धर्म-कर्म-ज्योतिष – Jesus and Hanuman Birth Story: ये हैं जीसस और हनुमान जी के जन्म की समानताएं, धर्म ग्रंथों में मिलते हैं प्रमाण #INA

Jesus and Hanuman Birth Story: ऐसा कहा जाता है कि ईश्वर एक रूप अनेक. क्या आप जातने हैं कि ईसाई धर्म के लॉर्ड जीसस और हिंदू धर्म के भगवान हनुमान में एक दो नहीं बल्कि कई समानताएं हैं. जीसस और हनुमान जी की जन्म कथाएं अलग-अलग धर्मों और परंपराओं में हैं, लेकिन उनकी मूल भावनाएं एक समान हैं- मानवता की सेवा, प्रेम, करुणा, और ईश्वर की ओर अग्रसर होना. इन कहानियों से हमें यह सीख मिलती है कि धर्म और संस्कृति चाहे जितने भी अलग हों उनके मूल उद्देश्य मानवता की भलाई और आध्यात्मिक उन्नति ही होते हैं. जीसस और हनुमान जी के जन्म कथाएं भले ही भौगोलिक और सांस्कृतिक रूप से अलग हों, लेकिन इनमें कई अद्भुत समानताएं हैं.

जीसस और हनुमान जी के जन्म की समानताएं

जीसस के जन्म से जुड़ी बातें हनुमान जी के जन्म से जुड़ी बातें

ईसाई धर्म के अनुसार, जीसस का जन्म एक चमत्कारिक घटना है. माता मरियम को पवित्र आत्मा से गर्भधारण हुआ और उन्होंने एक कुंवारी होते हुए यीशु को जन्म दिया.

हनुमान जी का जन्म भी चमत्कारी है. अंजनी देवी ने भगवान शिव के आशीर्वाद से हनुमान को जन्म दिया. यह घटना विशेष रूप से भगवान की कृपा और दैवीय हस्तक्षेप से जुड़ी है.
दोनों ही अपने-अपने धर्म और समुदाय के लिए ईश्वरीय दूत के रूप में जाने जाते हैं. उनका जन्म मानव जाति को पापों से मुक्त करने और ईश्वर का प्रेम फैलाने के लिए हुआ. इनका जन्म धर्म की रक्षा, भगवान राम की सेवा और भक्ति का प्रतीक है.
उन्होंने मानवता की सेवा के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया और प्रेम, करुणा, और दया का संदेश दिया. इन्होंने भगवान राम की भक्ति और सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया. उनका हर कार्य दूसरों की भलाई और धर्म की स्थापना के लिए था.
उनका जीवन सरलता और विनम्रता का प्रतीक है. वे हमेशा गरीबों, दुखियों और पापियों के साथ रहे. उनका जीवन अहंकार-रहित है. वे अपनी शक्तियों को भगवान राम की सेवा के लिए इस्तेमाल करते हैं और हमेशा स्वयं को राम का दास मानते हैं.
दोनों ने अपनी शक्तियों का उपयोग केवल भलाई और धर्म की स्थापना के लिए किया.उन्होंने कई चमत्कार किए, जैसे मृतकों को जीवन देना, अंधों को दृष्टि प्रदान करना, और पानी पर चलना. वे महाशक्तिशाली हैं. उन्होंने पर्वत उठाया, सूर्य को निगलने का प्रयास किया, और राक्षसों का नाश किया. 
वे ईश्वर के पुत्र और मानवता के लिए ईश्वर का संदेश लेकर आए. वे भगवान राम के संदेशवाहक के रूप में जाने जाते हैं. उन्होंने सीता माता तक भगवान राम का संदेश पहुंचाया.
उनका पूरा जीवन संघर्षों और परीक्षाओं से भरा रहा. उन्हें समाज द्वारा अस्वीकारा गया, लेकिन उन्होंने ईश्वर में विश्वास बनाए रखा. इनका जीवन भी कठिनाइयों और संघर्षों से भरा था, लेकिन उन्होंने अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाया.
उन्होंने अपने दुश्मनों को भी क्षमा किया और प्रेम का संदेश दिया. वे करुणा और भक्ति के प्रतीक हैं. उनका हर कार्य दूसरों के हित के लिए था.

ईसाई धर्म हो या फिर हिंदू धर्म, हर धर्म में लोग जिस ईश्वर की पूजा करते हैं ऐसा माना जाता है कि वो एक ही है. आप उसे जिस रूप में चाहें पूज सकते हैं लेकिन वो समस्त जग के सभी प्राणियों को एक ही दृष्टि से देखता है. उनके दुख और सुख में हमेशा उनके साथ रहता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)


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