Tach – डॉक्टरों से भी तेज निकला ChatGPT, लगा लिया कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का पता! – 27-year-old woman from paris says ChatGPT helped detect cancer one year before doctors – Hindi news, tech news

नई दिल्ली. पेरिस की एक युवा महिला ने दावा किया है कि ChatGPT ने उसके ब्लड कैंसर के लक्षणों की पहचान डॉक्टरों से लगभग एक साल पहले ही कर ली थी. ये घटना दिखाती है कि कैसे AI टूल्स अब हेल्थकेयर सर्विस में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.
27 वर्षीय मार्ली गार्नराइटर को लगातार रात में पसीना आना और त्वचा में जलन की समस्या हो रही थी. उन्होंने सोचा कि यह उनके पिता की कोलन कैंसर से मृत्यु के बाद के तनाव के कारण हो रहा है. उस समय किए गए मेडिकल चेकअप्स में कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं पाई गई और सभी टेस्ट नॉर्मल आए थे.
ChatGPT की ली मदद
सारे टेस्ट नॉर्मल आने के बावजूद महिला ने जवाब की तलाश जारी रखी और इसी दौरान उसने अपने लक्षणों को ChatGPT को बताने का फैसला किया. AI चैटबॉट ने जवाब में कहा कि उसके लक्षण ब्लड कैंसर के संकेत हो सकते हैं. एक चेतावनी जिसे उसने पहले नजरअंदाज कर दिया. महिला ने People.com वेबसाइट को बताया कि उसने AI चैटबॉट को गंभीरता से नहीं लिया और उसके दोस्तों ने भी उसे मशीन से मेडिकल सलाह न लेने की सलाह दी.
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कई महीनों बाद, गार्नराइटर को अक्सर थकान महसूस होने लगी और उनके सीने में दर्द होने लगा. दूसरी बार डॉक्टरों से परामर्श लेने के बाद, एक स्कैन किया गया, जिसमें उनके बाएं फेफड़े में एक बड़ी गांठ दिखाई दी. डॉक्टरों ने उन्हें हॉजकिन लिम्फोमा नाम के एक दुर्लभ प्रकार के रक्त कैंसर का इलात किया, जो सफेद रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है.
अब कीमोथेरेपी की तैयारी कर रही गार्नराइटर कहती हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि एक AI टूल कुछ इतना महत्वपूर्ण पहचान लेगा, इससे पहले कि चिकित्सा प्रणाली इसे पकड़ पाती. यह उनके लिए चौंकाने वाला था.
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हालांकि यह दुर्लभ है, लेकिन अगर समय पर पहचान हो जाए तो हॉजकिन लिंफोमा का इलाज सफल होने की संभावना काफी अधिक होती है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, पांच साल की जीवित रहने की दर 80 प्रतिशत से अधिक है. इसके सामान्य लक्षणों में थकान, पेट में असहजता, खुजली, रात में पसीना आना और बुखार शामिल हैं – जिनमें से कई लक्षण गार्नराइटर ने अनुभव किए.
हालांकि ChatGPT चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है, गार्नराइटर का अनुभव इस बढ़ती बातचीत में जोड़ता है कि कैसे AI शुरुआती लक्षणों की पहचान में भूमिका निभा सकता है – खासकर उन मामलों में जहां पारंपरिक निदान में समय लगता है.
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