वैशाली जिलाधिकारी के निर्देश पर लगा मुआवजा देने के लिए विशेष कैंप

संवाददाता-राजेन्द्र कुमार

वैशाली / हाजीपुर: जनसामान्य के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जिलाधिकारी श्री यशपाल मीणा के निर्देश पर राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अधिग्रहित की गई भूमि के रैयतों को मुआवजा देने हेतु विशेष शिविर का आयोजन किया गया। यह विशेष कैंप सरकारी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी एवं प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

दो दिन में आए 66 आवेदन

इस विशेष कैंप में, महज दो दिन के भीतर 66 आवेदन प्राप्त हुए। पिछले वर्षों की तुलना में यह आंकड़ा अपने आप में ही महत्वपूर्ण है। पहले दिन आयोजित शिविर में 38 आवेदन प्राप्त हुए, जिसके तहत लगभग 1.25 करोड़ रुपये की मुआवजे की राशि स्वीकृत की गई। यह मुआवजा राष्ट्रीय राजमार्ग 103 (नया NH 322) के पासवान चौक से मुसरीघरारी सेक्शन जंदाहा बाईपास सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित जमीन के लिए था।

मुआवजे की राशि की स्वीकृति

आज, यानी 21 जनवरी को भी NH 122 B जड़ुआ शेरपुर सेक्शन के अंतर्गत सड़क निर्माण के लिए एक्वायर्ड जमीन का मुआवजा भुगतान हेतु विशेष शिविर का आयोजन किया गया। बिदुपुर, सहदेई एवं महनार में आयोजित इस कैंप में 56 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें कुल 53 लाख रुपये के मुआवजे की राशि स्वीकृत की गई। इस कुल मिलाकर, इन विशेष कैंपों में लगभग 2.78 करोड़ रुपये की मुआवजे की राशि की स्वीकृति दी गई है।

विशेष शिविर का संचालन

इस विशेष शिविर के आयोजन में अंचलाधिकारी, राजस्व अधिकारी, और राजस्व कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति की गई। सभी डीसीएलआर को भी इस कार्य में लगाया गया है। जिलाधिकारी श्री यशपाल मीणा स्वयं कैंप से डेली रिपोर्ट मंगा कर सभी कार्यों की निगरानी कर रहे हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि सभी प्रक्रियाएं समय पर और सही तरीके से पूरी हों।

शासन की पारदर्शिता

युवाओं एवं आम लोगों की मदद के लिए ऐसे विशेष शिविरों का आयोजन एक सकारात्मक संकेत है। वर्तमान में, जब हर तरफ सरकारी प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाए जाने की बात चल रही है, ऐसे सेटअप से लोगों को सरकारी मुआवजा आसानी से मिल रहा है। प्रशासन की यह पहल निश्चित रूप से रैयतों के लिए संजीवनी साबित होगी और इससे लोगों के विश्वास में भी वृद्धि होगी।

कल और आगे का कार्यक्रम

जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित इस विशेष शिविर का क्रम आगे भी जारी रहेगा। कल यानी 22 जनवरी को भी बिदुपुर, सहदेई और महनार में विशेष कैंप लगेंगे। इस तरह के आयोजन से मुआवजे की प्रक्रिया को गति मिलेगी और लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो सकेगा।

तथाकथित निराशाओं के बीच, यह विशेष कैंप एक नई उम्मीद के साथ चमक रहा है। इससे संबंधित सभी जानकारी और अपडेट्स प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे आम जनमानस समय से अपडेट रह सके।

अंत में, इस विशेष कैंप के माध्यम से प्रशासन ने यह साबित कर दिया है कि जब नियोजन और व्यवस्था सही हो, तो विकास की गति को तेज किया जा सकता है। आशा है कि आने वाले समय में इस तरह के अधिक शिविरों का आयोजन किया जाएगा, ताकि रैयत वर्ग को अधिक से अधिक लाभ मिल सके। लोकतांत्रिक प्रक्रिया में इस तरह की पारदर्शिता और प्रभावशीलता देश के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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