Tach – इन्वर्टर बैटरी में कब डालना चाहिए पानी? 90% लोग नहीं जानते सही तरीका!

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आप अपने इन्वर्टर बैटरी में पानी खुद बदल सकते हैं, लेकिन इसके लिए सावधानी और जानकारी की आवश्यकता होती है. जानिये इंवर्टर बैटरी में पानी कब बदलना चाहिए.
बैटरी में पानी कब डालना चाहिए
हाइलाइट्स
- बैटरी का इस्तेमाल ज्यादा नहीं हो रहा तो 3 महीने में इसका पानी चेंज करें
- ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है तो हर 1 से 1.5 महीने में चेंज करें
- बैटरी चेक करते समय हमेशा दस्ताने और चश्मा पहनें
नई दिल्ली. गर्मी के आते ही बिजली कटौती की समस्या आम हो जाती है और ऐसे में इन्वर्टर हर घर का एक जरूरी हिस्सा बन जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपका इन्वर्टर बैटरी सही से काम कर रहा है या नहीं? असल में, कई लोगों को यह समझ नहीं आता कि बैटरी में पानी कब डालना चाहिए. इसका नतीजा यह होता है कि धीरे-धीरे बैटरी खराब होने लगती है और पावर बैकअप कम हो जाता है. इन्वर्टर बैटरी में जो पानी होता है, वह साधारण पानी नहीं होता, बल्कि डिस्टिल्ड पानी होता है, यानी साफ और मिनरल-फ्री पानी. इसका काम बैटरी के अंदर केमिकल रिएक्शन को बनाए रखना होता है, ताकि बैटरी चार्ज हो सके और जरूरत पड़ने पर बिजली सप्लाई कर सके. अगर यह पानी कम हो जाता है, तो बैटरी सूखने लगती है और उसकी परफॉर्मेंस गिरने लगती है.
अधिकतर लोग तब बैटरी खोलते हैं जब इन्वर्टर बैकअप देना बंद कर देता है या चार्जिंग में समस्या आती है. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. बैटरी में पानी डालने का एक सही समय होता है और अगर इसका पालन किया जाए, तो बैटरी सालों तक सही काम करती है.
अगर आपके इलाके में बिजली कटौती कम होती है और इन्वर्टर का ज्यादा इस्तेमाल नहीं होता, तो हर 2-3 महीने में बैटरी का पानी चेक करना काफी है. वहीं, अगर गर्मियों में इन्वर्टर रोज घंटों चलता है, तो हर 1 से 1.5 महीने में पानी का लेवल जरूर चेक करें. हर बैटरी पर एक निशान होता है, मिनिमम और मैक्सिमम. अगर पानी मिनिमम से नीचे चला जाए, तो तुरंत डिस्टिल्ड पानी डालें. ध्यान रखें, पानी न तो ज्यादा होना चाहिए और न ही कम, बस दोनों निशानों के बीच होना चाहिए.
इन बातों का ध्यान रखें, वरना नुकसान तय है
हमेशा डिस्टिल्ड पानी का ही उपयोग करें. नल का पानी बैटरी को नुकसान पहुंचा सकता है. बैटरी चेक करते समय हमेशा दस्ताने और चश्मा पहनें. अगर बैटरी बहुत गर्म हो रही है, तो बिना देरी किए किसी विशेषज्ञ से चेक करवाएं. बैटरी का कवर बेवजह न खोलें. अंत में, एक सलाह: बैटरी का ध्यान रखें और बिजली का उपयोग निश्चिंत होकर करें.
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