Tach – मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक! 6 GHz बैंड होगा फ्री, पहले से तेज होगा wifi , घर पर इंटरनेट स्पीड होगी… – News18 Hindi

नई दिल्ली. आपका होम वाई-फाई पहले से तेज हो सकता है. सरकार ने 6 GHz स्पेक्ट्रम बैंड के एक हिस्से को बिना लाइसेंस के उपयोग की अनुमति देने का फैसला किया है. इससे वाई-फाई के लिए अतिरिक्त 500 MHz स्पेक्ट्रम उपलब्ध होगा और इंटरनेट की स्पीड और नेटवर्क में सुधार होगा. दूरसंचार विभाग (DoT) ने इसके लिए मसौदा नियम जारी किए हैं और जनता से 15 जून तक सुझाव मांगे हैं. इसके बाद, ये नियम लागू किए जाएंगे.
ड्राफ्ट में कहा गया है कि ये नियम 5925 – 6425 MHz बैंड में लागू होंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 6 GHz बैंड में इंटरनेट स्पीड 9.6 Gbps तक पहुंच सकती है. 5 GHz बैंड में अधिकतम स्पीड सिर्फ 1.3 Gbps है, जबकि 2.4 GHz बैंड में केवल 600 Mbps मिलती है. अमेरिका, यूके और साउथ कोरिया जैसे 84 से अधिक देशों ने पहले ही इस बैंड को वाई-फाई उपयोग के लिए खोल दिया है. अब तक, भारत में वाई-फाई 2.4 GHz और 5 GHz बैंड पर काम कर रहा था, जो अब भीड़भाड़ वाला हो गया है. ऐसे में, 6 GHz बैंड हाई-स्पीड गेमिंग, स्मार्ट डिवाइसेस और AR/VR जैसी आधुनिक तकनीकों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता हैः
इंडोर डिवाइस के लिए
कम पावर वाले इंडोर डिवाइसों के लिए, पावर आउटपुट को 30 dBm (डेसिबल-मिलिवाट्स) पर सीमित करने का प्रस्ताव है, ताकि इंटरफेरेंस से बचा जा सके. इसने कुछ ऑपरेशनल प्रतिबंध भी बताए हैं, जिनमें तेल प्लेटफार्मों पर उपयोग की मनाही शामिल है.
यह भी कहा गया है कि लैंड वीहकल्स (जैसे कार, ट्रेन) और बोट्स, एयरक्राफ्ट में इंडोर उपयोग की मनाही है, सिवाय इसके कि वे 10,000 फीट से ऊपर उड़ रहे हों…ड्रोन और अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स के साथ संचार और नियंत्रण की अनुमति नहीं है.
फैसले से खुश IAFI
आईटीयू-एपीटी फाउंडेशन ऑफ इंडिया (IAFI) ने 6 GHz बैंड के निचले 500 MHz को डीलाइसेंस करने के फैसले को “दूरदर्शी” बताया है. IAFI का कहना है कि यह निर्णय इस महत्वपूर्ण मिड-बैंड स्पेक्ट्रम का बिना लाइसेंस के उपयोग करने का रास्ता खोलता है, खासकर कम पावर और बहुत कम पावर वाले वायरलेस एक्सेस सिस्टम्स के लिए, जिसमें अगली पीढ़ी की वाई-फाई तकनीकें जैसे वाई-फाई 6E और वाई-फाई 7 शामिल हैं.
IAFI के अनुसार वह कई साल से निचले 6 GHz बैंड को डीलाइसेंस करने का सपोर्ट कर रहा है, क्योंकि इस स्पेक्ट्रम में डिजिटल समावेशन, स्थानीय निर्माण और आर्थिक विकास के नए अवसरों को खोलने की जबरदस्त क्षमता है.
गेम चेंजर साबित होगा
आईएएफआई के अनुसार सरकार का ये कदम भारत के डिजिटल भविष्य के लिए एक गेम-चेंजर है. इस फैसले से भारत उन 100 से अधिक देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिन्होंने पहले ही 6GHz बैंड को खोल दिया है, जिनमें अमेरिका, यूके, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय संघ के सदस्य शामिल हैं.
आईएएफआई के अनुसार, 6 GHz बैंड एक विशाल और साफ स्पेक्ट्रम प्रदान करता है, जो पारंपरिक 2.4 GHz और 5 GHz वाई-फाई बैंड में मौजूद भीड़भाड़ से मुक्त है. इसकी उपलब्धता डेटा-गहन अनुप्रयोगों जैसे 4K स्ट्रीमिंग, एआर/वीआर (ऑगमेंटेड रियलिटी/वर्चुअल रियलिटी), ऑनलाइन गेमिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स सेवाओं और उच्च-रिजॉल्यूशन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है.
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