Nation- ईद से पहले कर्मचारियों को निकालना अमानवीय… LG के एक्शन पर बोलीं महबूबा मुफ्ति- #NA

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों और उनके मददगारों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. इसी कड़ी में सूबे के
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार (3 जून) को आतंकवाद से जुड़े होने के आरोप में तीन सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है, जो लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिज्ब-उल-मुजाहिदीन (HM) के लिए काम कर रहे थे.
जिन कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया था, उनमें मलिक इशफाक नसीर, जो पुलिस में कांस्टेबल थे, एजाज अहमद, जो स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षक थे, और वसीम अहमद खान, जो सरकारी मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर में जूनियर असिस्टेंट थे. वहीं उपराज्यपाल की इस कार्रवाई पर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने नाराजगी जाहिर की है.
Jammu & Kashmir LG Manoj Sinha sacks three J&K govt employees, Malik Ishfaq Naseer, a police constable; Ajaz Ahmed, a teacher in the school education department and Waseem Ahmad Khan, a Junior Assistant in Government Medical College, Srinagar , over alleged terror links. pic.twitter.com/dbp3Na1Wvx
— ANI (@ANI) June 3, 2025
‘कर्मचारियों को निकालना अमानवीय’
मुफ्ती का कहना है कि ईद के पवित्र त्योहार से पहले तीन सरकारी कर्मचारियों को आतंकवाद से कथित संबंधों के कारण नौकरी से निकाल दिया गया, जिससे उनके परिवार संकट में हैं. पीडीपी प्रमुख ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें उन्होंने कहा ‘ ईद के त्योहार से पहले तीन सरकारी कर्मचारियों को निकालना अमानवीय है. उन्होंने कहा कि 2019 से सैकड़ों कर्मचारियों को बिना किसी सुनवाई के केवल तथाकथित आतंकवाद से जुड़ाव के अप्रमाणित आरोपों के आधार पर बर्खास्त कर दिया गया है.
In the days leading up to the sacred occasion of Eid three government employees have been terminated over alleged links to terrorism leaving their families in distress. Since 2019 hundred of employees have been summarily dismissed without even a trial solely based on unproven https://t.co/uYCFkN16zc
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 3, 2025
‘स्थायी शांति का रास्ता ऐसे नहीं निकलता’
मुफ्ती ने कहा कि यह कठोर दृष्टिकोण सामान्य स्थिति का दिखावा कर सकता है, लेकिन लोगों को पीड़ा देकर वास्तविक स्थायी शांति हासिल नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि ये तरीक लोगों के मन में और ज्यादा असंतोष पैदा करेगा. स्थायी शांति का रास्ता ऐसे नहीं निकलता. वहीं सूबे की उमर सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से निर्वाचित सरकार मूकदर्शक की तरह अविचलित होकर सब कुछ देखती रहती है.
संविधान के अनुच्छेद 311(2)(c) के तहतकार्रवाई
बर्खास्त किए गए तीनों कर्मचारियों के खिलाफ यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 311(2)(c) के तहत की गई है, जो सरकार को ऐसे मामलों में जांच के बिना सीधे बर्खास्त करने का अधिकार देता है. इसके तहत अगर कोई कर्मचारी सरकारी संस्थानों में आतंकवाद को बढ़ावा देने शामिल है और वह प्रशासन की चल रही कार्रवाई का हिस्सा है, तो उसके खिलाफ सबूत मिलने पर सरकार को सख्त कदम उठाने अधिकार है.
ईद से पहले कर्मचारियों को निकालना अमानवीय… LG के एक्शन पर बोलीं महबूबा मुफ्ति
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