Political – महाराष्ट्र में ढाई साल चली 50-50 फॉर्मूले वाली सरकार, नई कैबिनेट में BJP का बढ़ेगा कद, शिंदे-पवार को नुकसान या फायदा?- #INA
क्या होगा महाराष्ट्र में कैबिनेट फॉर्मूला
महाराष्ट्र में नई सरकार गठबंधन की प्रक्रिया तेज हो गई है. मुंबई से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर जारी है. मुख्यमंत्री के नाम का फैसला देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार बीजेपी नेतृत्व के साथ बैठ कर तय करेंगे. इसके साथ ही कैबिनेट के फॉर्मूला पर भी मुहर लग जाएगी कि किस पार्टी के कितने मंत्री होंगे. ढाई साल तक चली शिंदे के नेतृत्व में पहली महायुति सरकार के मंत्रिमंडल का फॉर्मूला बराबर-बराबर का रहा था, बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के बराबर संख्या में मंत्री थे. इस बार मंत्रिमंडल का स्वरूप पूरी तरह से बदल जाएगा और नए फॉर्मूले पर कैबिनेट का गठन होगा, जिसमें 50 फीसदी मंत्री बीजेपी कोटे से तो 50 फीसदी शिंदे और पवार की पार्टी के मंत्री बनाए जा सकते हैं.
साल 2022 में उद्धव ठाकरे सत्ता का तख्तापलट कर एकनाथ शिंदे ने 38 शिवसेना विधायक और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी तो 50-50 का मंत्रिमंडल बना था. शिंदे मुख्यमंत्री बने और उनके साथ आए 9 विधायक मंत्री बनाए गए थे. बीजेपी से देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम और पार्टी के 9 विधायक बने थे. इसके बाद साल 2023 में अजित पवार अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर 40 विधायकों के साथ शिंदे-बीजेपी सरकार में शामिल हुए थे. डिप्टी सीएम अजित पवार सहित 9 एनसीपी के विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. इस तरह शिंदे के पहले कार्यकाल में 9:9:9 का कैबिनेट फॉर्मूला बनाया था, लेकिन अब सवाल ये उठता है कि बीजेपी के अगुवाई वाली महायुति प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में लौटी है तो मंत्रिमंडल का फॉर्मूला क्या होगा?
एक सीएम और दो डिप्टी सीएम
महायुति सरकार के पहले कार्यकाल में एक सीएम और दो डिप्टी सीएम का फार्मूला था. माना जा रहा है कि इस बार भी यही पैटर्न रहने वाला है. शिवसेना से बगावत करके आने पर बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को सीएम बना दिया था और देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बनाए गए थे. इसके बाद अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया गया था. 2024 के विधानसभा चुनाव में महायुति के तहत बीजेपी, शिवसना और एनसीपी मिलकर लड़ी थी और उन्हें 230 सीटें मिली हैं. बीजेपी 132, शिवसेना 57 और एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की है. इस तरह तीनों ही पार्टियां पिछली बार से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रही है, जिसके चलते माना जा रहा है कि सीएम और दो डिप्टी सीएम का भी फार्मूला बनाकर रखा जाएगा.
कैसा होगा मंत्रिमंडल का स्वरूप?
महाराष्ट्र चुनाव में महायुति की जीत और बीजेपी के 132 सीटों तक पहुंचने के बाद उसकी ताकत बढ़ी है और शिंदे और अजित पवार के ऊपर से निर्भरता भी कम हुई है. बीजेपी महाराष्ट्र में अपना सीएम बनाने की कवायद में है. इसके अलावा महाराष्ट्र के 288 विधानसभा सीटों के लिहाज से मुख्यमंत्री सहित ज्यादा से ज्यादा 43 मंत्री बनाए जा सकते हैं. माना जा रहा है कि इस बार मंत्रिमंडल का स्वरूप पिछली बार से अलग होगा. 2022 से लेकर 2024 तक चली शिंदे सरकार में भले ही मंत्रिमंडल में कुल 28 सदस्य रहे हों, लेकिन इस बार 36 से ज्यादा मंत्री बनाए जा सकते हैं.
महायुति सरकार में मंत्रिमंडल क फॉर्मूला 22:12:10 लागू हो सकता है. 6-7 विधायक पर एक मंत्री पद का फॉर्मूला तय हो सकता है. इस हिसाब से बीजेपी के 22-24, शिंदे गुट की शिवसेना के 10-12 और अजित गुट के 8-10 विधायक मंत्री बन सकते हैं. इस लिहाज से बीजेपी पिछली बार से ज्यादा अपने मंत्री बनाएगी तो एकनाथ शिंदे और अजित पवार का सियासी कद बढ़ सकता है.
पुराने चेहरे पर विश्वास या नए को मौका
महाराष्ट्र सरकार के सभी 28 मंत्रियों ने एक बार फिर से जीत दर्ज की है. सरकार के सभी 28 मंत्रियों ने एंटी इम्कबेंसी का जोरदार मुकाबला किया और विधानसभा में वापस लौटे हैं. एनसीपी और शिवसेना के नेता हैं, जिन्होंने अजित पवार और एकनाथ शिंदे के साथ बगावत की थी. ऐसे में सवाल उठता है कि बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी कोटे वाले सभी मंत्रियों को क्या फिर से कैबिनेट में जगह मिलेगी या फिर नए चेहरों को मौका मिलेगा. बीजेपी अपने कोटे से पुराने और नए चेहरों को भी मौका दे सकती है, क्योंकि 22 से 24 मंत्री बनाने का मौका है. वहीं, शिंदे और अजित पवार के नेताओं में से पिछली बार की संख्या के आधार पर ही मंत्री बनाया जा सकते है. इसके अलावा एक-दो की संख्या बढ़ सकती है.
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