Political – आतिशी के खिलाफ अलका लांबा…AAP के दिग्गजों को कितनी टक्कर दे पाएंगे कांग्रेस के ये 10 नेता?- #INA

दिल्ली चुनाव में ओल्ड ग्रैंड कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी की मजबूत घेराबंदी शुरू कर दी है. कांग्रेस ने आप के दिग्गज नेताओं के सामने अपने सारे बड़े नेताओं को मैदान में उतार दिया है. नई दिल्ली सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने जहां संदीप दीक्षित ताल ठोकेंगे, वहीं कालकाजी में आतिशी के सामने अलका लांबा को उतारा गया है.

12 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर कांग्रेस के लिए यह करो या मरो का चुनाव है. यही वजह है कि पार्टी ने आप के सभी दिग्गज नेताओं के सामने अपने बड़े चेहरे को मैदान में उतार दिया है. 2013 में आप ने इसी तरह के फॉर्मूले से कांग्रेस के दिग्गजों को पटखनी दी थी. ऐसे में सियासी गलियारों में यह सवाल तेजी से उठ रहा है कि क्या 2013 का बदला कांग्रेस के ये बड़े नेता ले पाएंगे?

मैदान में 10 बड़े चेहरे, कौन कितने मजबूत?

1. बादली विधानसभा सीट से कांग्रेस ने अंतरिम अध्यक्ष देवेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है. देवेंद्र यहां से विधायक रह चुके हैं, लेकिन पिछले 2 चुनाव से वे इस सीट नहीं जीत पा रहे हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में बादली सीट से देवेंद्र को 19 प्रतिशत वोट मिले थे. आप के उम्मीदवार अजेश यादव को 49 प्रतिशत वोट मिले थे. अजेश इस बार भी आप के सिंबल पर मैदान में हैं. लोकसभा चुनाव में यहां से बीजेपी को बढ़त मिली थी. 2020 के चुनाव में बीजेपी बादली सीट पर दूसरे नंबर पर रही थी. उसे यहां करीब 28 प्रतिशत वोट मिले थे.

2. पटपड़गंज विधानसभा सीट से चौधरी अनिल कुमार को कांग्रेस ने उम्मीदवार घोषित किया है. अनिल कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. पटपड़गंज सीट से पूर्व विधायक अनिल 2015 में आखिरी बार यहां से मैदान में उतरे थे. उस चुनाव में अनिल की जमानत जब्त हो गई थी. 2020 में कांग्रेस के सिंबल पर यहां से लक्ष्मण रावत उतरे थे, उन्हें 2 प्रतिशत से भी कम वोट मिले. बीजेपी के उम्मीदवार यहां पर 3000 वोट से पिछड़ गए थे. लोकसभा चुनाव में पटपड़गंज सीट पर बीजेपी को बढ़त मिली थी. आप की तरफ से पटपड़गंज सीट पर अवध ओझा को उम्मीदवार बनाया है.

3. द्वारका विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी की तरफ से विनय मिश्रा चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने यहां से लाल बहादुर शास्त्री परिवार से जुड़े आदर्श शास्त्री को उम्मीदवार घोषित किया है. आदर्श पहले भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं. 2020 में आदर्श को यहां पर 6757 वोट मिले थे, जबकि चुनाव जीतने वाले आप के विनय मिश्रा को 71003 वोट. बीजेपी इस सीट पर दूसरे नंबर पर रही थी. हालिया लोकसभा चुनाव में यहां से बीजेपी उम्मीदवार को बढ़त मिली थी.

4. नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल के मुकाबले कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को उतारा है. पूर्व सांसद संदीप शीला दीक्षित के बेटे हैं. नई दिल्ली की सीट एक वक्त में दीक्षित परिवार का गढ़ माना जाता था. हालांकि, 2015 और 2020 के चुनाव में कांग्रेस यहां लड़ाई में भी नहीं रह पाई. 2015 और 2020 के चुनाव में इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई थी. संदीप दीक्षित भी पिछले 10 साल से कोई चुनाव नहीं जीत पाए हैं.

5. आम आदमी पार्टी के कद्दावर महिला नेता बंदना कुमारी के सामने कांग्रेस ने प्रवीण जैन को उतारा है. दोनों शीलामार गार्डन सीट से चुनावी मैदान में हैं. 1993 में गठित शालीमार गार्डन सीट पर कांग्रेस कभी भी चुनाव नहीं जीत पाई है. 2013 से यहां आप की बंदना जीत रही हैं. 2015 और 2020 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी.

6. बल्लीमारन सीट पर आप ने दिल्ली सरकार में मंत्री इमरान हुस्सैन को टिकट दिया है. यहां से कांग्रेस सिंबल पर हारून युसूफ मैदान में उतरे हैं. युसूफ भी शाल दीक्षित की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. 2020 के चुनाव में युसूफ इस सीट पर तीसरे नंबर पर रहे थे. उन्हें सिर्फ 4 प्रतिशत वोट मिले थे. आप के इमरान को 64 प्रतिशत वोट मिले थे. बल्लीमारन की इस सीट पर हालिया लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को बढ़त मिली थी.

7. कालकाजी सीट पर 2008 में आखिरी बार कांग्रेस को जीत मिली थी. वर्तमान में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी यहां से विधायक हैं. कांग्रेस ने अलका लांबा को यहां से मैदान में उतारने का फैसला किया है. लांबा महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं. यह सीट कांग्रेस के लिए सेफ नहीं है. 2020 और 2015 में यहां से कांग्रेस उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई थी. दोनों ही चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार दूसरे नंबर पर थे.

8. सीलमपुर विधानसभा सीट से चौधरी मतीन अहमद के बेटे चौधरी जुबैर को आप ने उम्मीदवार बनाया है. जुबैर को टिकट देने की वजह से आप ने वर्तमान सीटिंग विधायक अब्दुल रहमान का टिकट काट दिया. रहमान इसके बाद कांग्रेस में आ गए. रहमान को कांग्रेस ने सीलमपुर से उम्मीदवार बनाया है. सीलमपुर सीट एक वक्त में मतीन अहमद का गढ़ माना जाता था. मतीन यहां से निर्दलीय और जनता दल के सिंबल पर भी चुनाव जीत चुके हैं. अब देखना होगा कि इस बार अब्दुल रहमान मतीन के बेटे को मात दे पाते हैं या नहीं?

9. चांदनी चौक सीट पर कांग्रेस ने आप के प्रहलाद सिंह के मुकाबले मुदित अग्रवाल को मैदान में उतारा है. मुदित कद्दावर नेता जय प्रकाश अग्रवाल के बेटे हैं. 2020 में इस सीट से अलका लांबा कांग्रेस की तरफ से चुनावी रण में उतरी थीं, लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई. चांदनी चौक जय प्रकाश अग्रवाल का गढ़ माना जाता है. अग्रवाल को लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बढ़त मिली थी. ऐसे में आप की यहां टेंशन बढ़ सकती है.

10. वजीरपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस की तरफ से रागिनी नायक को उतारा है. वजीरपुर की सीट पर आप की तरफ से राजेश गुप्ता मैदान में हैं. गुप्ता 2015 और 2020 में यहां से जीत चुके हैं. रागिनी नायक कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. हालांकि, इस सीट पर कांग्रेस का जनाधार काफी ही कमजोर है. 2020 और 2015 में इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी.

आतिशी के खिलाफ अलका लांबा…AAP के दिग्गजों को कितनी टक्कर दे पाएंगे कांग्रेस के ये 10 नेता?


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