Tach – माइक्रोसॉफ्ट ने खोजी पदार्थ की नई अवस्था, क्वांटम कंप्यूटर को मिलेगी ताकत

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पूरी दुनिया क्वांटम कंप्यूटर को डेवलप करने में दौड़ लगा रही है क्योंकि उसे दुनिया की अगली ऐसी बड़ी खोज माना जा रहा है, जो दुनिया को काफी हद तक बदल सकता है. क्या माइक्रोसाफ्ट ने उसमें कोई बड़ा काम कर लिया है.

हाइलाइट्स

  • माइक्रोसॉफ्ट ने पदार्थ की नई अवस्था बनाई.
  • नई अवस्था क्वांटम कंप्यूटर को नई ताकत देगी
  • क्वांटम कंप्यूटर तकनीकी समस्याओं को हल करेगा

माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि उसने पदार्थ की एक नई अवस्था तैयार की है जो क्वांटम कंप्यूटर को नई ताकत दे सकती है. इससे दवा खोजों, जलवायु सिमुलेशन या यहां तक ​​कि ऐसा नेटवर्क बनाया जा सकेगा, जिसे हैक नहीं किया जा सकता.

हममें से हर कोई जानता है कि हर पदार्थ की तीन अवस्थाएं होती हैं – ठोस, तरल और गैस. अब माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि उसने एक शक्तिशाली मशीन क्वांटम कंप्यूटर बनाने की अपनी खोज की कोशिश में पदार्थ की एक नई अवस्था बनाई है. क्वांटम कंप्यूटर बैटरी से लेकर दवाओं और आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस तक हर चीज़ के विकास को गति दे सकता है.

क्या एआई दौड़ को छोड़ देगा पीछे
माइक्रोसॉफ्ट के वैज्ञानिकों ने कहा कि उन्होंने भौतिक अस्तित्व के इस नए चरण के आधार पर एक “टोपोलॉजिकल क्यूबिट” बनाया है, जिसका उपयोग गणितीय, वैज्ञानिक और तकनीकी समस्याओं को हल करने के लिए किया जा सकता है. इस विकास के साथ माइक्रोसॉफ्ट आज की आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस की दौड़ से परे अगली बड़ी तकनीकी में छलांग लगाने की ओर बढ़ रहा है.

टोपोलॉजिकल क्यूबिट क्वांटम कंप्यूटिंग में एक क्रांतिकारी अवधारणा है, जो पारंपरिक क्यूबिट्स की तुलना में अधिक स्थिर और त्रुटि-मुक्त होने की क्षमता रखता है. टोपोलॉजिकल क्यूबिट्स में जानकारी व्यक्तिगत परमाणुओं या कणों के नाजुक गुणों में नहीं, बल्कि पदार्थ की “टोपोलॉजी” में एन्कोड की जाती है. टोपोलॉजी एक पदार्थ की व्यवस्था और कनेक्टिविटी को बताती है. ये अणुओं और परमाणुओं से भी माइक्रो लेवल पर जाकर “मेजराना कणों” पर आधारित है जो उप-परमाणु कण कहे हैं.

माइक्रोसॉफ्ट के वैज्ञानिकों ने कहा कि उन्होंने भौतिक अस्तित्व के इस नए चरण के आधार पर एक “टोपोलॉजिकल क्यूबिट” बनाया है(Image generate by Leonardo AI)

गूगल पेश कर चुका एक्सपेरिमेंटल क्वांटम कंप्यूटर
दिसंबर में जब गूगल ने एक प्रायोगिक क्वांटम कंप्यूटर पेश किया, तो यह अभियान और तेज़ हो गया, जिसे गणना करने में सिर्फ़ पांच मिनट लगे, जबकि ज़्यादातर सुपरकंप्यूटर ज्ञात ब्रह्मांड की आयु से 10 सेप्टिलियन साल ज़्यादा समय में भी गणना नहीं कर सकते. माइक्रोसॉफ्ट की क्वांटम तकनीक गूगल में विकास के तहत चल रहे तरीकों से आगे निकल सकती है.

नए तरह का कंप्यूटर चिप बनाया
अपने शोध के हिस्से के रूप में कंपनी ने एक नए तरह के कंप्यूटर चिप के अंदर कई टोपोलॉजिकल क्यूबिट बनाए, जो क्लासिकल कंप्यूटर को पावर देने वाले सेमीकंडक्टर की ताकत को सुपरकंडक्टर के साथ मिलाते हैं, जिनका इस्तेमाल आम तौर पर क्वांटम कंप्यूटर बनाने के लिए किया जाता है:

तब ये चिप बहुत पॉवरफुल काम करती है
जब ऐसी चिप को बहुत कम तापमान पर ठंडा किया जाता है, तो यह शक्तिशाली तरीके से व्यवहार करती है, जिसके बारे में माइक्रोसॉफ्ट का मानना ​​है कि इससे तकनीकी, गणितीय और वैज्ञानिक समस्याओं को हल करने में मदद मिलेगी, जिन्हें पारंपरिक मशीनें कभी हल नहीं कर सकतीं.

