Political – 5, 10 या 15 लाख…दिल्ली के दंगल में कांग्रेस के कितने वोट बढ़ाएंगे AAP की टेंशन- #INA

राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और मल्लिकार्जुन खरगे.

दिल्ली विधानसभा चुनाव की लड़ाई त्रिकोणीय बनाने के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है. एक तरफ चुनावी रण में पार्टी ने सभी बड़े चेहरे को उतार दिया है. वहीं पार्टी के दिग्गज भी कैंपेन में जान से जुट गए हैं. कहा जा रहा है कि कांग्रेस की कवायद अपने खोए वोटबैंक को पाने की है.

2013 से पहले तक कांग्रेस के पास जो वोट बैंक था, उस पर आम आदमी पार्टी ने कब्जा कर लिया. ऐसे में कांग्रेस अब अगर मजबूत वापसी करती है तो इसका नुकसान अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को हो सकता है. इन दावों के इतर दो सवाल सियासी गलियारों में है.

पहला, क्या कांग्रेस अपना खोया जनाधार वापस पा सकती है और दूसरा आप को मुश्किल में डालने के लिए कांग्रेस को कितने वोट लाने होंगे?

दिल्ली में कांग्रेस की रणनीति क्या है?

कांग्रेस ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी को मुख्य विपक्षी पार्टी घोषित किया है. कांग्रेस की पूरी रणनीति आप की मजबूत मोर्चेबंदी के इर्द-गिर्द ही है. कांग्रेस दिल्ली में मजबूत उम्मीदवार उतारने के साथ-साथ दलित और मुस्लिम फॉर्मूले पर आगे बढ़ रही है.

कांग्रेस ने आप के टॉप-थ्री नेताओं पर हमला करने की रणनीति भी बनाई है. इसके अलावा पार्टी के तीन बड़े नेता मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी चुनावी कैंपेन में कूदेंगे. खुद राहुल गांधी नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रचार करेंगे.

राहुल गांधी दिल्ली में 3 दिन की यात्रा भी कर सकते हैं, जिससे कांग्रेस करीब 20 सीटों को साधना चाहती है.

कांग्रेस के कितने वोट से आप की टेंशन बढ़ेगी?

बड़ा सवाल यही है कि कांग्रेस दिल्ली में कितनी वोट लाती है तो इसका सीधा असर आप के परफॉर्मेंस पर पड़ेगा? आइए इसे 3 प्वॉइंट्स में समझते हैं…

1. दिल्ली में बीजेपी को मिलने वाले वोट

2008 का चुनाव इसी परिसीमन के साथ हुआ था. इस चुनाव में कुल 57 लाख वोट पड़े थे, जिसमें से भारतीय जनता पार्टी को 22.4 लाख वोट मिले थे. प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए तो बीजेपी को इस चुनाव में 36.34 प्रतिशत वोट मिले थे. 2013 में दिल्ली में करीब 78 लाख वोट पड़े थे.

बीजेपी को इस चुनाव में 33.3 प्रतिशत वोट मिले थे. संख्या के हिसाब से देखा जाए तो बीजेपी को करीब 26 लाख वोट मिले थे. चुनाव में बीजेपी को 31 सीटों पर जीत मिली थी. जो 2008 के 23 से 8 ज्यादा था.

2015 में बीजेपी की सीटें 31 से घटकर 3 हो गई, लेकिन बीजेपी के वोटों में ज्यादा कमी नहीं आई. 2015 में करीब 85 लाख वोट पड़े थे, जिसमें बीजेपी को 32 प्रतिशत यानी 29 लाख वोट मिले.

2020 में बीजेपी की सीट 3 से बढ़कर 8 हो गई. इस चुनाव में करीब 90 लाख वोट पड़े और बीजेपी गठबंधन को 37 हजार वोट मिले. पिछले 4 चुनाव के ट्रैक रिकॉर्ड को देखा जाए तो बीजेपी के वोटों की संख्या में ज्यादा उलटफेर नहीं हुआ है. बीजेपी के वोटों की संख्या में बढ़ोतरी ही हुई है.

2. आप और कांग्रेस को मिलने वाले वोट

2013 में आम आदमी पार्टी ने 28 सीटों पर जीत हासिल की थी. इस चुनाव में आप को करीब 23 लाख वोट मिले थे. 8 सीटों पर जीत हासिल करने वाली कांग्रेस को 19 लाख वोट मिले. 2008 में कांग्रेस को 24 लाख वोट मिले थे. 2015 के चुनाव में आप की सीटें 28 से बढ़कर 67 हो गई. वहीं कांग्रेस की सीटें 8 से घटकर शून्य पर पहुंच गई.

इस चुनाव में आप को 48.7 लाख और कांग्रेस 8.5 लाख वोट मिले. 2020 में आप की सीटें 67 से 62 पर आ गई. हालांकि, कांग्रेस की शून्य सीट पर कोई फर्क नहीं पड़ा. कांग्रेस को 2020 में 2 लाख तो आप को 49 लाख वोट मिले.

अगर 3 चुनाव का डेटा देखा जाए तो कांग्रेस के वोट आप की तरफ आसानी से शिफ्ट हो गए.

3. इस बार के सिनेरियो पर सबकी नजर

चुनाव आयोग के मुताबिक दिल्ली में इस बार कुल 1.5 करोड़ मतदाता हैं, जो 5 फरवरी को विधायक और सरकार चुनने के लिए अपने मतों का प्रयोग करेंगे. जानकारों का मानना है कि दिल्ली में इस बार के चुनाव में करीब 1 करोड़ वोट पड़ सकते हैं. वोट का प्रतिशत 70 के आसपास रह सकता है.

ऐसे में कांग्रेस अगर 10 लाख से ज्यादा वोट लाने में सफल होती है, तभी चुनाव में आप की मुश्किलें बढ़ सकती है. 2020 में आप और बीजेपी के बीच वोटों का फासला 12 लाख का था. 2025 के चुनावी घमासान में इस खाई को पाटने के लिए बीजेपी ने भी मजबूत मोर्चेबंदी की है.

कांग्रेस अगर 2013 की तरह 19 लाख या उसके आसपास वोट लाने में सफल होती है, तभी आप की सियासी सेहत पर असर पड़ेगा, नहीं तो कांग्रेस दिल्ली में सिर्फ वोटकटवा पार्टी बनकर रह जाएगी.

प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए तो यह 10-12 प्रतिशत के आसपास है. वर्तमान में कांग्रेस के पास दिल्ली में 4 प्रतिशत वोट है.

5, 10 या 15 लाख…दिल्ली के दंगल में कांग्रेस के कितने वोट बढ़ाएंगे AAP की टेंशन


देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,

#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on https://www.tv9hindi.com/, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News