत्रण में लाया जाए तो यह और भी प्रभावी सिद्ध हो सकती है। शमशाबाद रोड पर अपने कैंप ऑफिस में सिविल सोसायटी के सदस्यों ने बताया कि उटंगन नदी के जलस्तर की जानकारी उपलब्ध कराई गई है, और यदि आवश्यकता हुई, तो यमुना नदी के जल स्तर की 50 साल की जानकारी भी प्रदान की जाएगी।
जलाशयों का महत्व
रेहावली गांव में बन रहे बांध की योजना में ये भी शामिल है कि जलाशयों के जलग्रहण क्षेत्रों का संग्रहित जल विभिन्न योजनाओं के लिए कैसे उपयोग किया जाए। इधर, अनिल शर्मा, जो कि सिविल सोसायटी के सचिव हैं, ने कहा कि मानसून के दौरान यमुना नदी का उफान उटंगन नदी तक भी पहुंचता है, और इस जल का समुचित प्रबंधन आवश्यक है।
जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा उटंगन नदी पर बांध बनवाने की योजना वास्तव में एक जरूरी कदम है, जो न केवल विकास की दिशा में एक नया क्षितिज खोलेगा, बल्कि क्षेत्र की जल प्रबंधन संबंधी समस्याओं को भी दूर करेगा। आने वाले समय में, यदि सिविल सोसायटी और जिला प्रशासन इसे प्रभावी तरीके से कार्यान्वित कर पाते हैं, तो यह परियोजना निश्चित रूप से क्षेत्र के लिए लाभप्रद सिद्ध होगी। जल की उपलब्धता में सुधार और भूगर्भ जल के स्तर में वृद्धि कर इस योजना का उद्देश्य केवल जल संचय नहीं, बल्कि विकास का संपूर्ण परिवर्तित स्वरूप तैयार करना भी है।
आगरा की जल समस्या को लेकर यह योजना एक सकारात्मक दिशा में उभरने वाला कदम प्रतीत हो रहा है, जो हमें यह इंगित करता है कि जल प्रबंधन में सही उपायों को अपनाना कितना महत्वपूर्ण है। हम सब को मिलकर इस योजना का समर्थन करना चाहिए ताकि यह धरातल पर सफलतापूर्वक लागू हो सके।