Political – Exit Poll: हरियाणा में कांग्रेस की बंपर जीत, जम्मू-कश्मीर में PDP बनेगी किंगमेकर- #INA

हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर एग्जिट पोल के अनुमान सामने आ गए हैं

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग खत्म होने के बाद एग्जिट पोल के अनुमान भी सामने आ गए. अनुमानों में हरियाणा में कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना सकती है. दूसरी ओर बीजेपी की 10 साल बाद सत्ता से विदाई हो सकती है. वहीं, जम्मू-कश्मीर चुनाव के एग्जिट पोल में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को बढ़त दी गई है. कुछ एग्जिट पोल ने इस गठबंधन को बहुमत के करीब दिखाया है, लेकिन पीडीपी किंगमेकर की भूमिका में नजर आ सकती है.

हरियाणा में शनिवार को राज्य की सभी 90 सीटों पर एक ही चरण में वोट डाले गए. चुनाव में मुख्य रूप से मुकाबला बीजेपी, कांग्रेस, जेजेपी, आईएनएलडी के बीच है. वहीं, जम्मू-कश्मीर में 1 अक्टूबर को तीसरे और आखिरी चरण की वोटिंग खत्म हुई थी. इससे पहले 18 और 25 सितंबर को वोट डाले गए थे. केंद्र शासित प्रदेश में करीब 10 साल बाद चुनाव हुए हैं और एग्जिट पोल के अनुमानों में बीजेपी को बहुत ज्यादा राहत मिलती हुई नजर नहीं आ रही है.

क्या कहते हैं हरियाणा एग्जिट पोल के अनुमान?

  1. भास्कर रिपोर्टर्स पोल्स के एग्जिट पोल में कांग्रेस को 44-54 सीटें और बीजेपी को 15-29 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है जबकि JJP को एक सीट, आईएनएलडी को 1-5, आम आदमी पार्टी को 0-1 और अन्य के खाते में 4-9 सीट मिलने का अनुमान है.
  2. सी वोटर ने अपने सर्वे में हरियाणा में कांग्रेस को 50-58 सीटें और भाजपा को 20-28 सीटें दी हैं. वहीं, जेजेपी को 0-2 और अन्य के खाते में 10-14 सीट मिलने का अनुमान है.
  3. मैट्रिज सर्वेक्षणों ने बीजेपी की 18-24 सीटों की तुलना में कांग्रेस को 55-62 सीटों पर और भी अधिक सीटें दी हैं. वहीं, आईएनएलडी को 3-6 और जेजेपी को 0-3 और अन्य को 2-5 सीट मिलने का अनुमानत जताया है.
  4. पीपुल्स पल्स एग्जिट पोल ने हरियाणा में कांग्रेस को 49-60 सीटें और बीजेपी को 20-32 सीटें दी हैं. जेजेपी को 0-1 और आईएनएलडी को 2-4 और अन्य को 3-5 सीट मिलने का अनुमान लगाया है.
  5. ध्रुव रिसर्च ने हरियाणा में बीजेपी को 22-32 सीट तो कांग्रेस को 50-64 सीट मिलने का अनुमान जताया है. वहीं, आईएनएलडी को शून्य तो अन्य के खाते में 2-8 सीट मिलने का अनुमान जताया है.

Haryana Exit Poll News (1)

हरियाणा में 10 साल बाद सत्ता से दूर जा सकती है बीजेपी

हरियाणा में बीजेपी 2014 से सत्ता पर काबिज है. मनोहर लाल खट्टर 9 साल से अधिक तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने जेजेपी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाई थी जिसमें दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम थे. हालांकि, इस बार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी और जेजेपी के रास्ते अलग-अलग हो गए. चुनाव से ठीक पहले खट्टर ने सीएम पद से इस्तीफा भी दे दिया. इसके बाद बीजेपी ने राज्य की कमान नायब सिंह सैनी को दी. सैनी की गिनती बीजेपी के प्रमुख ओबीसी चेहरे में होती है.

क्या कहते हैं जम्मू-कश्मीर एग्जिट पोल के अनुमान?

  1. जम्मू और कश्मीर में, सी-वोटर ने केंद्र शासित प्रदेश की 90 सदस्यीय विधानसभा में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को 40-48 सीटें और बीजेपी को 27-32 सीटें दी हैं जबकि पीडीपी को 6-12 और अन्य को 6-11 सीट मिलने का अनुमान जताया है.
  2. भास्कर ने जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC)-कांग्रेस गठबंधन को 35-40 और बीजेपी को 20-25 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है. वहीं, सर्वे में पीडीपी को 4-7 और अन्य को 12-18 सीट मिलने का अनुमान जताया है.
  3. एक्सिस माई इंडिया के सर्वेक्षणों ने एनसी-कांग्रेस को 35 से 45 सीटों के बीच, बीजेपी को 24-35 के बीच सीटें दी हैं. वहीं, पीडीपी को 4-6 और अन्य के खाते में 8-23 सीट जाने का अनुमान जताया है.
  4. पीपल्स पल्स ने अपने सर्वे में कांग्रेस को 46-50 सीट और बीजेपी को 23-27 मिलने का अनुमान जताया है. वहीं, महबूबा मुफ्ती कि अगुवाई वाली पीडीपी को 7-11 और अन्य के खाते में 4-6 सीट मिलने की उम्मीद जताई है.

Jammu Kashmir Election

अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद पहला चुनाव

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद पहली बार चुनाव हो रहे हैं. इस बार के चुनाव में कांग्रेस का फारूक अब्दुल्ला की नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन है. वहीं, महबूबा मुफ्ती की पीडीपी अकेले चुनाव मैदान में है. बीजेपी ने भी किसी से गठबंधन नहीं किया है और अकेले ही चुनाव लड़ रही है. राज्य में नए परिसीमन के बाद विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो गई है. इसमें जम्मू रीजन में 43 तो कश्मीर रीजन में 47 सीटें हैं.

पीडीपी निभा सकती है अहम भूमिका

चुनावी नतीजे अगर एग्जिट पोल के अनुमान आसपास रहे तो फिर केंद्र शासित प्रदेश में सरकार बनाने में पीडीपी की भूमिका अहम हो जाएगी. इससे पहले 2014 के चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था. तब बीजेपी और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई थी और मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने थे. 2016 में मुफ्ती मोहम्मद सईद निधन होने के बाद उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनीं थी, लेकिन यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई और जून 2018 में सरकार गिर गई. इसके बाद राज्य में राज्यपाल शासन लग गया था.

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