Political – दिल्ली यूनिवर्सिटी से निकले और छा गए… क्या इस बार बाजी मार पाएंगे DUSU के ये 6 चेहरे?- #INA

दिल्ली के दंगल में DUSU की भी परीक्षा, नर्सरी से निकले 6 नेता मैदान में
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के चुनावी दंगल में इस बार भी दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ की नर्सरी से निकले नेताओं का दबदबा दिख रहा है. डूसू के 6 पूर्व पदाधिकारी इस बार चुनावी रण में उतरे हैं. इनमें 3 को कांग्रेस, 2 को बीजेपी और एक को आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. डूसू के जिन 6 पूर्व पदाधिकारियों को टिकट मिला है, उनमें 5 पूर्व अध्यक्ष और एक पूर्व उपाध्यक्ष रहे हैं.
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष अलका लांबा तो मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ ही मैदान में है. इसी तरह रागिनी नायक वजीरपुर, अनिल झा वत्स किराड़ी, आशीष सूद जनकपुरी जैसी हाई-प्रोफाइल सीट से मैदान में हैं.
देश की सियासत में डूसू से निकले हैं कई बड़े नेता
दिल्ली के चुनावी मैदान में उतरे इन 6 पूर्व पदाधिकारियों का क्या होगा, यह तो 8 फरवरी को आने वाले नतीजे के दिन तय होगा, लेकिन डूसू ने देश और दिल्ली को कई बड़े नेता दिए हैं. डूसू से निकले अरुण जेटली, विजय गोयल और अजय माकन केंद्र में मंत्री बने. अजय माकन तो दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे हैं. वर्तमान में कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष हैं.
इसी तरह 1973 में दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए आलोक कुमार वर्तमान में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. इसी तरह डूसू की पदाधिकारी रही पिंकी आनंद लोकसभा के लिए चुनी जा चुकी हैं. आरती मेहरा दिल्ली की मेयर रह चुकी हैं. विजय जॉली और अनिल झा विधायक रहे हैं.
किसके लिए राह आसान, किसकी बाजी भारी?
1. अलका लांबा- 1995 में दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ की अध्यक्ष रह चुकी अलका लांबा कांग्रेस के सिंबल कालकाजी सीट से मैदान में है. अलका यहां पर त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी नजर आ रही है. एक तरफ इस सीट से बीजेपी के रमेश बिधूड़ी मैदान में हैं तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री और आप कैंडिडेट आतिशी.
कांग्रेस में महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा 2015 में चांदनी चौक से विधायक रह चुकी हैं. अलका इस बार भी चांदनी चौक से ही लड़ना चाह रही थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें कालकाजी भेज दिया.
2. सतीश उपाध्याय- साल 1982 में डूसू के उपाध्यक्ष रहे सतीश उपाध्याय मालवीय नगर सीट से बीजेपी उम्मीदवार हैं. उपाध्याय का सीधा मुकाबला मालवीय नगर सीट पर आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती से है. भारती 2013 से इस सीट पर जीत दर्ज कर रहे हैं. कांग्रेस के जितेंद्र कोचर पूरे मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं. मालवीय नगर की गिनती दिल्ली के पॉश इलाके में होती है.
3. रोहित चौधरी- नांगलोई सीट से कांग्रेस ने रोहित चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. रोहित 2003 में डूसू के अध्यक्ष चुने गए थे. रोहिता का नांगलोई में आप के रघुविंदर शौकीन और बीजेपी के मनोज शौकीन से है. जाट बहुल नांगलोई में रोहित की राह आसान नहीं दिख रही है.
4. रागिनी नायक- वजीरपुर सीट से रागिनी नायक को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है. नायक 2005 में डूसू की अध्यक्ष चुनी गई थीं. वर्तमान में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं. वजीरपुर सीट पर आप की तरफ से राजेश गुप्ता और बीजेपी की तरफ से पूनम शर्मा मैदान में हैं. आखिरी बार कांग्रेस यहां 2008 में जीती थी. पिछले चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार ने यहां अपना जमानत जब्त करवा लिया था.
5. अनिल झा- पूर्व विधायक अनिल झा वत्स इस बार भी किराड़ी सीट से मैदान में हैं. हालांकि, अबकी उनकी पार्टी बदली हुई है. अनिल इस बार आप के सिंबल पर मैदान में हैं. किराड़ी सीट पर अनिला का मुकाबला बीजेपी के बजरंग शुक्ला से है. अनिल 2015 और 2020 में आप के ऋतुराज गोविंद से चुनाव हार गए थे. 1997 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के टिकट पर अनिल ने डूसू छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव जीता था.
6. आशीष सूद- जनकपुरी सीट से उम्मीदवार आशीष सूद भी डूसू के अध्यक्ष रहे हैं. 1988 में आशीष ने अध्यक्ष का चुनाव जीता था. आशीष का मुकाबला जनकपुरी में आम आदमी पार्टी के प्रवीण कुमार से है. 2015 से यहां बीजेपी चुनाव नहीं जीत पा रही है. कांग्रेस ने हरबनी कौर को यहां से उम्मीदवार बनाया है.
अब दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के बारे में
दिल्ली यूनिवर्सिटी में 1949 में छात्र संघ का गठन हुआ था. 1972 तक यहां पर अध्यक्ष और अन्य बड़े पदों के लिए अप्रत्यक्ष तौर पर चुनाव कराए जाते थे. 1972 में डूसू में छात्रों ने इसको लेकर विरोध कर दिया, जिसके बाद प्रत्यक्ष तौर पर चुनाव कराया जाने लगा.
1975 में इंदिरा गांधी के आपातकाल के खिलाफ डूसू के छात्रनेता खूब सक्रिय रहे. डूसू में आम तौर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और कांग्रेस के एनएसयूआई के बीच ही मुकाबला होता रहा है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी से निकले और छा गए… क्या इस बार बाजी मार पाएंगे DUSU के ये 6 चेहरे?
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