Political – गुर्जर बनाम गुर्जर, जाट बनाम जाट… कैसे दिल्ली चुनाव में हो रही सेम टू सेम कास्ट में फाइट- #INA

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित, दिल्ली बीजेपी चीफ वीरेंद्र सचदेवा और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल
दिल्ली विधानसभा चुनाव के वोटिंग की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे मुकाबला भी रोचक होता जा रहा. इस बार एक-एक सीट पर जीतने के लिए तीनों ही दल दल फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं. कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने सीट के जातीय व सियासी मिजाज के लिहाज से उम्मीदवार उतारे हैं, जिसके चलते कई सीटों पर तीनों ही प्रमुख दलों से एक ही जाति से प्रत्याशी उतार रखे हैं. इसके चलते सेम टू सेम कॉस्ट के बीच फाइट होती दिख रही है.
दिल्ली करीब एक दर्जन से ज्यादा विधानसभा सीट पर बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने एक ही जातीय के उम्मीदवार उतारे हैं, जिसके चलते मुकाबला काफी रोचक हो गया है. इनमें कहीं जाट बनाम जाट तो कई गुर्जर बनाम गुर्जर ही नहीं बल्कि गुप्ता बनाम गुप्ता तो मुस्लिम मुस्लिम के बीच भी मुकाबला होता नजर आ रहा. अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व 12 सीटों सीट पर दलित बनाम दलित की लड़ाई हो रही है, लेकिन कहीं जाटव बनाम जाटव तो कहीं वाल्मीकि बनाम वाल्मीकि की लड़ाई बन गई है.
जाट बनाम जाट वाली सीटों की जंग
दिल्ली में खासकर बाहरी इलाके वाली सीटों पर जाट बनाम जाट की लड़ाई होती नजर आ रही है. मुंडका, नांगलोई, मटियाला और पालम जैसे जाट बहुल इलाकों में कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने जाट समाज से प्रत्याशी उतार रखे हैं. नांगलोई सीट की जंग काफी रोचक हो गई है. आम आदमी पार्टी ने रघुविंद्र शौकीन, बीजेपी ने पूर्व विधायक मनोज शौकीन और कांग्रेस से रोहित चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं, तीनों ही जाट समाज से हैं.
मुंडका सीट पर आम आदमी पार्टी से जसबीर कारला, बीजेपी के गजेंद्र दराल और कांग्रेस से धर्मपाल लाकरा के बीच है. मटियाला सीट पर AAP से सुमेश शौकीन, बीजेपी से संदीप सहरावत और कांग्रेस से रघुविंद्र शौकीन चुनाव लड़ रहे हैं. पालम सीट पर AAP से जोगिंद्र सोलंकी, बीजेपी से कुलदीप सोलंकी और कांग्रेस से मांगेराम मैदान में है. बिजवासन सीट पर बीजेपी से कैलाश गहलोत और कांग्रेस से देवेंद्र सहरावत चुनाव लड़ रहे हैं और आम आदमी पार्टी ने ब्राह्मण उतार रखा है.
गुर्जर बनाम गुर्जर वाली सीट बनी रोचक
दिल्ली में चार फीसदी से ज्यादा गुर्जर वोटर हैं, लेकिन जहां पर है, वहां पर निर्णायक हैं. छतरपुर और तुगलकाबाद सीटें गुर्जर समुदाय का गढ़ मानी जाती हैं. इन दोनों सीटों पर आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस ने गुर्जर बिरादरी के दिग्गज उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर मुकाबले को रोमांचक बना दिया है. छतरपुर सीट पर बीजेपी से करतार सिंह तंवर, कांग्रेस से राजेंद्र तंवर और आम आदमी पार्टी से ब्रह्म सिंह तंवर मैदान में है.
तुगलकाबाद सीट पर बीजेपी से रोहताश बिधूड़ी, कांग्रेस से वीरेंद्र बिधूड़ी और आम आदमी पार्टी से सहीराम पहलवान किस्मत आजमा रहे हैं. बदरपुर सीट पर कांग्रेस से अर्जुन भड़ाना और आम आदमी पार्टी से रामसिंह नेताजी गुर्जर समाज से हैं तो बीजेपी ने ब्राह्मण जाति से आने वाले नारायण दत्त शर्मा को उतार रखा है. इसी तरह से कस्तुरबा नगर सीट पर गुर्जर समाज से बीजेपी के नीरज बसोया तो आम आदमी पार्टी से रमेश पहलवान है जबकि कांग्रेस से पंजाबी समाज से ताल्लुक रखने वाले अभिषेक दत्त हैं.
