हाजीपुर में उर्दू भाषा संरक्षण पर सेमिनार का आयोजन
संवाददाता-राजेन्द्र कुमार
हाजीपुर /वैशाली। समय मिलने पर मैं भी ये भाषा अवश्य सीखूंगा। उक्त बातें जिला पदाधिकारी श्री यशपाल मीणा ने समाहरणालय सभागार, हाजीपुर में जिला स्तरीय फरोग- ए- उर्दू सेमिनार, मुशायरा एवं कार्यशाला में दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करने के बाद कही।
स्वागत भाषण श्री मोहम्मद सलामुददीन ने इस शेर के साथ दिया
लहू कहते हैं जान कहते हैं,
फख्रे हिन्दुस्तान कहते हैं
जो मिटाने से मिट नहीं सकती
उसे उर्दू जबान कहते हैं।
कार्यक्रम में विनोद कुमार सिंह अपर समाहर्ता, वैशाली ने उपस्थित लोगों से उर्दू के विकास के सिलसिले में प्रखंड में कार्यरत उर्दू अनुवादकों से बात की और अपना मशविरा देते हुए कहा कि सप्ताह में एक या दो दिन पदाधिकारी की अनुमति से किसी विद्यालय में जाएं वहां जाकर उर्दू की वास्तिवक स्थिति का पता लगाएं उसके विकास में आ रही बाधाओं को दूर करें।
कार्यक्रम में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी मो जावेद, जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी मोहम्मद साजिद, निर्वाचन पदाधिकारी जेबा के साथ समाहरणालय के अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में पांच छात्र/ छात्राओं ने अपना आलेख ” उर्दू जबान के फरोग में हमारी जिम्मेदारियां ” के विषय पर प्रस्तुत किया।
” आला सतह पर उर्दू तदरीस की मौजूदा सूरतेहाल मसायल और मुमकिना हल” पर श्री सनाउल होदा कासमी, हाजीपुर, वैशाली, श्रीमती तलत परवीन, सहायक प्रोफेसर, आर एन कालेज , हाजीपुर एवं डा• मो• शफी उज्जमा, प्राचार्य +2 उ• वि• सुक्की, पातेपुर ने आलेख पाठ किया।
प्रतिनिधिगण श्रीमती शबनम परवीन, सहायक प्रोफेसर, वैशाली महिला कालेज, हाजीपुर, श्री शमीम अहमद शम्सी, शिक्षक, मदरसा अबाबकरपुर, श्री मो• सदरे आलम शिक्षक +2 रा• उच्च मा• वि• भगवानपुर पत्ती, वैशाली ने “उर्दू हिन्दुस्तान की एक खुबसूरत जबान और कीमती तहजीबी विरासत ” विषय पर अपनी बात की।
कार्यक्रम के अंत में कवि गोष्ठी हुई जिसमें जिला वैशाली के 10 शायरों ने अपना कलाम पेश किया। उपस्थित पदाधिकारीगण के हाथों आलेख पाठकों एवं प्रतिनिधिगण को नकद पुरस्कार राशि तथा प्रशस्ति पत्र वितरण किया गया। अध्यक्ष शाहिद महमूदपूरी, से• नि• शिक्षक, तंगौल, हाजीपुर ने कार्यक्रम की सराहना की एवं आलेख पाठकों और कवियों को मुबारकबाद दी। मंच संचालन श्री आफताब आलम ने कामयाबी के साथ किया। प्रभारी पदाधिकारी जिला उर्दू भाषा कोषांग, वैशाली के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई। कार्यक्रम में उर्दू कोषांग के मोहम्मद नौमान, अफशा, निशात अख्तर, सिम्मी, शब्बीर , अरबाज सहित कई कर्मियों ने अपनी भूमिका निभाई।