Tach – भारत में 6G टेक्नोलॉजी: 5G से कितनी बेहतर और कब तक आएगी?

नई दिल्ली. भारत में 5G सेवा को आए अभी कुछ ही समय हुआ है, लेकिन टेक्नोलॉजी की दुनिया अब 6G की ओर बढ़ रही है. यह नई जनरेशन की नेटवर्क तकनीक 5G से कई गुना तेज होगी और इंटरनेट की स्पीड, कनेक्टिविटी और डेटा ट्रांसफर की क्षमता को पूरी तरह बदल देगी. भारत में 6G कब तक आएगा और यह 5G से कितना बेहतर होगा? आइए जानते हैं.
6G मोबाइल नेटवर्क की छठी पीढ़ी है, जो 5G की तुलना में कहीं अधिक एडवांस होगी. इसमें टेराहर्ट्ज (THz) फ्रिक्वेंसी का इस्तेमाल होगा, जिससे 1 टेराबिट प्रति सेकंड (Tbps) तक की स्पीड मिल सकती है. यह तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), वर्चुअल रियलिटी (VR) और मेटावर्स को नए स्तर पर ले जाएगी. 6G के जरिए थ्री-डायमेंशनल कनेक्टिविटी भी संभव होगी, जिसमें सैटेलाइट, ड्रोन और अंडरवाटर नेटवर्किंग को एक साथ जोड़ा जा सकेगा. इससे दुनियाभर में हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाना आसान हो जाएगा.
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भारत में 6G कब आएगा?
भारत सरकार 6G पर तेजी से काम कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 में भारत का 6G विजन डॉक्यूमेंट जारी किया था, जिसमें 2030 तक 6G लॉन्च करने का लक्ष्य तय किया गया है. टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, भारत 2029 तक 6G रोलआउट की तैयारी कर रहा है. Jio, Airtel और BSNL जैसी कंपनियां 6G टेक्नोलॉजी पर रिसर्च कर रही हैं. भारत में 5G को तेजी से लागू किया गया था, जिससे उम्मीद की जा रही है कि 6G में भी देश अग्रणी रहेगा.
5G और 6G में क्या अंतर होगा?
फीचर 5G 6G
स्पीड 10 Gbps तक 1 Tbps (1000 Gbps) तक
लेटेंसी (विलंबता) ~1 मिलीसेकंड ~0.1 मिलीसेकंड
कनेक्टिविटी लाखों IoT डिवाइसेस ट्रिलियन डिवाइसेस (AI + IoT)
टेक्नोलॉजी मिलीमीटर वेव, MIMO टेराहर्ट्ज़ वेव, क्वांटम कम्युनिकेशन
लॉन्च टाइम 2020 के दशक में 2029-2030 (अनुमानित)
6G आने के बाद क्या बदलाव होंगे?
इंटरनेट स्पीड कई गुना बढ़ेगी – 6G की स्पीड 5G से 100 गुना तेज होगी, जिससे डाउनलोडिंग और स्ट्रीमिंग अल्ट्रा-फास्ट होगी.
लेटेंसी लगभग खत्म हो जाएगी – 0.1 मिलीसेकंड की लेटेंसी से रीयल-टाइम डेटा ट्रांसफर संभव होगा.
स्मार्ट डिवाइसेस की क्रांति – IoT और AI के बेहतर इंटीग्रेशन से स्मार्ट होम, स्मार्ट सिटी और ऑटोमेटेड ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा.
मेडिकल टेक्नोलॉजी में सुधार – डॉक्टर दूर बैठे ही रोबोटिक सर्जरी कर सकेंगे.
मेटावर्स और VR का नया युग – वर्चुअल रियलिटी और मेटावर्स पहले से अधिक इंटरेक्टिव और असली जैसा अनुभव देंगे.
स्पेस-आधारित इंटरनेट – सैटेलाइट कनेक्टिविटी से दूर-दराज के इलाकों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट मिलेगा.
भारत 6G में कितना आगे रहेगा?
भारत 5G रोलआउट में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल रहा है. अब सरकार और कंपनियां 6G टेक्नोलॉजी को भी तेजी से विकसित कर रही हैं. साउथ कोरिया, अमेरिका, जापान और यूरोप जैसे देशों में भी 6G पर रिसर्च हो रही है, लेकिन भारत ने इस क्षेत्र में बड़ा निवेश किया है. टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर भारत 6G नेटवर्क समय पर लॉन्च करता है, तो यह डिजिटल सेक्टर में वैश्विक लीडर बन सकता है.
भारत में कब?
6G टेक्नोलॉजी 2029-2030 तक भारत में आ सकती है. यह 5G से कई गुना तेज, बेहतर और अधिक उन्नत होगी. इससे इंटरनेट की स्पीड, कनेक्टिविटी और नेटवर्क क्षमता में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे. हालांकि, इसके लिए बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना जरूरी होगा. अगर भारत इस रेस में आगे निकलता है, तो यह डिजिटल युग में एक नया मुकाम हासिल कर सकता है. 🚀
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