Noida – गोल्डन गर्ल वंतिका और देसी छोरे प्रवीण को राष्ट्रपति ने दिया अवार्ड, जानिए कैसे बने खेल की दुनिया के बादशाह – INA NEWS
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राष्ट्रीय खेल पुरस्कार-2024 का भव्य आयोजन आज (शुक्रवार) राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया। शुक्रवार का दिन गौतमबुद्ध नगर के निवासियों और खेल प्रेमियों के लिए गर्व भरा रहा। शहर के दो अनोखे और उत्कृष्ट खिलाड़ी वंतिका अग्रवाल और प्रवीण कुमार को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया। यह पल शहरवासियों समेत पूरे देश के लिए एक गौरवशाली पल रहा। पैरा एथलीट प्रवीण कुमार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वहीं, वंतिका अग्रवाल को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया।
कौन है वंतिका अग्रवाल
नोएडा के सेक्टर-27 में रहने वाली वंतिका मां की बेहद लाडली हैं। उनकी सफलता में मां संगीता अग्रवाल की सबसे बड़ी भूमिका रही है। पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) संगीता शुरू से ही उनके खेल प्रबंधक की भूमिका में रही। बेटी के लिए उन्होंने खुद के करियर की परवाह नहीं की। वह हर टूर पर साए की तरह बेटी के साथ रहती हैं और मां और मैनेजर की भूमिका निभाती हैं। आज इसी मेहनत और माँ के सब्र के कारण वंतिका को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया।
संगीता साये की तरह रहती हैं बेटी के साथ
यह भी इत्तेफाक की बात है कि उन्हें पहला ग्रैंड मास्टर नॉर्म अपनी मां के जन्मदिन पर मिला था और दूसरा अपने पिता के बर्थडे पर। हर बड़े मैच से पहले मां उनका हौसला बढ़ाती हैं लेकिन हार पर कभी गुस्सा नहीं करती बल्कि गले लगाकर दिलासा देती हैं। वंतिका बताती हैं, शुरू में मुझे हारने पर बहुत गुस्सा आता था। यहां तक की नींद में भी बड़बड़ाती थी। पर मेरी मां मुझे संभाल लेती थी। वक्त के साथ मैं मैच्योर हो गई हूं।
कौन है प्रवीण कुमार
जेवर विधानसभा क्षेत्र के छोटे से गांव गोविंदगढ़ में जन्मे प्रवीण टोक्यो पैरालंपिक में पदक जीतने वाले सबसे युवा भारतीय बने थे। तब उनकी उम्र सिर्फ 18 साल थी। उन्होंने पुरुषों की T64 स्पर्धा रजत पदक जीता। जन्म से ही उनका एक पैरा थोड़ा छोटा था। बच्चे उन्हें चिढ़ाते थे। खुद को साबित करने के लिए उन्होंने वॉलीबॉल खेलना शुरू किया। उनके खेल जीवन में बड़ा मोड़ उस वक्त आया जब उन्होंने अचानक ऊंची कूद स्पर्धा में भाग लिया और शानदार प्रदर्शन किया।
कोच सतपाल ने संवारा
पैरा कोच डॉ.सत्यपाल सिंह ने प्रवीण की क्षमता को पहचाना और उन्हें निखारना शुरू किया। 2022 में एशियाई पैरा खेलों में उन्होंने क्षेत्रीय रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण जीतकर अपने हुनर से देश में नाम रोशन किया। पिछले साल विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के साथ पेरिस पैरालंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई किया था।इन मुश्किलों और संघर्षों के बाद प्रवीण कुमार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
गोल्डन गर्ल वंतिका और देसी छोरे प्रवीण को राष्ट्रपति ने दिया अवार्ड, जानिए कैसे बने खेल की दुनिया के बादशाह
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