दुनियां – जिस खुलासे से हिल गया था पाकिस्तान, उसपर अब सामने आई चौंकाने वाली जानकारी! – #INA
दुनिया के सबसे बड़े मीडिया संगठनों में से एक The Organized Crime and Corruption Reporting Project पर अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा फंडिड होने का आरोप लगाया गया है. OCCRP पनामा पेपर्स, पेंडोरा पेपर्स, सुइस सीक्रेट्स जैसे सनसनीखेज खुलासों के पीछे है, इसी वजह से इन आरोपों ने संगठन की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगा दिया है.
पूर्व भारतीय राजनयिक राजदूत अशोक सज्जनहार ने सवाल उठाया कि जो संगठन खुद को व्हिसलब्लोअर कहता है, वह कभी खुद को आईना क्यों नहीं दिखाता. इसने अमेरिका की जांच न करके केवल आधी कहानी दिखाने का रास्ता चुना. मीडियापार्ट ने OCCRP के फंड से पर्दा उठाया है, मीडियापार्ट के मुताबिक इसका 50 फीसद से ज्यादा फंड सीधे अमेरिकी विदेश विभाग से आता है.
भारत को अस्थिर करने की साजिश
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि अमेरिकी विदेश विभाग और अमेरिका में मौजूद ‘डीप स्टेट’ तत्व OCCRP के साथ मिलकर भारत को अस्थिर करने के लिए काम कर रहे हैं. ICPS के वरिष्ठ रिसर्च फेलो अभिजीत अय्यर मित्रा ने बताया कि कैसे मीडियापार्ट और OCCRP एक साथ मिलकर काम करते थे. उनका कहना है कि नए खुलासे दोनों संगठनों के बीच किसी तरह के प्रेमी झगड़े की वजह से हो सकते हैं.
Glad that BJP picked up OCCRP now.
We have been writing about this since long that Soros and Rockefeller funded OCCRP gives Rahul Gandhi & others material to make it issue in parliament. This has been a pattern. During Adani fiasco also Hindenburg ilks used their reports. pic.twitter.com/IzWuPL5NB7
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) December 5, 2024
भारत की छवि खराब करने की कोशिश
न्यूज़9 प्लस के संपादक संदीप उन्नीथन ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता इंडेक्स और वैश्विक भूख इंडेक्स जैसी रिपोर्टें भारत की उपलब्धियों के बावजूद उसकी वैश्विक छवि को खराब करती हैं. वे वैश्विक नैरेटिव को नियंत्रित करने वाले अमेरिका का ही विस्तार हैं.
भारत अक्सर ऐसी ‘जांच करने वाली’ रिपोर्टों का शिकार होता रहा है. राजदूत सज्जनहार ने बताया कि इनमें से कुछ रिपोर्टें वैश्विक भूख सूचकांक में भारत को अफगानिस्तान से भी बदतर बताती हैं. यह फैलाई जा रही गलत सूचनाओं का सिर्फ एक उदाहरण है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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