Political – सपा सांसद इकरा हसन ने दिल्ली में जिस नेता के लिए बहाया पसीना, वो जीता या हारा?- #INA

चुनाव प्रचार के दौरान इकरा हसन
दिल्ली के चुनावी रण में इस बार उत्तर प्रदेश के भी कई सांसद प्रचार के मोर्चे पर डटे हुए थे. कैराना से समाजवादी पार्टी के सांसद इकरा हसन ने आम आदमी पार्टी के पक्ष में 3 दिन तक धुआंधार प्रचार किया था, लेकिन इकरा का जादू कैराना की तरह दिल्ली में नहीं चल पाया. इकरा ने जिन नेताओं के पक्ष में प्रचार किया, वो सब चुनाव हार गए.
इकरा हसन ने दिल्ली में मनीष सिसोदिया के लिए जंगपुरा सीट पर तो पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन सिसोदिया बुरी तरह चुनाव हार गए हैं. सिसोदिया को आप के तरविंदर सिंह मारवाह ने पटखनी दी है.
मुस्लिम-पूर्वांचली सीटों पर इकरा की ड्यूटी
आम आदमी पार्टी के कहने पर सपा ने इकरा हसन की ड्यूटी मुस्लिम और पूर्वांचली बहुल इलाकों में लगाई थी. इकरा दिल्ली के संगम विहार, शहादरा और मुस्तफाबाद के साथ-साथ जंगपुरा में भी खूब मेहनत की.
इकरा ने जहां छोटी-छोटी रैलियां की. वहीं उन्होंने डोर-टू-डोर कैंपेन के जरिए भी मतदाताओं को साधने की कोशिश की. इकरा ने निजामुद्दीन बस्ती में पैदल मार्च भी निकाला था. इस पैदल मार्च में भारी भीड़ जुटी थी.
दिल्ली चुनाव में बेअसर रही इकरा की अपील
1. इकरा ने संगम विहार सीट पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार दिनेश मोहनिया के लिए प्रचार किया था. इकरा ने यहां पूर्वांचली मतदाताओं से BJP को हराने की अपील की थी, लेकिन संगम विहार सीट पर दिनेश मोहनिया बुरी तरह चुनाव हार गए.
संगम विहार सीट पर आम आदमी पार्टी के दिनेश मोहनिया को बीजेपी के चंदन कुमार चौधरी ने 344 वोटों पर पटखनी दे दी है. कांग्रेस के हर्ष चौधरी को 15 हजार से ज्यादा वोट यहां मिले हैं.
2. इकरा हसन ने शाहदरा सीट पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार जितेंद्र सिंह शंटी के लिए प्रचार किया था. शाहदरा में मुसलमान एक्स फैक्टर हैं. यहां पूर्वांचली भी खूब हैं. हालांकि, इकरा की अपील यहां काम नहीं आई. जितेंद्र सिंह शंटी बुरी तरह चुनाव हार गए.
चुनाव आयोग के मुताबिक बीजेपी के संजय गोयल ने शंटी को 5100 से ज्यादा वोटों से हरा दिया है. कांग्रेस के जगत सिंह को 3800 वोट मिले हैं.
3. इकरा हसन ने मुस्तफाबाद सीट पर आम आदमी पार्टी के आदिल अहमद खान के लिए भी प्रचार किया था. आदिल यहां के पूर्व विधायक हसन अहमद के बेटे हैं. मुस्तफाबाद सीट मुस्लिम बहुल है. यहां भी इकरा फ्लॉप नजर आईं.
बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट ने आदिल को 17 हजार वोटों से हराया है. एआईएमआईएम के ताहिर हुसैन को 33474 वोट मिले हैं. ताहिर दिल्ली दंगे के आरोपी हैं.
4. कैराना सांसद इकरा ने जंगपुरा सीट पर मनीष सिसोदिया के लिए पूरी ताकत झोंक रखी थी. मनीष के लिए इकरा ने पैदल मार्च से लेकर डोर-टू-डोर कैंपेन तक किया था. जंगपुरा में मुस्लिम मतदाताओं की आबादी करीब 20 प्रतिशत है.
इसके बावजूद मनीष सिसोदिया चुनाव हार गए हैं. बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह ने उन्हें पटखनी दे दी है. मारवाह कांग्रेस से बीजेपी में आए हैं.
कैराना सांसद इकरा हसन कौन हैं?
इकरा हसन को राजनीति विरासत में मिली है. उनके पिता मरहूम मुनव्वर हसन और तब्बसुम हसन सांसद रह चुके हैं. इकरा ने विदेश से अपनी पढ़ाई की है. 2024 में सपा के सिंबल पर मैदान में उतरीं और कैराना सीट से जीत दर्ज की.
सपा सांसद इकरा हसन ने दिल्ली में जिस नेता के लिए बहाया पसीना, वो जीता या हारा?
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