Nation- सीजफायर पर सियासी संग्राम, कांग्रेस ने मोदी सरकार पर उठाए सवाल, कहा- सेना क्यों नहीं की बात- #NA

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू. (फाइल फोटो)

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने तीनों सशस्त्र बलों को विश्वास में लिए बिना ही पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम की घोषणा कर दी थी. उन्होंने कहा कि यह घोषणा किसी तीसरे देश से सोशल मीडिया के माध्यम से की गई. उन्होंने यहां ‘जय हिंद सभा’ को संबोधित करते हुए कहा, केंद्र सरकार ने तीनों सशस्त्र बलों को विश्वास में लिए बिना ही संघर्ष विराम की घोषणा कर दी और हैरानी की बात यह है कि यह घोषणा किसी तीसरे देश से सोशल मीडिया के माध्यम से की गई.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्णायक नेतृत्व के बिल्कुल विपरीत है, जिन्होंने कभी राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं किया. 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले को याद करते हुए सीएम सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में केंद्र सरकार को बिना शर्त समर्थन देने वाले पहले व्यक्ति थे.

सेना ने आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया

सुक्खू ने कहा, हमारे बहादुर सैनिकों ने आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया. उन्होंने हिमाचल प्रदेश और देश के बहादुर सैनिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार और राज्य के लोग हमेशा भारतीय सशस्त्र बलों के साथ खड़े हैं. पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचे पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत सटीक हमले किए.

पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमला

भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया. जिसके बाद भारतीय सेना ने कई पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर भीषण जवाबी हमला किया. चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान ने 10 मई को सैन्य टकराव को खत्म करने के लिए समझौता किया.

भारतीय सेना का मनोबल बढ़ाया

हाल ही के अनुभव को साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने तीर्थन घाटी के शरची गांव की अपनी हालिया यात्रा का जिक्र किया, जहां वे पूर्व सैनिक सूबेदार मेजर अनूप राम के घर पर रुके थे. अनूप कुमार ने मुझसे 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बारे में चर्चा की और याद दिलाया कि कैसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के संबोधन ने देशभक्ति का जोश भरा और भारतीय सेना का मनोबल बढ़ाया. उस युद्ध का परिणाम ऐतिहासिक था और भारत ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में विभाजित कर दिया और बाद में शिमला ऐतिहासिक शिमला समझौते का गवाह बना.

साहस और बलिदान की विरासत

शिमला समझौता 2 जुलाई, 1972 को शिमला में भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित एक शांति संधि थी. यह 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद हुआ था. सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सैनिकों की वीरता बेजोड़ है. उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने में कभी संकोच नहीं किया. हिमाचली सैनिकों को चार परमवीर चक्रों से सम्मानित होने का गौरव प्राप्त है, जो राज्य की साहस और बलिदान की विरासत का प्रमाण है.

पाकिस्तान को सबक सिखाया

इस बीच, कांग्रेस सांसद अजय माकन ने कहा कि 2008, 2011, 2013 और 2014 में कई सर्जिकल स्ट्राइक की गईं और पाकिस्तान को सबक सिखाया गया, लेकिन उनकी पार्टी ने इसका कभी राजनीतिकरण नहीं किया क्योंकि इसका श्रेय भारतीय सशस्त्र बलों को जाता है. उन्होंने कहा कि हमेशा बहादुर सैनिक ही देश के लिए अपनी जान कुर्बान करते हैं, लेकिन कांग्रेस ने कभी इसका बखान नहीं किया और न ही इसका श्रेय लिया.

‘जय हिंद सभा’ का आयोजन

हिमाचल प्रदेश के लिए कांग्रेस की प्रभारी सांसद रजनी पाटिल ने कहा कि वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘जय हिंद सभा’ आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इन बैठकों के माध्यम से भारतीय सेना के पराक्रम का सम्मान किया जा रहा है. कांग्रेस नेता ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरा देश सेना और केंद्र के साथ खड़ा है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संघर्ष विराम की घोषणा किसी तीसरे देश ने की.

शहीदों के परिजनों को किया सम्मानित

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह ने भी इसी तरह की भावनाओं को दोहराते हुए कहा कि पार्टी ने जिला स्तर पर भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है. इस अवसर पर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों, सैनिकों और विभिन्न वीरता पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के परिजनों को भी सम्मानित किया गया. मुख्यमंत्री ने शहीद सूबेदार मेजर पवन के परिजनों को 30 लाख रुपए का चेक भेंट किया. पवन 10 मई को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी में शहीद हो गए थे. चेक उनके पिता गराज सिंह और बेटे अभिषेक ने प्राप्त किया.

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