वैशाली: माइक्रोफाइनेंस ऑडिटर की संदिग्ध मौत, हत्या की आशंका
संवाददाता-राजेन्द्र कुमार

वैशाली जिले के राजापाकर बखरी बड़ाई पंचायत के फरीदपुर ग्राम में मातम पसरा है। सेवानिवृत्त सैनिक फुलास सिंह के 28 वर्षीय पुत्र विकास कुमार, जो एक माइक्रोफाइनेंस कंपनी में ऑडिटर के पद पर कार्यरत थे, की बीते रात्रि दलसिंहसराय में संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है, और परिजन हत्या की आशंका जता रहे हैं।
संदिग्ध परिस्थितियों में मिला माइक्रोफाइनेंस ऑडिटर का शव
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दलसिंहसराय में एक निजी फाइनेंस कंपनी के ऑडिटर विकास कुमार का शव संदिग्ध स्थिति में बरामद किया गया है। घटना समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय थाना क्षेत्र के दैनी चौक की है। मृतक विकास कुमार जाइलो माइक्रो केयर फाउंडेशन कंपनी में कार्यरत थे और 3 मार्च को ऑडिट के लिए दलसिह सराय ब्रांच आए थे।
बताया जाता है कि ऑफिस की साफ-सफाई करने वाली मेड सुबह 7 बजे कमरे में पहुंची तो उसने विकास कुमार को अचेत अवस्था में बेड पर पड़ा देखा। बेड के नीचे गंदगी फैली हुई थी। मेड ने तुरंत बगल के कमरे में रह रहे ब्रांच मैनेजर को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद बैंक मैनेजर ने पुलिस को सूचित किया।
परिजनों ने जताई हत्या की आशंका
सूचना के बाद मौके पर पहुंची डायल 112 की टीम ने अचेत अवस्था में पड़े माइक्रोफाइनेंस ऑडिटर को इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक के परिजन हत्या की आशंका जाता रहे हैं। उनका कहना है कि साजिश के तहत उनकी हत्या की गई है और फिर शव को कमरे में बेड पर रख दिया गया है। “कैसे कोई इतनी सफाई से मार सकता है और फिर बिस्तर पर लिटा सकता है?” मृतक के चाचा ने रोते हुए कहा। “ये जरूर किसी अंदर के आदमी का काम है।”
पुलिस कर रही है जांच
घटना की सूचना मिलने पर गुरुवार सुबह 8 बजे फरीदपुर ग्राम से मृतक के परिजन दलसिंहसराय पहुंचे और दलसिंहसराय थाने में आवेदन दिया। पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए समस्तीपुर अस्पताल भेजा, जहां पोस्टमार्टम के बाद शाम 7 बजे परिजन शव को घर ले गए। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। मृतक दो भाई एवं एक बहन में सबसे छोटा था और अविवाहित था।
शव को दाह संस्कार के लिए परिजन कोनहारा घाट हाजीपुर ले गए। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण पता चल पाएगा। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर छानबीन की जा रही है। क्या ये वाकई हत्या है, या कोई और वजह? ये सवाल हर किसी के ज़हन में घूम रहा है।
माइक्रोफाइनेंस कंपनी में शोक की लहर
विकास कुमार की मौत से जाइलो माइक्रोफाइनेंस कंपनी में शोक की लहर है। कंपनी के कर्मचारियों का कहना है कि विकास एक मेहनती और ईमानदार कर्मचारी था। उनकी मौत से कंपनी को बड़ा नुकसान हुआ है।
क्षेत्र में बढ़ता अपराध
इस घटना ने क्षेत्र में बढ़ते अपराध को लेकर लोगों की चिंता बढ़ा दी है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुलिस को अपराध नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। यह घटना एक बार फिर माइक्रोफाइनेंस कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है। क्या सरकार और कंपनियां इन कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठा रही हैं?
फिलहाल, हर किसी की निगाहें पुलिस जांच पर टिकी हैं। परिजन इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि पुलिस जल्द ही हत्यारों को गिरफ्तार करेगी। इस बीच, माइक्रोफाइनेंस ऑडिटर विकास कुमार की मौत एक रहस्य बनकर रह गई है, जिसका खुलासा होना बाकी है। माइक्रोफाइनेंस की दुनिया में ये घटना एक काला धब्बा है।