Political -Kalkaji Chunav Result Updates: आखिर तक नहीं मानी हार, 3200 से अधिक मतों से पिछड़ने के बाद आतिशी को मिली जीत – #INA

Kalkaji Chunav Result Updates: कालकाजी सीट पर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और बीजेपी के रमेश बिधूड़ी के बीच कांटे की टक्कर रही। पहले आतिशी पीछे थीं, फिर आगे हो गईं और फिर पीछे हो गईं लेकिन आखिरकार उन्होंने जीत हासिल कर ही ली। एक बार दोनों के बीच का फासला 3200 मतों से अधिक पहुंच गया था लेकिन आखिरकार सामने आया कि दिल्ली की मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी पर कालकाजी का आशीर्वाद बना हुआ है।
12:50 PM
आतिशी अब 989 मतों से आगे।
12:40 PM
रमेश बिधूड़ी तेजी से लीड गंवा रहे हैं। एक समय वह 3200 मतों से आगे चल रहे थे लेकिन अब वह आतिशी से 238 मतों से ही आगे हैं।
12:24PM
रमेश बिधूड़ी अब 1911 मतों से ही आगे हैं।
11:36 AM
आतिशी अब और पीछे हो गई हैं। रमेश बिधूड़ी 3231 मतों से आगे हैं।
11:10 AM
अब बीजेपी के रमेश बिधूड़ी आम आदमी पार्टी की आतिशी से 2800 मतों से आगे हैं। कांग्रेस की अल्का लांबा तो 19655 मतों से पीछे हैं।
10:35 AM
चौथे राउंड के बाद बीजेपी के रमेश बिधूड़ी 1635 वोट से आगे।
10:30 AM
आतिशी एक बार फिर बीजेपी के रमेश बिधूड़ी से पीछे हो गई हैं और अब फर्क 1039 मतों का है।
10:12 AM
आतिशी ने जोरदार वापसी और अब वह आगे चल रही हैं।
10:00 AM
बीजेपी के रमेश बिधूड़ी 1342 मतों से आगे।
09:50 AM
पहले राउंड में आतिशी 1149 वोट से पीछे।
देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अगली विधानसभा की तस्वीर आज साफ हुई। 5 फरवरी को पड़े मतों की गिनती के बीच इस बार कालकाजी सीट पर भी नजरें थी। इस सीट पर दिल्ली की मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी मैदान में थीं। आम आदमी पार्टी की अहम कैंडिडेट आतिशी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी यानी बीजेपी से रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस से अल्का लांबा मैदान में थे। पिछले दो बार से यह सीट आम आदमी पार्टी के पास थी और इससे पहले के विधानसभा चुनाव में आतिशी ने ही जीत हासिल की थी। इस बार भी जीत आतिशी ने हासिल की है।
अब तक किसे-किसे मिला है कालकाजी मंदिर से आशीर्वाद
कालकाजी साउथ दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। यहां 1993 में बीजेपी की पूर्णिमा सेठी ने परचम लहराया था। इसके बाद से लगातार तीन चुनावों में यानी कि 1998, 2003 और 2008 में कांग्रेस के सुभाष चोपड़ा ने जीत हासिल की थी। इसके बाद 2013 के चुनाव में कालकाजी की जनता ने शिरोमणि अकाली दल के हरमीत सिंह कालका को विधानसभा में भेजा। फिर आम आदमी पार्टी की प्रचंड लहर में 2015 के चुनाव में अवतार सिंह विधानसभा पहुंचे। 2020 के विधानसभा चुनाव में आतिशी को जीत हासिल हुआ और यहां की जनता को अपना पहला मुख्यमंत्री मिला। इस बार भी जीत आतिशी की हुई लेकिन सरकार उनकी पार्टी की नहीं बल्कि बीजेपी की बन रही है।
Delhi Assembly Election: 70 सीटें है विधानसभा में
दिल्ली विधानसभा में 70 सीटें हैं, जिस पर इस बार 699 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में लॉक हुई थी। राज्य की मान्यता मिलने के बाद पहली बार यहां 1993 में चुनाव हुए थे और उस समय बीजेपी ने सरकार बनाई थी। बीजेपी की पांच साल की सरकार में तीन मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री थे। इसके बाद आया दौर शीला दीक्षित का जो 1998 से लगातार तीन बार जीतीं और 2013 तक मुख्यमंत्री रहीं। उसके बाद आम आदमी पार्टी की आंधी आई और 2013 से उनकी आम आदमी पार्टी जीत रही है लेकिन 2020 में उन्हें गद्दी छोड़नी पड़ी और आम आदमी पार्टी की आतिशी को मुख्यमंत्री पद मिला। इस बार सरकार बनाने के लिए बीजेपी को बहुमत मिला।
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Kalkaji Chunav Result Updates: आखिर तक नहीं मानी हार, 3200 से अधिक मतों से पिछड़ने के बाद आतिशी को मिली जीत
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