वैश्य बनाम वैश्य तो यादव बनाम यादव
दिल्ली की कई सीट पर मुकाबला वैश्य बनाम वैश्य का तो कुछ सीटों पर यादव बनाम यादव की लड़ाई बनी हुई है. रोहिणी में वैश्य की वैश्य समाज के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होता दिख रहा. रोहिणी सीट पर बीजेपी से विजेंद्र गुप्ता, आम आदमी पार्टी से प्रदीप मित्तल और कांग्रेस से सुमेश गुप्ता चुनाव लड़ रहे हैं. इसी तरह राजेश गुप्ता के खिलाफ वजीरपुर सीट से निर्दलीय आकाश गोयल चुनाव लड़ रहे हैं तो बीजेपी से पूनम शर्मा और कांग्रेस से रागिनी नायक के उतरने से ब्राह्मण बनाम ब्राह्मण की लड़ाई भी बन गई.
बादली विधानसभा सीट यादव बहुल क्षेत्र है, जहां पर तीनों पार्टियों के यादव उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर है. यहां पर कांग्रेस के टिकट पर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव किस्मत आजमा रहे हैं तो आम आदमी पार्टी से राजेश यादव और बीजेपी से दीपक चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा कई सीटों पर पंजाबी बनाम पंजाबी तो कई सीटों पर सिख बनाम सिख की लड़ाई बन गई है. दिल्ली की कई सीटों पर तीन दलों में से दो सीट पर ब्राह्मण प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं, जिसमें किराड़ी और करावल नगर जैसी सीटें भी शामिल है.
मुस्लिम बनाम मुस्लिम की लड़ाई
दिल्ली की पांच मुस्लिम बहुल सीटों पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से मुस्लिम कैंडिडेट किस्मत आजमा रहे हैं. दिल्ली की ओखला व मुस्तफाबाद सीट पर कांग्रेस, AIMIM और आम आदमी पार्टी से मुस्लिम प्रत्याशी हैं. ओखला सीट पर कांग्रेस से अरीबा खान, AIMIM से सफाउर रहमान और आम आदमी पार्टी से अमानतउल्ला खान किस्मत आजमा रहे हैं. मुस्तफाबाद सीट पर कांग्रेस से अली मेहंदी, AIMIM से ताहिर हुसैन और आम आदमी पार्टी आदिल खान चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी ने इन दोनों ही सीटों पर हिंदू कैंडिडेट उतार रखे हैं.
सीलमपुर, मटिया महल और बल्लीमरान मुस्लिम बहुल सीट पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से मुस्लिम को उतार रखा है. बल्लीमारान सीट पर आम आदमी पार्टी से इमरान हुसैन और कांग्रेस से हारून यूसुफ चुनाव लड़ रहे हैं. मटिया महल सीट पर आम आदमी पार्टी से आले मोहम्मद इकबाल और कांग्रेस से आसिफ मोहम्मद खान चुनाव लड़ रहे हैं. सीलमपुर सीट पर कांग्रेस से अब्दुल रहमान और आम आदमी पार्टी से जुबैर अहमद चुनाव लड़ रहे हैं. इन तीनों ही सीटों पर बीजेपी हिंदू प्रत्याशी उतार रखे हैं.
रिजर्व सीटों पर दलित बनाम दलित
दिल्ली में 17 फीसदी दलित आबादी के लिए 12 विधानसभा सीटें रिजर्व हैं, जहां पर कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी ही नहीं सभी दलों ने भी दलित समाज से ही प्रत्याशी उतार रखे हैं. दिल्ली में बवाना, सुल्तानपुर माजरा, करोल बाग, मंगोलपुरी, मादीपुर, पटेल नगर, अंबेडकर नगर, देवली, त्रिलोकपुरी, कोंडली, सीमापुरी और गोकलपुर सीटें रिजर्व हैं, इन सीटों पर दलित बनाम दलित की लड़ाई है.
रिजर्व सीटों में बवाना, पटेल नगर, अंबेडकर नगर, त्रिलोकपुरी और गोकलपुर जैसे क्षेत्रों में उम्मीदवारों की जाति को ध्यान में रखकर रणनीति बनाई गई है. इन सीटों में शामिल तीन सीटों पर एक ही बिरादरी के उम्मीदवार आमने-सामने हैं, वहीं दो सीटों पर दूसरी अन्य जाति के नेता एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. पटेल नगर सीट पर पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने जाटव समाज से प्रत्याशी उतार रखे हैं.
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