Political -कुंभ 2025: अखिलेश यादव ने आजम खान को क्यों सौंपी थी महाकुंभ की जिम्मेदारी? भगदड़ में 36 मौतों के बाद भी क्यों नहीं स्वीकारा था इस्तीफा? – #INA

यूपी के पूर्व सीएम और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव महाकुंभ 2025 के ठीक पहले राज्य की योगी सरकार को जमकर घेर रहे हैं। अखिलेश यादव महाकुंभ की तैयारियों को लेकर सवाल खड़ा कर रहे हैं। अखिलेश ने यहां तक कहा कि अगर हमारे कार्यकर्ताओं पर मुकदमे दर्ज किए गए तो हम कुंभ मेले की हर अव्यवस्था उजागर करेंगे। अखिलेश ने सीएम योगी द्वारा कुंभ में आने के लिए कुछ लोगों को निमंत्रण देने पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों में लोग खुद जाते हैं, किसी को निमंत्रण नहीं दिया जाता।

इस सवाल पर यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि हम दुनिया के हर हिंदू को इस धार्मिक आयोजन में आने का निमंत्रण देते हैं। अखिलेश यादव भी आ सकते हैं। वो भी कुंभ में आकर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं और अपने पाप धो सकते हैं।

कुंभ की व्यवस्था पर सवाल उठाने को लेकर यूपी के दूसरे डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने भी अखिलेश यादव को जमकर घेरा है। उन्होंने कहा- ‘2013 में प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन हुआ था. उस कुंभ मेले की व्यवस्था अखिलेश यादव ने अपने चाचा आजम खान को सौंपी थी. कुंभ मेले की इतनी दुर्दशा आज तक के इतिहास में कभी नहीं हुई थी.’

केशव ने भगदड़ की दिलाई याद

इसी के साथ केशव मौर्य ने 2013 के महाकुंभ में हुई दुखद भगदड़ की याद दिला दी है जिसमें 36 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। उस वक्त इलाहाबाद रेलवे स्टेशन (अब प्रयागराज) पर भगदड़ मच गई थी। दरअसल उस महाकुंभ मेले में उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार थी। 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा के जीतने के बाद अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने थे और कुछ ही महीने बाद महाकुंभ का आयोजन हुआ था।

सपा के अनुभवी और रसूखदार नेता आजम

अखिलेश सरकार में महाकुंभ की जिम्मेदारी उस वक्त राज्य सबसे कद्दावर कैबिनेट मंत्रियों में शुमार आज़म खान को सौंपी गई थी। माना जाता है कि सरकार में रसूखदार पद रखने वाले आज़म खान को उनके अनुभव और मैनेजमेंट क्षमता की वजह से यह अहम जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन कुंभ के दौरान हुई भगदड़ ने सपा सरकार और आज़म खान को विपक्ष के निशाने पर ला दिया था।

संघ ने आजम की नियुक्ति पर उठाए थे सवाल

दुखद घटना के बाद आजम खान ने इस्तीफा दे दिया था। दूसरी तरफ बीजेपी ने सरकार पर जमकर आरोप लगाए थे। राष्ट्रीयस्वयं सेवक संघ के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर में कहा गया- यूपी में महाकुंभ जिसमें करोड़ों लोग आते हैं उसकी जिम्मेदारी एक मुस्लिम मंत्री को दी गई। ऐसा नहीं है कि यह दुर्घटना तब नहीं हो सकती थी जब कोई हिंदू मंत्री होता। लेकिन सरकार कुंभ की जिम्मेदारी एक बेहतर प्रतिनिधि के हाथों में दे सकती थी।

संघ का कहना था कि ‘आजम खान कुंभ में क्या कर रहे थे? ऐसी जगह पर किसी ऐसे व्यक्ति को होना चाहिए था जो धार्मिक आयोजन के प्रति सहानुभूति, जुड़ाव और समर्पित हो। आजम खान के भीतर ये तीनों ही बातें नहीं थीं।‘

अखिलेश ने की थी आजम की तारीफ

आरोपों और सरकार की किरकिरी के मद्देनजर आजम खान ने अपना इस्तीफा भी सौंप दिया था। लेकिन अखिलेश यादव ने यह इस्तीफा स्वीकार करने से मना कर दिया था। अखिलेश यादव ने आजम खान की प्रशंसा करते हुए कहा था कि वो (आजम) मेला कमेटी के चीफ बने रहेंगे। अखिलेश का मानना था कि आजम ने अपनी जिम्मेदारी पूरे समर्पण के साथ निभाई। तब विपक्षी आलोचनाओं पर अखिलेश यादव ने बिल्कुल ध्यान नहीं दिया था।

अमेरिका में कुंभ के आयोजन पर लेक्चर देने गए थे अखिलेश-आजम

इस पूरे वाकये के बाद भी अखिलेश सरकार ने इसे एक सफल आयोजन माना था। बाद में आजम खान को लेकर अमेरिका में एक विवाद हो गया था। कुंभ के ‘सफल आयोजन’ को लेकर तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव और आजम खान अमेरिका की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी मं बोलने पहुंचे थे। लेकिन महाकुंभ पर लेक्चर देने से पहले ही दोनों को लौटना पड़ा था। दरअसल एयरपोर्ट पर अमेरिकी पुलिस ने आजम खान को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की थी।

आजम खान ने आरोप लगाया अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों ने उनके साथ बदसलूकी की थी। इस घटना के विरोध में आजम और अखिलेश दोनों ही बिना हार्वर्ड गए वापस आ गए थे। कहते हैं तब यूपी के चीफ सेक्रेटरी रहे जावेद उस्मानी ने कुंभ पर प्रजेंटेशन दिया था।

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