Political – जिसके दलित, उसकी दिल्ली… पूर्वांचली भी एक्स फैक्टर, एक साथ दोनों को कैसे साध रही आप?- #INA
एक साथ पूर्वांचल और दलित को साध रही आप
दिल्ली में चुनावी सुगबुगाहट के बीच अरविंद केजरीवाल की आप ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक साथ दो मोर्चे खोल दिए हैं. पहला मोर्चा दलितों के समर्थन में खोला गया है. भीमराव आंबेडकर को लेकर अमित शाह के बयान को मुद्दा बनाने के लिए आप ने दलितों के लिए आंबेडकर स्कॉलरशिप की घोषणा की है.
दूसरा मोर्चा पूर्वांचली को लेकर खोला गया है. राज्यसभा में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रोहिंग्या का मुद्दा उठाया था, जिस पर आप का कहना है कि बीजेपी पूर्वांचलियों का वोट रोहिंग्या कहकर कटवा रही है. संजय सिंह इस मोर्चेबंदी को लीड कर रहे हैं.
2025 के फरवरी में दिल्ली की 70 सीटों पर विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं, जहां आप का सीधा मुकाबला बीजेपी से होगा.
दलित और पूर्वांचल को ऐसे साध रही आप
आम आदमी पार्टी आंबेडकर के जरिए दलितों को साधने की कवायद कर रही है. पार्टी ने विदेश तक पढ़ने वाले दलित बच्चों के लिए आंबेडकर स्कॉलरशिप लागू करने की घोषणा की है. अरविंद केजरीवाल ने दलितों को भगवान बताते हुए कहा है कि यह फैसला उनकी सच्ची श्रद्धांजलि है.
वहीं पूर्वांचल के मतदाताओं को साधने के लिए संजय सिंह ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया है. सिंह का कहना है कि बीजेपी रोहिंग्या के नाम पर पूर्वांचली लोगों को दिल्ली से हटाने की कवायद में जुटी है, जिसे हम लोग होने नहीं देंगे.
जिसके दलित, उसकी दिल्ली
राजधानी दिल्ली में दलित गेमचेंजर की भूमिका में रहते हैं. कहा जाता है कि दलित जिसके पाले में जाते हैं, राजधानी दिल्ली की सत्ता उसे ही मिलती है. दलित यहां करीब 17 प्रतिशत हैं, जिसके लिए विधानसभा की 12 सीटें आरक्षित की गई है.
2020 के विधानसभा चुनाव में दलितों के लिए रिजर्व सभी 12 सीटों पर आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की. 2015 के चुनाव में भी आप को दलितों के लिए रिजर्व सभी सीटों पर जीत मिली.
2013 में दलितों के लिए रिजर्व 12 में से 9 सीटों पर आप ने जीत दर्ज की थी. 2 पर बीजेपी और एक पर कांग्रेस को जीत मिली थी. 2013 में बड़ी पार्टी होते हुए भी बीजेपी राज्य की सत्ता में नहीं आ पाई.
दलितों के रिजर्व विधानसभा की 4 सीटें तो ऐसी है, जहां पर आज तक बीजेपी को जीत नहीं मिली है. इस बार बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस भी दलितों को साधने में जुटी है. दिल्ली में दलित एक वक्त में कांग्रेस के कोर वोटर्स माने जाते थे, लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है.
खेल बिगाड़ने में पूर्वांचली भी आगे
दिल्ली में पूर्वांचल मतदाता करीब 19 प्रतिशत हैं, जो विधानसभा के करीब 29 सीटों पर जीत-हार में अहम भूमिका निभाते हैं. दिल्ली की उत्तम नगर, किराड़ी, बुरारी, संगम विहार, त्रिलोकपुरी और समयपुर बादली जैसी सीटों पर पूर्वांचली मतदाता ही हावी हैं.
पिछले चुनाव में इन सभी सीटों पर आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की थी. आप इसे फिर से वापस पाने की जद्दोजहद में जुटी हुई है. आप दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल राय भी पूर्वांचल से ही आते हैं.
आप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्टर शेयर किया है, जिसके जरिए पार्टी ने पूर्वांचल मतदाताओं के लिए किए गए अपने कामों के बारे में बताया है. वहीं पूर्वांचल मतदाताओं को लेकर आप की मुहिम को बीजेपी झूठ करार दे रही है.
पूर्वांचल मतदाताओं के मुखर होने की वजह से ही यहां बिहार और यूपी की पार्टियां भी मजबूत स्थिति में है. जेडीयू, आरजेडी, लोजपा और बीएसपी जैसी पार्टियों को पिछले चुनाव में करीब 2 प्रतिशत मत मिले थे.
70 सीटों पर चुनाव, 7 पार्टियों पर नजर
दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटों पर होने वाले चुनाव में कई पार्टियां अपने उम्मीदवार को उतारेगी, लेकिन सबकी नजर 7 पार्टियों पर रहेगी. इनमें कांग्रेस, आप और बीजेपी प्रमुख पार्टी है. दिल्ली की इस बार की पूरी लड़ाई आप और बीजेपी के बीच बताई जा रही है. हालांकि, कांग्रेस भी इस बार मजबूत स्थिति में है.
इन तीन पार्टियों के अलावा जनता दल यूनाइटेड, शिरोमणि अकाली दल, बहुजन समाज पार्टी और एआईएमआईएम दिल्ली चुनाव में उतरेगी. जेडीयू पिछली बार 2 सीटों पर लड़ी थी. बीएसपी का भी दिल्ली में मजबूत जनाधार रहा है.
वहीं शिअद सिख बहुल सीटों पर प्रभावी भूमिका है, जबकि एआईएमआईएम की नजर मुस्लिम बहुल सीटों पर है.
जिसके दलित, उसकी दिल्ली… पूर्वांचली भी एक्स फैक्टर, एक साथ दोनों को कैसे साध रही आप?
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on https://www.tv9hindi.com/, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,