राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन: न्याय के द्वार में एक कदम आगे
जिला विधिक सेवा प्राधिकार वैशाली ने शनिवार को सिविल कोर्ट परिसर हाजीपुर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया, जो कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार आयोजित किया गया।
लेखक: राजेन्द्र कुमार
जिला विधिक सेवा प्राधिकार वैशाली ने शनिवार को सिविल कोर्ट परिसर हाजीपुर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया, जो कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश वैशाली श्री ओम प्रकाश सिंह, प्रभारी जिला पदाधिकारी वैशाली श्री विनोद कुमार सिंह, और अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री जीवनलाल एवं गौरव कमल ने संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर जिला जज ओम प्रकाश सिंह ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “हम सभी का दायित्व है कि समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को कानून का लाभ दिलाया जाए।” उन्होंने न्याय की सुलभता पर जोर देते हुए कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम लोगों को त्वरित न्याय दिलाएं ताकि न्यायालय पर मुकदमों का बोझ कम किया जा सके।
उन्होंने आगे कहा, “लोक अदालत द्वारा मुकदमों के निष्पादन से न केवल मामलों का अंतिम समाधान होता है, बल्कि यह समाज में अमन, चैन और भाईचारे का माहौल भी बनाता है।”
प्रभारी जिला पदाधिकारी विनोद कुमार सिंह ने भी अपने संबोधन में सभी लोगों से अपील की कि वे अपने मुकदमों का निष्पादन इस शिविर के माध्यम से करा लें और इसके व्यापक प्रचार-प्रसार में सहयोग करें। उनका मानना है कि अधिक से अधिक लोग इस सुअवसर का लाभ उठाएँ।
सुलह-समझौते पर ध्यान
कार्यक्रम में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जीवनलाल एवं गौरव कमल ने लोगों से सुलह समझौता के आधार पर मुकदमों के निपटान में सहयोग करने की अपील की। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शिवाकांत झा ने भी सभी अधिवक्ताओं से अनुरोध किया कि वे लोक अदालत का व्यापक प्रचार करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस शिविर का लाभ ले सकें।
कार्यक्रम का संचालन स्वर्गीय कन्हाई शुक्ला सामाजिक सेवा संस्थान के सचिव सुधीर कुमार शुक्ला ने किया। उन्होंने समारोह की सुचारू व्यवस्था के लिए सभी का धन्यवाद किया।
निस्तारण की उपलब्धियाँ
इस लोक अदालत में कुल 27,020 मामलों को निस्तारण के लिए रखा गया था, जिसमें 19,229 पूर्व विवाद वाद और 7,791 न्यायालय में लंबित मामले शामिल थे। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव रितु कुमारी ने जानकारी दी कि इस शिविर के माध्यम से कुल 2,934 मामलों का निस्तारण किया गया है, जिससे 9 करोड़ 31 लाख 42 हजार 69 रुपए की राशि का सेटलमेंट हुआ है।
इस शिविर के प्रभावी और सफल आयोजन के लिए कुल 23 बेंचों का गठन किया गया था, जिसने विभिन्न प्रकार के मामलों के त्वरित निपटान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस प्रकार, राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन एक महत्वपूर्ण कदम है जो समाज के सभी वर्गों को न्याय प्रदान करता है। यह केवल कानून की सुलभता को ही नहीं बढ़ाता, बल्कि सामाजिक सद्भाव को भी प्रोत्साहित करता है। न्याय योजना की इस पहल के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी व्यक्ति को न्याय पाने के लिए लम्बा इंतजार न करना पड़े।
हम सभी को चाहिए कि हम इस तरह के आयोजनों की महत्ता को समझें और उनका अधिकतम लाभ उठाएं, ताकि हमारी न्याय प्रणाली और भी प्रभावशाली बन सके। न्याय का यह यात्रा केवल हमारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हमारे समाज का एक अहम हिस्सा है।