कोरबा पुलिस की मॉडिफाइड साइलेंसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई: 17 मामलों में वसूला गया ₹39,100 का जुर्माना
कोरबा: कोरबा पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के निर्देशन में शहर में मॉडिफाइड साइलेंसरों के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाया गया। इस अभियान का नेतृत्व नगर पुलिस अधीक्षक (साइबर एवं यातायात) रविन्द्र कुमार मीना और डीएसपी ट्रैफिक डी. के. सिंह ने किया। इस कार्रवाई का उद्देश्य शहर में ध्वनि प्रदूषण को कम करना और मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन करने वालों पर लगाम कसना है।
पिछले कुछ समय से कोरबा शहर में मॉडिफाइड साइलेंसरों के कारण ध्वनि प्रदूषण की शिकायतें बढ़ रही थीं। सामान्य साइलेंसरों के विपरीत, ये मॉडिफाइड साइलेंसर अत्यधिक तेज और अप्रिय ध्वनि उत्पन्न करते हैं, जिससे आम जनता को काफी परेशानी होती है। विशेष रूप से रात के समय में, इन साइलेंसरों के कारण लोगों को नींद में खलल और बेचैनी का अनुभव होता है। यही कारण है कि कोरबा पुलिस ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए यह विशेष अभियान शुरू किया है।
अभियान के दौरान, शहर के विभिन्न क्षेत्रों में यातायात पुलिस ने दुपहिया वाहनों की जांच की। जांच के दौरान मॉडिफाइड साइलेंसर लगे पाए जाने वाले वाहनों को तत्काल जब्त कर लिया गया और उनके मालिकों पर जुर्माना लगाया गया। पुलिस के अनुसार, अब तक कुल 17 मामलों में कार्रवाई की गई है, जिनमें ₹39,100 का समन शुल्क वसूला गया है। जब्त किए गए मॉडिफाइड साइलेंसरों को नष्ट कर दिया जाएगा ताकि इनका दोबारा उपयोग न हो सके।
ध्वनि प्रदूषण: एक गंभीर समस्या
मॉडिफाइड साइलेंसर न केवल यातायात नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह ध्वनि प्रदूषण का एक प्रमुख कारण भी है। ध्वनि प्रदूषण के कई नकारात्मक प्रभाव होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण से सुनने की क्षमता में कमी, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और तनाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: ध्वनि प्रदूषण चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कमी और नींद की कमी का कारण बन सकता है, जो मानसिक स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
- वातावरण पर प्रभाव: ध्वनि प्रदूषण वन्यजीवों के संचार और व्यवहार को बाधित कर सकता है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
पुलिस का संदेश और भविष्य की योजनाएं
कोरबा पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने वाहनों में किसी भी प्रकार का अवैध परिवर्तन न करें और यातायात नियमों का पालन करें। पुलिस ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि कोई व्यक्ति यातायात नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने कहा कि कोरबा पुलिस शहर में ध्वनि प्रदूषण को कम करने और यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मॉडिफाइड साइलेंसरों के खिलाफ यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और पुलिस इस तरह के उल्लंघन करने वालों पर कड़ी नजर रखेगी। उन्होंने नागरिकों से भी अपील की है कि वे पुलिस को ऐसे वाहनों के बारे में जानकारी दें जिनमें मॉडिफाइड साइलेंसर लगे हों ताकि कार्रवाई की जा सके।
इसके अतिरिक्त, नगर पुलिस अधीक्षक (साइबर एवं यातायात) रविन्द्र कुमार मीना ने बताया कि पुलिस जल्द ही शहर में जागरूकता अभियान चलाएगी, जिसमें लोगों को मॉडिफाइड साइलेंसरों के नकारात्मक प्रभावों के बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य लोगों को यातायात नियमों का पालन करने और ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
कोरबा पुलिस की मॉडिफाइड साइलेंसरों के खिलाफ कार्रवाई एक स्वागत योग्य कदम है। यह उम्मीद की जाती है कि इस कार्रवाई से शहर में ध्वनि प्रदूषण को कम करने और यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। कोरबा पुलिस का यह संदेश स्पष्ट है: यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। यह नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वे यातायात नियमों का पालन करें और शहर को सुरक्षित और शांत बनाने में पुलिस का सहयोग करें।