National-शेयर बाजार में कत्लेआम से अछूता रहा प्राइमरी मार्केट, कंपनियों ने जनवरी-फरवरी में IPO से जुटाए रिकॉर्ड फंड – #INA

स्टॉक मार्केट के लिए साल 2025 की शुरुआत अच्छी नहीं रही है। जनवरी और फरवरी में बाजार में बड़ी गिरावट आई। लेकिन, प्राइमरी मार्केट के लिए 2025 की शुरुआत शानदार रही है। जनवरी और फरवरी में प्राइमरी यानी आईपीओ मार्केट से कंपनियों ने रिकॉर्ड फंड जुटाए। इससे पहले किसी साल की शुरुआत में कंपनियों ने प्राइमरी मार्केट से इतना पैसा नहीं जुटाया था। 2025 के पहले दो महीनों में 9 बड़ी कंपनियों ने आईपीओ से 15,723 करोड़ रुपये जुटाए। 40 SME ने आईपीओ से करीब 1,804 करोड़ रुपये जुटाए।
2024 के पहले दो महीनों में 16 बड़ी कंपनियों ने आईपीओ से करीब 10,763 करोड़ रुपये जुटाए थे। 34 SME ने 1,140 करोड़ रुपये जुटाए थे। 2023 के शुरुआती दो महीनों में किसी बड़ी कंपनी का आईपीओ नहीं आया था। हालांकि, 21 SME ने करीब 340 करोड़ रुपये जुटाए थे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस साल जनवरी और फरवरी में आईपीओ से ज्यादा पैसे जुटाने की बड़ी वजह प्राइमरी मार्केट में विदेशी फंडों की ज्यादा दिलचस्पी है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने जनवरी और फरवरी में प्राइमरी मार्केट में जमकर निवेश किया। जनवरी में उन्होंने 44.9 करोड़ डॉलर का निवेश किया। फरवरी में उनका निवेश करीब 82.5 करोड़ डॉलर रहा। उधर, सेकेंडरी मार्केट में उनकी बिकवाली जारी रही। जनवरी में FIIs ने सेकेंडरी मार्केट में 9 अरब डॉलर और फरवरी में 4 अरब डॉलर की बिकवाली की। यह जानकारी NSDL के डेटा पर आधारित है।
वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज के डायरेक्टर क्रांति बैथिनी ने कहा कि इस साल के शुरुआती महीनों में प्राइमरी मार्केट में काफी हलचल रही। इसमें Hexaware Tech और Dr. Agarwal’s Helath Care के आईपीओ का हाथ रहा। इससे पहले 2024 का साल आईपीओ के लिए बहुत अच्छा रहा। सेकेंडरी मार्केट में गिरावट के बावजूद आईपीओ मार्केट में हलचल बनी रही। हालांकि, आगे आईपीओ मार्केट में गतिविधियां सुस्त पड़ सकती हैं। इसकी वजह यह है कि ग्लोबल टैरिफ वॉर शुरू होने से दुनियाभर के बाजारों में गिरावट है।
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि कंपनियां आईपीओ से ज्यादा पैसे जुटा रही हैं। इसकी वजह यह है कि कंपनियां मार्केट में बढ़ते कॉम्पिटिशन, मार्केट करेक्शन और जियोपॉलिटिकल रिस्क के लिए खुद को तैयार रखना चाहती हैं। कंपलिट सर्कल कैपिटल के पार्टनर एवं वाइस प्रेसिडेंट आदित्य कोंडवार ने कहा कि मार्केट में गिरावट के बावजूद कुछ कंपनियों ने आईपीओ के प्लान को रद्द नहीं किया। इसकी वजह यह है कि उनका मानना था कि मार्केट में जल्द तेजी लौटने वाली नहीं है। इससे आईपीओ का एप्रूवल लैप्स कर देने जाने की जगह उन्होंने आईपीओ पेश करने का फैसला किया।
शेयर बाजार में कत्लेआम से अछूता रहा प्राइमरी मार्केट, कंपनियों ने जनवरी-फरवरी में IPO से जुटाए रिकॉर्ड फंड
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