सोनिया ने नए कांग्रेस मुख्यालय का इनॉगरेशन किया:252 करोड़ रुपए खर्च; दावा- 500 मीटर दूर भाजपा ऑफिस ₹700 करोड़ में बना- INA NEWS
‘इंदिरा गांधी भवन’ 9A, कोटला रोड, नई दिल्ली यह कांग्रेस पार्टी का नया पता है। सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के अन्य नेताओं के साथ बुधवार को इसका उद्घाटन किया। करीब 46 साल बाद पार्टी ने अपना पता बदला है। इससे पहले पुराना ऑफिस 24, अकबर रोड था। नए ऑफिस की आधारशिला 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने रखी थी। यह भाजपा मुख्यालय से 500 मीटर दूर है। इसे बनने में 252 करोड़ रुपए लगे। भाजपा दफ्तर डेढ़ साल में बना था। कांग्रेस नेता कमलनाथ ने 2019 में कहा था- भाजपा मुख्यालय 700 करोड़ में बना है। भाजपा देशभर में 768 ऑफिस बना रही है। इनमें से 563 ऑफिस बनकर तैयार हैं, जबकि 96 पर काम चल रहा है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पिछले साल अगस्त में इसकी जानकारी दी थी। जब यही सवाल हमने कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर अमरीश रंजन से की तो उन्होंने बताया- दिल्ली के अलावा, हर राज्य और जिले में पार्टी दफ्तर हैं। कुछ ब्लॉक ऑफिस भी हैं। लेकिन उन्हें नंबर नहीं पता। कांग्रेस के नए मुख्यालय की तस्वीरें… भाजपा की वजह से दूसरी बार एंट्री पॉइंट बदला कांग्रेस के नए ऑफिस का मेन एंट्रेंस बदल सामने नहीं, बल्कि पीछे के दरवाजे से है। इसकी वजह भाजपा है। दरअसल, ऑफिस का फ्रंट एंट्रेंस दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर है। ऐसे में एड्रेस पर यह नाम आता, इसलिए पार्टी ने फ्रंट एंट्रेंस के बजाय बैकडोर एंट्री यानी पिछले दरवाजे से एंट्रेंस चुना, जो कोटला रोड पर खुलता है। 70 के दशक में कांग्रेस का ऑफिस डॉ. राजेंद्र प्रसाद रोड पर था। इसका एड्रेस 3, रायसीना रोड था। इसके ठीक सामने 6, रायसीना रोड पर अटल बिहारी वाजपेयी रहा करते थे, इसलिए कांग्रेस ने यहां भी बैकडोर एंट्री चुनी थी। 1978 में कांग्रेस में टूट के बाद ऑफिस पार्टी सांसद जी वेंकटस्वामी को अलॉट बंगले 24, अकबर रोड में शिफ्ट किया गया था। तब से अब तक यह कांग्रेस मुख्यालय का पता रहा। इंदिरा भवन के बारे में जानिए सबकुछ बर्मा हाउस बना कांग्रेस का लकी चार्म
24, अकबर रोड कभी इंडियन एयरफोर्स के चीफ का घर हुआ करता था। इसके अलावा यह इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की पॉलिटिकल सर्विलांस विंग का ऑफिस भी रहा। उससे पहले यह बंगला बर्मा हाउस के नाम से जाना जाता था। बंगले को यह नाम पंडित जवाहर लाल नेहरू ने दिया था। दरअसल, इसी बंगले में म्यांमार की भारत में राजदूत डॉ. खिन काई रहती थीं। वे म्यांमार की आयरन लेडी कही जाने वाली आंग सान सू की की मां थीं और करीब 15 साल तक आंग के साथ इस बंगले में रही थीं। इंदिरा ने जब 24, अकबर रोड को कांग्रेस मुख्यालय के तौर पर चुना था, तब पार्टी काफी मुश्किलों से जूझ रही थी। लेकिन यह ऑफिस कांग्रेस और इंदिरा दोनों के लिए काफी लकी साबित हुआ। 1980 के मध्यावधि चुनाव में कांग्रेस भारी बहुमत के साथ सत्ता में लौटी। यह ऑफिस चार प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह का गवाह रहा। 14 जनवरी: पुराने ऑफिस पर आखिरी बार पार्टी का झंडा उतारा गया कांग्रेस पुराना ऑफिस नहीं छोड़ेगी
सूत्रों के मुताबिक नए ऑफिस में शिफ्ट होने के बाद भी कांग्रेस अपना पुराना ऑफिस खाली नहीं करेगी। यहां बड़े नेताओं का उठना-बैठना होता रहेगा। कांग्रेस से पहले भाजपा ने भी दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित नए ऑफिस में शिफ्ट होने के बाद भी अपना पुराना ऑफिस 11, अशोक रोड नहीं छोड़ा है। केंद्र सरकार ने 2015 में कांग्रेस को दिए गए चार बंगलों का आवंटन रद्द किया था। इसमें 24, अकबर रोड भी शामिल था। इसके अलावा 26 अकबर रोड (कांग्रेस सेवा दल ऑफिस), 5-रायसीना रोड (यूथ कांग्रेस ऑफिस) और C-II/109 चाणक्यपुरी (सोनिया गांधी के सहयोगी विन्सेंट जॉर्ज को आवंटित) का आवंटन भी रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने दफ्तर बदलने का निर्देश दिया था सुप्रीम कोर्ट ने लुटियंस जोन में भीड़-भाड़ की वजह से सभी पार्टियों को अपना दफ्तर बदलने का निर्देश दिया था। इसके बाद सबसे पहले भाजपा ने 2018 में दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर अपना ऑफिस बनाया। कांग्रेस ने भी अपना नया ठिकाना भाजपा के पड़ोस में ढूंढा। मध्य प्रदेश के पूर्व CM कमलनाथ ने कहा था कि भाजपा ने ऑफिस बनाने में 700 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। ———————————————- कांग्रेस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… राहुल बोले- मोदी-केजरीवाल एक जैसे:दोनों अडाणी पर एक शब्द नहीं बोलते दिल्ली चुनाव में राहुल गांधी ने पहली रैली 13 जनवरी को सीलमपुर विधानसभा इलाके में की। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल एक जैसे हैं। दोनों अडाणी के बारे में एक भी शब्द नहीं बोलते हैं। देश में 150 अरबपति लोग हैं, जो भारत को कंट्रोल करते हैं। देश का पूरा फायदा इन अरबपतियों को मिलता है। पूरी खबर पढ़ें…
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