आगरा में टप्पेबाजी करने वाले गैंग की गिरफ्तारी: पुलिस ने खोली ठगी की कलई
आगरा: हाल ही में आगरा पुलिस द्वारा एक टप्पेबाजी गैंग की गिरफ्तारी ने शहर में खलबली मचा दी है। यह गैंग अपने जाल में फंसाने के लिए अपने शिकार को सोने के सिक्के दिखाकर धोखाधड़ी करता था। इस गैंग ने न केवल आगरा बल्कि उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों, मध्य प्रदेश और असम सहित कई राज्यों में लोगों को ठगने का काम किया है।
आगरा में टप्पेबाजी की घटना की पुष्टि
18 अक्टूबर को, आगरा के हरीपर्वत क्षेत्र में एक व्यक्ति को ठगने का प्रयास किया गया। आरोपियों ने जूस पी रहे एक व्यक्ति को मेट्रो की खुदाई में सोने निकलने की बात कहकर अपने जाल में फंसाया। उन लोगों ने नकली सोने के सिक्के दिखाकर उस व्यक्ति से 5 लाख रुपए की ठगी की। जब पीड़ित ने सिक्कों की असलीता का प्रमाणीकरण कराया, तब पता चला कि वे नकली थे। इस घटना के बाद थाना हरीपर्वत पर इस केस का मुकदमा दर्ज किया गया।
आरोपियों की गिरफ्तारी में पुलिस का प्रयास
आगरा पुलिस पहले से ही इस गैंग के पीछे थी और उन्हें पकड़ने के लिए कई दिनों तक प्रयासरत रही। गुरुवार को पुलिस को जानकारी मिली कि आईएसबीटी के पास फिर से ठगने के लिए एक गैंग सक्रिय है। पुलिस ने सूचनानुसार कार्रवाई करते हुए गैंग के 5 सदस्यों को पकड़ा, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। गैंग का लीडर धर्मेंद्र है, जिसने पुलिस को बताया कि वे भीड़भाड़ वाली जगह पर जाकर लोगों को सोने के सिक्के दिखाकर उन पर विश्वास जताते थे।
ठगी का तरीका और योजना
गैंग के सदस्य फर्जी आईडी पर लिए गए मोबाइल नंबर का उपयोग करते थे। इसके बाद वे ठगी की डील के लिए लोगों को सुनसान जगह पर बुलाते थे, जहां वे उन्हें नकली सोने के सिक्के देते थे। अभियुक्तों ने माना कि उन्होंने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आसाम समेत कई राज्यों में ठगी की है। खास बात यह है कि ठगी के बाद ये लोग अक्सर अंडरग्राउंड हो जाते थे।
आरोपियों का ठिकाना और बरामदगी
पकड़े गए आरोपियों में धर्मेंद्र (मेरठ), सूरज (फिरोजाबाद), और शंकर (नागलोई, दिल्ली) शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों से 3.78 लाख रुपए, 8 मोबाइल, 7 सिम कार्ड और करीब एक किलो नकली सोने के सिक्के बरामद किए हैं। सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है और पुलिस जांच में जुटी है, ताकि उनकी अन्य ठगी की घटनाओं का भी पता लगाया जा सके।
जागरूकता की महत्ता
इस घटना ने एक बार फिर से यह उजागर किया है कि आजकल किस प्रकार से ठग अपने शिकार बनाते हैं। ऐसे में नागरिकों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। उन्हें अपने आसपास के लोगों के साथ साझा करते रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पुलिस को जरूर देनी चाहिए।
इस टप्पेबाजी गैंग की गिरफ्तारी ने न केवल आगरा पुलिस की सक्रियता को दिखाया है बल्कि स्थानीय निवासियों को भी इस प्रकार की ठगी से बचने की सीख दी है। पुलिस के अधिकारियों ने परिसर में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की योजना बनाई है, ताकि लोगों को इस तरह के धोखेबाजों से सजग रहने में मदद मिल सके।
आगरा में हुए इन घटनाओं ने स्पष्ट कर दिया है कि सामूहिक जागरूकता और प्रशासनिक तत्परता के जरिये ही ऐसे गैंग्स पर काबू पाया जा सकता है। हमें अपने आसपास की गतिविधियों पर ध्यान रखना चाहिए, ताकि ऐसे अपराधियों का सामना कर सकें।