टॉयलेट में फोन स्क्रॉल करने वालों को वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी, 'टेक्स्ट नेक' की होगी परेशानी
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टॉयलेट में फोन स्क्रॉल करने वालों को वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी, ‘टेक्स्ट नेक’ की होगी परेशानी
HighLights
- ब्रिटेन में बच्चे औसतन 3.75 और वयस्क 5 घंटे से ज्यादा देखते हैं मोबाइल।
- खराब पॉश्चर की वजह से गर्दन में दर्द और सूजन बढ़ने का होता है खतरा।
- टॉयलेट में स्मार्टफोन यूज करने से फोन में अधिक बैक्टीरिया पनप सकते हैं।
एजेंसी, डिजिटल डेस्क। एक रिसर्च के अनुसार, ब्रिटेन में 60 फीसदी लोग टॉयलेट में बैठकर स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। क्या आप भी उन लोगों में शामिल हैं, जो टॉयलेट में मोबाइल फोन लेकर जाते हैं। क्या आप भी काफी समय तक फोन को स्क्रॉल करने में बिताते हैं। अगर इसका जवाब हां में है, तो आप इसे आज ही बंद कर दें, वर्ना आप भी टेक्स्ट नेक की परेशानी से जूझ सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि शौचालय में बैठकर फोन पर स्क्रॉल करने से आपको ‘टेक्स्ट नेक’ की समस्या क्यों हो सकती है। दरअसल, बहुत लंबे समय तक अस्वाभाविक कोण पर सिर को आगे की ओर झुकाने से गर्दन में दर्द और सूजन आ सकती है, जिसे टेक्स्ट नेक के रूप में जाना जाता है।
ब्रिटेन में 48 परसेंट लोगों को दिक्कत
शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग टॉयलेट में दस मिनट तक अपने फोन को देखते थे, उनकी गर्दन को हानिकारक कोण पर मोड़ने की आशंका उन लोगों की तुलना में कहीं अधिक थी, जिन्होंने गैजेट को कहीं और छोड़ दिया था। पिछले अध्ययनों से पता चला है कि यूके में 48 प्रतिशत तक लोगों को गैजेट के इस्तेमाल की वजह से गर्दन में गंभीर दर्द और सूजन की समस्या पेश आ रही है।
यूके में छोटे बच्चे और किशोर रोजाना औसतन 3.75 घंटे अपने स्मार्टफोन से चिपके रहते हैं। वयस्क इससे भी अधिक समय मोबाइल को देखने में बिताते हैं, जो कई बार औसतन रोजाना पांच घंटे से भी अधिक होता है। इसकी वजह से उन्हें टेक्स्ट नेक की परेशानी उठानी पड़ रही है।
सिर झुकाने से बढ़ जाता है वजन
मानव सिर का वजन करीब 5 किलोग्राम होता है। यह रीढ़ के ऊपरी हिस्से पर रखा गया भार है। मगर, 30 डिग्री के कोण पर यह बल बढ़कर 18 किलोग्राम हो जाता है। वहीं, 45 डिग्री के कोण पर, जिस पर कई स्मार्टफोन यूजर अपना सिर रखते हैं, यह भार बढ़कर 22 किलोग्राम तक बढ़ जाता है। यह निश्चित रूप से बहुत घातक साबित होता है।
चीन में हुआ शोध, चौंकाने वाले रहे नतीजे
चीन के ग्वांगझोउ में दक्षिणी चिकित्सा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने शौचालय पर बैठने की स्थिति को मापने के लिए 30 स्वस्थ युवा वॉलेंटियर्स को चुना। इसके बाद इन लोगों के सिर, गर्दन और रीढ़ पर मोशन सेंसर लगाए गए। उन्हें अभ्यास को दोहराने से पहले दस मिनट तक सामान्य रूप से शौचालय पर बैठने के लिए कहा गया।
सेंसर्स की रीडिंग नोट करने के बाद उन्हें अपने स्मार्टफोन पर 10 मिनट तक स्क्रॉल करने के लिए कहा गया। जर्नल एक्टा ऑफ बायोइंजीनियरिंग एंड बायोमैकेनिक्स में परिणामों से पता चला कि जब उनके पास अपना फोन था, तो कई लोगों ने अपनी गर्दन को 48 डिग्री के कोण पर आगे की ओर झुकाया था। वहीं, फोन के बिना वे केवल 28 डिग्री के कोण पर झुके थे।
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इन निष्कर्षों से पता चलता है कि शौचालय में फोन स्क्रॉल करने से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी जोखिम और बढ़ गए हैं। अपने निष्कर्षों पर एक रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने कहा कि ‘टेक्स्ट नेक’ मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर बढ़ाने में अहम योगदान देती है।
टॉयलेट से भी गंदे हो सकते हैं स्मार्टफोन
इस तरह बैठने की स्थिति रीढ़ की हड्डी पर यांत्रिक भार बढ़ाती है, जिससे मांसपेशियों में थकान, बेचैनी और पुराना दर्द होता है। यदि स्मार्टफोन उपयोगकर्ता लंबे समय तक इन स्थितियों को बनाए रखते हैं, जिससे उनके मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम पर दबाव बढ़ जाता है।
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इस समस्या के अलावा कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आगे की ओर झुककर बैठने और स्क्रॉल करने से पाइल्स होने का जोखिम भी बढ़ जाता है। अन्य शोधों में पाया गया है कि बाथरूम में मौजूद वैक्टीरिया के कारण ये उपकरण शौचालय की सीटों से छह गुना ज्यादा गंदे हो सकते हैं।
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