Tach – डीपसीक: चीन का सस्ता और शक्तिशाली एआई मॉडल जिसने दुनिया को हिला दिया

Last Updated:

DeepSeek AI: चीन के नए आर्टिफिशियल इंटैलिजेंट सिस्टम deepseek-r1 ने आते ही अमेरिका में हड़कंप मचा दिया है, एक तो अमेरिका के एआई वर्चस्व को इसने तोड़ा तो अमेरिकी टेक कंपनियों के भविष्य पर भी सवाल खड़े कर दिए.

हाइलाइट्स

  • ये किस तरह बदल देगा पूरी दुनिया के AI सिस्टम को
  • चीन के एआई अमेरिका के वर्चस्व में सेंध लगा दी है
  • कैसे चीनी एआई ने आते ही अमेरिकी तकनीकी दिग्गजों को हिलाकर रख दिया

डीपसीक ने सोमवार को कदम रखते ही पूरी दुनिया में हलचल मचा दी. चीन के एक छोटे से स्टार्टअप ने कम पैसे में इतना शक्तिशाली एआई मॉडल बनाया है, जिसके बारे में दुनियाभर के एआई एक्सपर्ट सोच ही नहीं सकते थे कि चीन भी ऐसा कर सकता है. अब इस एआई ने पूरी दुनिया के टेक महारथियों को हिलाकर रख दिया है. हालांकि इसने कई सवाल भी खड़े किए हैं. इसे लेकर लोगों के बीच बहुत सी उत्सुकताएं और सवाल हैं.

दुनियाभर में लोग डीपसीक एआई को लेकर बहुत से सवाल कर रहे हैं. मसलन
– डीपसीक क्या है?
– यह महत्वपूर्ण क्यों है?

– डीपसीक ने कैसे बहुत सस्ती तकनीक से इसे बना डाला?
– क्या डीपसीक की तकनीक ओपनएआई और गूगल के जेमिनी से अच्छी है?

-क्या डीपसीक की तकनीक का मतलब ये है कि चीन अब कृत्रिम बुद्धि (एआई) में संयुक्त राज्य अमेरिका से आगे है?
– ये क्या करेगा

तो आइए आपको इन सभी सवालों के जवाब देते हैं

सवाल – डीपसीक क्या है?
– डीपसीक वास्तव में चीन का एक स्टार्ट-अप है जिसकी स्थापना और स्वामित्व चीनी स्टॉक ट्रेडिंग फर्म हाई-फ्लायर के पास है. इसका लक्ष्य ओपनएआई के चैटजीपीटी चैटबॉट या गूगल के जेमिनी की तर्ज पर एआई तकनीक का निर्माण करना है. 2021 तक डीपसीक ने अमेरिकी चिपमेकर एनवीडिया से हजारों कंप्यूटर चिप्स हासिल कर लिए थे, जो शक्तिशाली एआई सिस्टम बनाने के किसी भी प्रयास का एक मूलभूत हिस्सा हैं.

सवाल – चीन में इस स्टार्ट अप के बारे में कितने लोग जानते हैं?
– चीन में ये स्टार्ट-अप टॉप यूनिवर्सिटीज से युवा और प्रतिभाशाली एआई शोधकर्ताओं कोआकर्षित करने, मोटा वेतन और अत्याधुनिक शोध परियोजनाओं पर काम करने का अवसर देने के लिए जाना जाता है. हाई-फ्लायर और डीपसीक दोनों को चीनी उद्यमी लियांग वेनफेंग द्वारा चलाया जाता है.

पिछले कुछ सालों में, डीपसीक ने कई बड़े भाषा मॉडल जारी किए हैं, जो कि ऐसी तकनीक है जो चैटजीपीटी और जेमिनी जैसे चैटबॉट का आधार है. 10 जनवरी को, इसने अपना पहला मुफ़्त चैटबॉट ऐप जारी किया, जो डीपसीक-वी3 नामक एक नए मॉडल पर आधारित था.

सवाल – दुनियाभर खासकर अमेरिका का वालस्ट्रीट इससे क्यों हिला हुआ है?
– जब डीपसीक ने क्रिसमस के अगले दिन अपना डीपसीक-वी3 मॉडल पेश किया, तो यह ओपनएआई और गूगल जैसी अमेरिकी कंपनियों के सर्वश्रेष्ठ चैटबॉट्स की क्षमताओं से मेल खाता था.

दुनिया की शीर्ष कंपनियां आमतौर पर अपने चैटबॉट को सुपरकंप्यूटर से प्रशिक्षित करती हैं, जिसमें 16,000 या उससे ज़्यादा चिप्स का इस्तेमाल होता है. डीपसीक के इंजीनियरों ने कहा कि उन्हें सिर्फ़ 2,000 एनवीडिया चिप्स की ज़रूरत थी.

डीपसीक ने सोमवार को पूरी दुनिया में हलचल मचा दी, क्योंकि इसने बहुत कम लागत में एक बहुत शक्तिशाली एआई मॉडल बनाया है, जो कि कई एआई विशेषज्ञों के अनुमान से भी कम है. इससे अमेरिका के शेयर बाजार में टेक कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है.

