खुट्टी, वेराइटी का खेल बंद कर सभी का गन्ना चालान भेजवाएं चीनी मिलें: सुनील कुमार राव

संवाददाता-राजेन्द्र कुमार।

बेतिया। अखिल भारतीय किसान महासभा बिहार राज्य के आह्वान पर राज्य व्यापी कार्यक्रम के तहत जिला समाहरणालय बेतिया के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया गया।उसे संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय पार्षद और जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राव ने कहा कि भाजपा और मोदी के शासन में कृषि और किसान इतिहास के अब तक के सबसे गहरे संकट के दौर से गुजर रहे हैं। जब हमारी चुनी हुई सरकार ही हमारी खेत, खेती व फसल को हमसे छीन कर कारपोरेट घरानों को देना चाह रही है।

इसके लिए हमारी खेती में मिलने वाली सभी सुविधओं को समाप्त कर उसे घाटे का कार्य बना फिर कानून बना खेत-खेती-फसल पर कारपोरेट का कब्जा दिलाने में लगी है। किसान आंदोलनों के दबाव में जिस काला कृषि कानून को वापस लिया था अब पुनः केंद्र सरकार एक प्रस्ताव के जरिए तीनों काले कृषि कानूनों को चोर दरवाजे से राज्यों के माध्यम से लागू कराने की कोशिश कर रही है।

जिसका हमने विरोध आज धरना के माध्यम से बिहार सरकार को यह बताना चाहते है कि ऐसे प्रस्ताव को बिहार सरकार केंद्र सरकार को वापस करे। उन्होंने कहा जिला सहकारिता विभाग के मेल से पैक्सों की मनमानी और लुट की वजह से किसानों को अपना धान बिचौलिए को बेचना पड़ रहा है। एक लौट के धान खरीद पर पैक्सों से 20000 रुपए सहकारिता विभाग वसूली करता है।जो पैक्स रुपया नहीं देते उनको विभिन्न तरीकों से धान खरीद से वंचित कर दिया जाता है। ऐसे में मजबूर पैक्स किसानों से प्रति किवंटल करीब 100 रुपए वसूल करने की बात करते हैं जिस वजह से किसान बिचौलिए को धान बेचने पर मजबूर हैं।जिला सचिव सुरेश दूबे ने कहा चीनी मिलें गन्ना किसानों को अर्ली और रिजेक्ट वेराइटी के खेल में अब तक सामान्य और लेट वेराइटी का गन्ना चालान नहीं दिया जिससे किसानों का खुट्टी गन्ना अब तक खेतों में लगा है। जिला प्रशासन चीनी मिलों पर कार्रवाई करे ।

किसान नेता संजय यादव ने कहा पंजाब, हरियाणा व अन्य राज्यों में गन्ना मूल्य 400 रुपए प्रति किवंटल से अधिक है लेकिन यहां चीनी मिलों और सरकार के साठ गांठ से किसानों को लुटा जा रहा है। ऐसे में गन्ना मूल्य 600 रुपए प्रति किवंटल किया जाए। किसान नेता हरे राम यादव ने कहा कि अंचलों के कृषि पदाधिकारियों के मेल से उर्वरक खरीदने पर किसानों को जबरन विक्रेताओं द्वारा कीटनाशक और अन्य चीजों को दे दिया जा रहा है।इस पर जिला प्रशासन रोक लगाए। किसान नेता सुरेश दूबे ने कहा सरकार भूमि सर्वे करा कर हमारी रैयती गैर मजरुआ खास, वकास्त एवं सरवस्ता खेसरा, सरकार से ही प्राप्त गरीबों की जमीनों व भूदान की जमीनों को भी जमाबंदी खारिज करते हुए बिहार सरकार की जमीन घोषित करते हुए लैंड बैंक बनाकर कारपोरेट को देने की कोशिश की जा रही है।

जिसको लेकर किसान महासभा के नेतृत्व में सरकार के इन मनसूबों के खिलाफ संघर्ष करते रहे है। किसान नेता सिंहासन ठाकुर ने कहा किसान महासभा सी-2+50% के साथ एमएसपी की कानूनी गारंटी, खाद्य सुरक्षा, संपूर्ण कर्ज माफी, कृषि षि मंडियों की पुनर्बहाली, सिंचाई हेतु मुफ्त बिजली, सिंचाई संसाध्नों का जीर्णोद्धार व नए का निर्माण, बाढ़-सुखाड़ से निजात का स्थाई प्रबंध आदि मांगों पर लगातार आंदोलनरत है। उन्होंने कहा अतीत में बिहार में जो भी सिंचाई संसाधन थे, वे सभी सरकारी उदासीनता के कारण मृतप्राय हो चुके हैं। सभी सरकारी नलकूप बंद पड़े हैं। डीजल और बिजली काफी महंगी है। सोन, गंडक व कोसी की नहरें भी अपनी आखिरी सांसे ले रही है। कार्यक्रम को धर्मनाथ कुशवाहा ,रिखी साह,मनबोध साह,सुरेश शर्मा,मुंशी दास,युवा नेता सुरेंद्र चौधरी,फरहान राजा,बिनोद कुशवाहा,धरमेंद्र प्रसाद आदि ने संबोधित किया ।

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