Tach – Alert Govt warns about fake court order email | Alert! ईमेल पर अदालत का नोटिस मिले तो घबराएं नहीं; स्कैमर्स बिछा रहे जाल | Hindi news, Tech news

नई दिल्ली. इंटरनेट की दुनिया में तहलका मचा देने वाले स्कैमर्स अब तक लाखों लोगों को चूना लगा चुके हैं और अब उन्होंने लोगों को अपनी जाल में फंसाने के लिए एक नया रास्ता ढूंढ़ निकाला है. स्कैमर्स अब ईमेल पर कुछ ऐसे दस्तावेज भेज रहे हैं जिन्हें देखकर आप घबरा जाएंगे और उससे निपटने के लिए तुरंत पैसे देने को तैयार हो जाएंगे.
अगर आपकाे भी कोई ऐसा चौंका देने वाला ईमेल मिला है, जिसमें ये कहा गया है कि आपके इंटरनेट इस्तेमाल के खिलाफ कोर्ट का आदेश है, तो आप घबराएं नहीं. क्योंकि इस तरह का इमेल पाने वाले आप अकेले नहीं हैं. सरकार ने इसे एक तरह का स्कैम बताया है और सभी से सतर्क रहने को कहा है.
यह भी पढ़ें: Smartphone Under 15000: दिसंबर में लॉन्च हुए ये लेटेस्ट मोबाइल, फीचर्स में प्रीमियम फोन को देते हैं टक्कर
सरकार ने किया अलर्ट
सरकार के आधिकारिक PIB फैक्ट चेक हैंडल द्वारा X (पूर्व में Twitter) पर अलर्ट शेयर किया गया था, जिसमें यूजर्स को भारतीय खुफिया ब्यूरो से होने का दावा करने वाले एक फर्जी ईमेल के बारे में चेतावनी दी गई थी. ईमेल में यूजर पर अनुचित गतिविधियों के लिए अपने इंटरनेट का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है और यहां तक कि कानूनी कार्रवाई की धमकी भी दी गई है. लेकिन इसके झांसे में न आएं, क्योंकि यह एक स्कैम है.
स्कैमर के ईमेल में क्या लिखा है?
स्कैमर्स जो ईमेल भेजते हैं उनमें ये आरोप लगाया गया होता है कि आपका इंटरनेट ट्रैफिक, भारतीय इंटेलिजेंस ब्यूरो की नजर में है और आपके खिलाफ एक अदालती आदेश जारी किया गया है. ईमेल पाने वाले व्यक्ति पर पोर्नोग्राफी देखने के लिए अपने इंटरनेट का उपयोग करने का आरोप लगाया जाता है. ईमेल में यह भी लिखा होता है कि इंटेलिजेंस ब्यूरो ने साइबर क्राइम पुलिस यूनिट के साथ मिलकर ऐसी गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए फोरेंसिक उपकरण बनाए हैं, जो आपकी इंटरनेट पर गतिविधियों पर नजर रखता है. ईमेल को और भी रियल दिखाने के लिए इस पर प्रोसेक्यूटर के हस्ताक्षर भी होते हैं.
यह भी पढ़ें: WhatsApp ने पेश किया डॉक्यूमेंट स्कैनिंग फीचर, iPhone वाले जान लें इसका इस्तेमाल
ऐसी ईमेल आने पर क्या करें
1. सबसे पहले घबराएं नहीं. क्योंकि ये फेक नोटिस है. जब भी कोई कानूनी कार्रवाई होती है, उसके लिए ऐसे ही ईमेल नहीं भेज दिया जाता है. बातचीत होती है और सबसे बड़ी बात ये है कि कोर्ट हमेशा हार्ड कॉपी पोस्ट करता है. इसलिए ऐसे मेल पर यकीन न करें.
2. ईमेल में दिए गए किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें. क्योंकि स्कैमर्स यही चाहते हैं कि आप पैनिक होकर उस लिंक पर क्लिक करें, जिससे आपके पूरे सिस्टम को वो कंट्रोल कर सकें.
3. जब भी ऐसी मेल आए तो उसे तुरंत cybercrime.gov.in पर फॉर्वर्ड कर दें.
FIRST PUBLISHED : December 29, 2024, 09:07 IST
Source link