सवाल – यह महत्वपूर्ण क्यों है?
– 2022 के अंत में जब ओपनएआई ने एआई बूम की शुरुआत की, तब से प्रचलित धारणा यह थी कि विशेष एआई चिप्स में अरबों डॉलर का निवेश किए बिना सबसे शक्तिशाली एआई सिस्टम नहीं बनाए जा सकते. इसका मतलब यह होगा कि केवल सबसे बड़ी तकनीकी कंपनियां, जैसे कि माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और मेटा, जो सभी संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित हैं, ही अग्रणी तकनीकों का निर्माण कर सकती हैं. अब तस्वीर बदल गई है. ये लगने लगा है कि एआई मॉडल को कम पैसे में भी बना सकते हैं.
डीपसीक के इंजीनियरों ने कहा कि उन्हें अपने नए सिस्टम को तैयार और ट्रेंड करने के लिए केवल 6 मिलियन डॉलर की कच्ची कंप्यूटिंग शक्ति की आवश्यकता थी. यह मेटा द्वारा अपनी नवीनतम AI तकनीक बनाने में खर्च की गई राशि से करीब 10 गुना कम था.

सवाल – डीपसीक ने कम एआई चिप्स के साथ अपनी तकनीक कैसे बनाई?
-संयुक्त राज्य अमेरिका के शीर्ष एआई इंजीनियरों का कहना है कि डीपसीक के शोध पत्र में कम चिप्स के साथ एआई तकनीक के निर्माण के चतुर और प्रभावशाली तरीके बताए गए हैं.

संक्षेप में, स्टार्टअप के इंजीनियरों ने कम चिप्स का उपयोग करके डेटा के विश्लेषण का एक अधिक स्मार्ट तरीका दिखाया. अग्रणी AI सिस्टम टेक्स्ट, इमेज और ध्वनियों सहित बड़ी मात्रा में डेटा में पैटर्न को इंगित करके लर्निंग स्किल का काम करते हैं. डीपसीक ने इस डेटा विश्लेषण को कई विशेष AI मॉडल में फैलाने का एक तरीका बताया, जिसे शोधकर्ता “विशेषज्ञों का मिश्रण” विधि कहते हैं, इसमें डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में लगने वाला समय भी कम लगता है.

दूसरों ने पहले भी इसी तरह के तरीकों का इस्तेमाल किया लेकिन मॉडलों के बीच जानकारी ले जाने से उनकी दक्षता कम हो जाती है. डीपसीक ने इसे इस तरह से किया कि उसमें कम कंप्यूटिंग शक्ति का उपयोग करने की अनुमति मिली. इससे ये भी जाहिर हो गया कि वो कुशल एआई सिस्टम बनाने में माहिर हैं. डीपसीक ने ऐसे तरीकों का इस्तेमाल किया, जिन्हें कोई भी दोहरा सकता है. इससे आने वाले समय में आने वाले समय में एआई तकनीक सामान्य चीज बन जाएगी, जिसमें कई कंपनियां लगभग एक ही उत्पाद बेच रही होंगी.

सवाल – क्या डीपसीक की तकनीक ओपनएआई और गूगल के एआई सिस्टम से बेहतर है?
– मानक बेंचमार्क परीक्षणों के अनुसार, डीपसीक-वी3 सवालों का उत्तर दे सकता है, तर्क समस्याओं को हल कर सकती है. बाजार में पहले से उपलब्ध किसी भी अन्य उपकरण की तरह ही प्रभावी ढंग से अपना स्वयं का कंप्यूटर प्रोग्राम लिख सकता है.

डीपसीक द्वारा अपनी तकनीक जारी करने से ठीक पहले, ओपनएआई ने ओपनएआई ओ3 नामक एक नई प्रणाली की शुरुआत की, जो डीपसीक-वी3 से अधिक शक्तिशाली प्रतीत हुई लेकिन ओपनएआई ने इस प्रणाली को बड़े पैमाने पर जनता के लिए जारी नहीं किया है.

20 जनवरी को डीपसीक ने डीपसीक आर1 नाम से अपना खुद का मॉडल जारी किया. इसने विशेषज्ञों को प्रभावित किया. डीपसीक की नई तकनीक उन्हें दमदार लग रही है.