क्वांटम कंप्यूटर दशकों तक पूरी तरह से साकार नहीं होंगे लेकिन माइक्रोसॉफ्ट के वैज्ञानिकों ने कहा कि उनके तरीके उन्हें जल्दी ही अंतिम लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करेंगे. (Image generate by Leonardo AI)

इसे लेकर संदेह भी
कुछ लोगों को संदेह है कि क्या माइक्रोसॉफ्ट ने यह मील का पत्थर हासिल कर लिया है. कई प्रमुख शिक्षाविदों का कहना है क्वांटम कंप्यूटर दशकों तक पूरी तरह से साकार नहीं होंगे लेकिन माइक्रोसॉफ्ट के वैज्ञानिकों ने कहा कि उनके तरीके उन्हें जल्दी ही अंतिम लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करेंगे, “हम इसे कुछ ऐसा मानते हैं जो दशकों दूर नहीं, बल्कि वर्षों दूर है” माइक्रोसॉफ्ट की तकनीक का विस्तार से विवरण हाल में प्रकाशित साइंस मैगजीन नेचर के एक शोध पत्र में दिया गया.

क्या है क्वांटम कंप्यूटिंग
क्वांटम कंप्यूटिंग एक नई तकनीक है जो कंप्यूटिंग की दुनिया में क्रांति ला सकती है. यह क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों पर आधारित है, जो परमाणुओं और उप-परमाणु कणों के व्यवहार का अध्ययन करता है. क्वांटम कंप्यूटर पारंपरिक कंप्यूटरों की तुलना में बहुत तेजी से और अधिक जटिल गणनाएं कर सकते हैं.

क्वांटम बिट्स (क्यूबिट्स) – पारंपरिक कंप्यूटर बिट्स का उपयोग करते हैं, जो या तो 0 या 1 हो सकते हैं. क्वांटम कंप्यूटर क्यूबिट्स का उपयोग करते हैं, जो एक ही समय में 0 और 1 दोनों हो सकते हैं. इसे सुपरपोजिशन कहा जाता है.

क्वांटम एंटेंगलमेंट – क्वांटम एंटेंगलमेंट एक ऐसी घटना है जिसमें दो या दो से अधिक क्यूबिट्स इस तरह से जुड़ जाते हैं कि एक क्यूबिट की स्थिति दूसरे क्यूबिट की स्थिति को प्रभावित करती है, भले ही वे कितनी भी दूर हों.

क्वांटम एल्गोरिदम – क्वांटम कंप्यूटर विशेष एल्गोरिदम का उपयोग करते हैं जो उन्हें पारंपरिक कंप्यूटरों की तुलना में कुछ समस्याओं को बहुत तेजी से हल करने की अनुमति देते हैं.

कौन से देश क्वांटम रिसर्च में आगे
क्वांटम कंप्यूटिंग एक उभरती हुई तकनीक है. दुनिया भर में कई देश और संगठन इस क्षेत्र में रिसर्च में काफी धन लगा रहे हैं

संयुक्त राज्य अमेरिका
– अमेरिका क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में अग्रणी है
– गूगल, आईबीएम और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां क्वांटम कंप्यूटर विकसित कर रही हैं.
– अमेरिकी सरकार ने क्वांटम अनुसंधान में महत्वपूर्ण निवेश किया है।

यूरोप
– यूरोपीय संघ ने क्वांटम कंप्यूटिंग में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए क्वांटम टेक्नोलॉजी फ्लैगशिप प्रोग्राम शुरू किया है.
– कई यूरोपीय देश, जैसे कि जर्मनी, फ्रांस और यूके, क्वांटम अनुसंधान में सक्रिय रूप से लगे हैं.

चीन
– चीन ने क्वांटम कंप्यूटिंग में महत्वपूर्ण प्रगति की है.
– चीनी सरकार ने क्वांटम अनुसंधान में भारी निवेश किया है
– चीनी वैज्ञानिकों ने क्वांटम संचार और क्वांटम कंप्यूटिंग में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं.

भारत
– भारत सरकार ने भी क्वांटम कंप्यूटिंग के विकास के लिए बजट में 8 हज़ार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.
– भारत सरकार ने क्वांटम सिम्यूलेटर क्यूसिम लांच किया है.

क्वांटम कंप्यूटिंग से क्या होगा
दवा की खोज: नई दवाओं और उपचारों को विकसित करने के लिए.
मैटीरियल साइंस: नए मैटीरियल को डिजाइन और विकसित करने में
वित्तीय मॉडलिंग: वित्तीय जोखिमों का आकलन करने और निवेश रणनीतियों को अनुकूलित करने में
आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस : मशीन लर्निंग एल्गोरिदम को बेहतर बनाने के लिए.
क्रिप्टोग्राफी: सुरक्षित संचार प्रणालियों को विकसित करने में.

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क्या माइक्रोसॉफ्ट ने बना ली पदार्थ की नई अवस्था, जो बदलेगी क्वांटम कंप्यूटिंग


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