धर्म-कर्म-ज्योतिष – Islam in Trouble: साल 2025 आते ही संकट में घिर जाएगा इस्लाम धर्म, बढ़ जाएंगी मुस्लिमों की मुसीबतें? #INA

Islam in Trouble: साल 2025 शुरू होने में कुछ ही दिन बचे हैं. आने वाला साल कई नई खुशखबरियों और नई चुनौतियों को लेकर आने वाला साल साबित होने वाला है. इस्लाम धर्म को लेकर जो भविष्यवाणियां की जा रही हैं वो मुस्लिम धर्म को लोगों की मुसीबतें बढ़ा सकती हैं. इस्लाम धर्म पर संकट बढ़ने की बात नए साल में कही जा रही है. ताजा हालात को देखें तो विश्वभर में इस्लाम के अनुयायियों के लिए अभी से चुनौतियां खड़ी हो गयी हैं. वो अब धीरे-धीरे किस तरह से अपने ही धर्म के जाल में फंसकर लड़ते झगड़ते नजर आ सकते हैं आइए ये भी जान लेते हैं. 

इस्लाम छोड़ने वालों की संख्या बढ़ेगी. भारत में बीते दशक में 15% लोगों ने इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपनाया. अमेरिका में हर साल लगभग 1 लाख लोग इस्लाम छोड़ रहे हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, कई मुस्लिम-बहुल देशों में इस्लाम छोड़ने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. 

राम मंदिर और हिंदू आत्मविश्वास का बढ़ना भी इसी ओर इशारा कर रहा है. राम मंदिर की स्थापना ने हिंदुओं को आत्मविश्वास दिया कि वे कानून के जरिए अपने अधिकार प्राप्त कर सकते हैं. काशी, मथुरा, संभल मस्जिद, और अजमेर शरीफ दरगाह सहित अन्य स्थलों पर सर्वेक्षण हिंदू जागृति का प्रतीक हैं. 

मुस्लिम समाज में आंतरिक संघर्ष भी लगातार बढ़ते दिख रहे हैं. पाकिस्तान में शिया, सुन्नी और अहमदिया समुदायों के बीच संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है. मस्जिदों को तोड़ने और आपसी हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं. इस्लाम के नाम पर बने पाकिस्तान में इस्लाम के अनुयायी आपस में ही लड़ रहे हैं. 

सऊदी अरब में इस्लामिक परंपराओं में बदलाव आ रहा है. सऊदी अरब में इस्लामिक स्थलों को तोड़ा जा रहा है और पब, क्लब, होटल बनाए जा रहे हैं. लाउडस्पीकर और मौलानाओं की तकरीरों पर रोक. उदारवादी विचारधारा अपनाने की कोशिश. 

ईरान और इराक में बदलाव दिखने लगे हैं. लड़कियां हिजाब और बुर्का का विरोध कर रही हैं और इस्लामिक परंपराओं के खिलाफ खुला विद्रोह भी देखने को मिल रहा है. 

वैश्विक रिपोर्ट्स जैसे प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, मुस्लिमों का “एक्स-मुस्लिम” बनने का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. इराक, ट्यूनीशिया, और मोरक्को जैसे देशों में बड़ी संख्या में लोग नास्तिक बन रहे हैं. मुस्लिम बहुल देशों में इस्लाम छोड़ने पर मौत की सजा के डर से कई लोग चुप रहते हैं. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)


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