सवाल – आसान शब्दों में अगर समझें तो एआई बनाने में चिप्स का क्या योगदान है और डीपसीक कैसे अलग है?
– एआई बनाने में चिप्स (chips) का बहुत बड़ा योगदान है. ये चिप्स असल में प्रोसेसर होते हैं, जो एआई एल्गोरिदम को चलाने और डाटा को तेजी से प्रोसेस करने का काम करते हैं. एआई के लिए खासतौर पर डिजाइन किए गए चिप्स, जैसे GPU (Graphics Processing Unit) और TPU (Tensor Processing Unit) बड़ी मात्रा में गणनाएं (computations) एक साथ कर सकते हैं. ये चिप्स एआई मॉडल्स को ट्रेंड करने और उनका इस्तेमाल करने में मदद करते हैं, जैसे कि इमेज रिकग्निशन, वॉयस असिस्टेंट, या चैटबॉट्स.
कुल मिलाकर, एआई बनाने और उसे चलाने में चिप्स का काम ठीक वैसे ही है, जैसे एक कंप्यूटर को चलाने के लिए प्रोसेसर का. डीपसीक जैसी नई तकनीकें एआई को और भी तेज़, सटीक और प्रभावी बनाने में मदद करती हैं.

सवाल – डीपसीक कैसे अलग है?
– DPSIK (DeepSeeQ) एक नई तकनीक या प्रोसेसर आर्किटेक्चर है, जो खासतौर पर एआई प्रोसेसिंग के लिए डिज़ाइन की गई है. यह सामान्य GPU या CPU से अलग इसलिए है, क्योंकि इसे विशेष रूप से डेडिकेटेड एआई वर्कलोड्स के लिए ऑप्टिमाइज़ किया गया है.

– ये पारंपरिक प्रोसेसर की तुलना में कम ऊर्जा में बेहतर परफॉर्मेंस देता है
-भारी और जटिल एआई एल्गोरिदम को तेज़ी से प्रोसेस कर सकता है.
– यह मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग मॉडल्स के लिए ज्यादा अनुकूल है.

सवाल – क्या संयुक्त राज्य अमेरिका ने चीन को बेचे जाने वाले एनवीडिया चिप्स की संख्या सीमित कर दी है?
– डीपसीक के इंजीनियरों ने कहा कि स्टार्टअप के एआई सिस्टम को प्रशिक्षित करने के लिए उन्हें केवल 2,000 एनवीडिया चिप्स की जरूरत थी. हां, ग्लोबल एआई दौड़ में अमेरिका की बढ़त बनाए रखने के लिए बाइडेन प्रशासन ने चीन और अन्य प्रतिद्वंद्वियों को बेची जाने वाली शक्तिशाली चिप्स की संख्या को सीमित करने के लिए कड़े नियम बना दिए थे. लेकिन डीपसीक को उससे कोई फर्क नहीं पड़ा.
हालांकि कुछ विशेषज्ञ अमेरिकी व्यापार प्रतिबंधों के पक्ष में तर्क देते रहे हैं, उनका कहना है कि ये प्रतिबंध हाल ही में लगाए गए हैं. आने वाले वर्षों में इनका चीन की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) बनाने की क्षमता पर अधिक प्रभाव पड़ेगा.

सवाल – क्या डीपसीक की तकनीक का मतलब यह है कि चीन अब कृत्रिम बुद्धि (एआई) में संयुक्त राज्य अमेरिका से आगे है?
– नहीं। दुनिया ने अभी तक OpenAI के 03 मॉडल को नहीं देखा है और मानक बेंचमार्क परीक्षणों पर इसका प्रदर्शन बाजार में किसी भी अन्य चीज़ की तुलना में अधिक प्रभावशाली था. हालांकि विशेषज्ञों को चिंता है कि चीन ओपन-सोर्स AI सिस्टम पर आगे बढ़ रहा है.

सवाल – ओपन-सोर्स एआई वास्तव में क्या है?
– कई अन्य कंपनियों की तरह , डीपसीक ने अपने नवीनतम एआई सिस्टम को “ओपन सोर्स” किया है, जिसका अर्थ है कि इसने अंतर्निहित कंप्यूटर कोड को अन्य व्यवसायों और शोधकर्ताओं के साथ साझा किया है. यह दूसरों को समान तकनीकों का उपयोग करके अपने स्वयं के उत्पाद बनाने और वितरित करने की अनुमति देता है. यही कारण है कि डीपसीक और चीन की अन्य कम्पनियां इतनी शीघ्रता और कम खर्च में प्रतिस्पर्धी एआई प्रणालियां बनाने में सफल रही हैं. डीपसीक और अन्य ने दिखाया है कि यह पारिस्थितिकी तंत्र अमेरिकी तकनीकी दिग्गजों से आगे भी फल-फूल सकता है.

सवाल – यह महत्वपूर्ण क्यों है? क्या इससे दुनिया में एआई की नई होड़ शुरू होगी?
– बिल्कुल. चीन ने जाहिर कर दिया कि एआई की तकनीक में वह अमेरिका से कम तो कतई नहीं है. फिलहाल दुनिया में एआई में ये दोनों महाशक्तियां आगे निकल आई हैं. जाहिर सी बात है कि अब दूसरे देश भी इस पर फोकस करने की राह चल पड़ेंगे. इनके अपने खतरें हैं, उनका सामना भी करना ही होगा.

homeknowledge

चीन के नए AI ‘डीपसीक’ से क्यों मचा हड़कंप, ये क्या कर डालेगा, जानिए सबकुछ


Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News