Political – क्या दिल्ली चुनाव में मुसलमानों ने BJP को वोट किया? मौलाना के दावे से गरमाई सियासत- #INA
![Political – क्या दिल्ली चुनाव में मुसलमानों ने BJP को वोट किया? मौलाना के दावे से गरमाई सियासत- #INA Political – क्या दिल्ली चुनाव में मुसलमानों ने BJP को वोट किया? मौलाना के दावे से गरमाई सियासत- #INA](http://images.tv9hindi.com/wp-content/uploads/2025/02/maulana-sajid-rashidi.jpg)
मौलाना साजिद रशीदी
दिल्ली में चुनाव खत्म हुए 24 घंटे से ज्यादा बीत चुके हैं और नतीजे आने में करीब 36 घंटे का वक्त बचा है. ज्यादातर एग्जिट पोल बीजेपी की तरफ झुके हुए दिखाई दे रहे हैं, ऐसे में मौलाना साजिद रशीदी के इस दावे ने चुनावी आंकड़ों के एक्सपर्ट को थोड़ा हैरान कर दिया. मौलाना साजिद रशीदी ने कल एक वीडियो जारी किया कि, जिसमें उन्होंने कहा कि जिंदगी में पहली बार बीजेपी को वोट दिया है. ऐसा उन्होंने क्यों कहा और क्यों किया इसके अब राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.
साजिद रशीदी ने बीजेपी को वोट देने के अपने तर्क दिए हैं, उनका दावा है कि दूसरी पार्टियां मुसलमानों को बीजेपी की नाम पर डराती हैं. इस डर को खत्म करने के लिए बीजेपी को वोट देना जरूरी है. लेकिन सवाल ये है कि क्या इस चुनाव में आम मुस्लिमों ने भी दिल्ली में बीजेपी को वोट दिए हैं, अब तक इसके आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन ये तय है कि इस चुनाव में ध्रुवीकरण कम देखने के लिए मिला है. हिंदू-मुस्लिम वाले नारों का शोर बहुत कम था. लोकल मुद्दे जैसे साफ, सफाई और बिजली-पानी पर ज्यादा चर्चा हुई. ऐसे में हिंदू मुस्लिम वोटों का बंटवारा उस तरह नहीं हुआ है, जिस तरह से 2020 में हुआ था.
दिल्ली में मुस्लिम वोडर डिसाइडिंग फैक्टर
अब आते हैं मुस्लिम वोटरों पर, ऐसा माना जाता है कि दिल्ली में मुस्लिम वोटर डिसाइडिंग फैक्टर होते हैं. अगर ये एकतरफा वोट करें तो वो पार्टी बढ़त बना लेती है.आंकड़ों के जरिए समझें तो दिल्ली में करीब 13% मुस्लिम आबादी है. 2 सीटों पर मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है और 6 सीट ऐसी हैं जहां मुस्लिम आबादी 35 फीसदी से ज्यादा है. 2020 में 35% मुस्लिम आबादी वाली सभी 6 सीट AAP ने जीती थी.
अगर 2020 के नतीजों से दिल्ली चुनाव को समझने की कोशिश करें तो CSDS के मुताबिक दिल्ली में 70 में से 8 मुस्लिम बहुल सीट हैं.सभी 8 सीटों पर आम आदमी पार्टी को जीत मिली थी. पिछले चुनाव में मुस्लिमों की वोटिंग इतनी ज्यादा एकतरफा थी कि मुस्लिम बहुल 8 सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई थी. पूरी दिल्ली की बात करें तो मुस्लिमों के 83 प्रतिशत वोट AAP को मिले थे.
चुनाव पर दिल्ली दंगे की छाया भी रही
वैसे इस चुनाव दिल्ली के 2020 वाले दंगे की छाया भी रही. AIMIM ने ओखला और मुस्तफाबाद से हिंसा के आरोप में जेल में बंद दो व्यक्तियों को उम्मीदवार बनाया. एक्सपर्ट ऐसा दावा कर रहे हैं कि ओखला में शिफाउर रहमान और मुस्तफाबाद में ताहिर हुसैन ने मुस्लिम वोटरों को अपनी तरफ खींचा है. ये दोनों AIMIM के उम्मीदवार हैं.
अगर दंगों वाली सीटों का हिसाब समझें तो दिल्ली की सभी 70 सीटों पर भले ही 60.44 फीसदी वोटिंग हुई हो, लेकिन सबसे ज्यादा 66.25 फीसदी मतदान नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली जिले में रहा, जिस मुस्तफाबाद में सबसे ज्यादा हिंसा हुई थी वहां 69 फीसदी वोटिंग हुई. अब सिर्फ 36 घंटे बाद ये क्लियर हो जाएगा कि दिल्ली में जहां कम और जहां ज्यादा वोटिंग हुई, वहां कौन जीत रहा है लेकिन इस सवाल पर आज नेताओं के बीच काफी चर्चा हुई कि मुस्लिमों का असली रहनुमा कौन है.
क्या कह रहे राजनीतिक दल के नेता?
अब एक नजर नेताओं के बयान पर भी डाल लेते हैं. आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी हिंदू या मुसलमान की नहीं, बड़े उद्योगपतियों की है. दूसरी ओर से बीजेपी सांसद एसपी सिंह बघेल ने कहा कि चुनाव में जातिवाद, क्षेत्रवाद न हो तो हर राज्य में बीजेपी की सरकार हो. समाजवादी पार्टी से सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा कि बीजेपी मुसलमानों के खिलाफ सोचती है जबकि बीजेपी नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि लोग समझ गए हैं कि दिल्ली को बचाना है तो बीजेपी को जितना है.
(टीवी9 ब्यूरो रिपोर्ट)
क्या दिल्ली चुनाव में मुसलमानों ने BJP को वोट किया? मौलाना के दावे से गरमाई सियासत
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