Tach – salary of world second richest man Amazon Founder Jeff Bezos revealed details in hindi | Amazon के मालिक Jeff Bezos लेते हैं क‍ितनी सैलरी? खुद खोले राज | Hindi News, टेक न्‍यूज

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नई द‍िल्‍ली. दुन‍िया के सबसे अमीर लोगों में शुमार जेफ बेजोस (Jeff Bezos) की सैलरी क‍ितनी है, ये बात हर किसी को मालूम नहीं है. मगर लोग जानना जरूर चाहते हैं. अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस ने अब इस राज से खुद ही पर्दा उठा द‍िया है. उन्‍होंने बताया क‍ि अमेजन के संस्थापक के रूप में वो हर साल केवल 80,000 डॉलर (लगभग 67 लाख रुपये) का मामूली वेतन लेते हैं और साल 1998 के बाद उनकी बेस‍िक सैलरी में कोई बदलाव नहीं हुआ है. इसके बावजूद बेजोस ने दुन‍िया के सबसे अमीर लोगों की सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया. बता दें क‍ि अक्‍टूबर 2024 तक जेफ बेजोस दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति थे, जब तक कि एलोन मस्क ने उन्हें पीछे नहीं छोड़ दिया.

न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए गए एक इंटरव्‍यू में बेजोस ने बताया कि कम वेतन रखने का उनका फैसला जानबूझकर लिया गया था. उन्होंने कहा क‍ि मैं संस्थापक हूं. उनके पास पहले से ही कंपनी का एक बड़ा हिस्सा है और वे अधिक वेतन लेने में सहज महसूस नहीं करते.

क्‍यों लेते हैं कम सैलरी
बेजोस ने सैलरी कम रखने के पीछे की वजह भी बताई. उन्‍होंने इंटरव्‍यू में कहा क‍ि Amazon में उनकी बड़ी हिस्सेदारी है, इसल‍िए अतिरिक्त वेतन की आवश्यकता नहीं थी. भले ही उनकी ऑफ‍िश‍ियल सैलरी मामूली हो, लेकिन बेजोस ने Amazon के शेयरों से लाखों कमाए हैं. Inc.com की एक रिपोर्ट के अनुसार, अकेले 2023 और 2024 के बीच, उन्होंने अपने स्‍टॉक्‍स से हर घंटे 8 मिलियन डॉलर कमाए.

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साल 2021 में बेजोस कंपनी के सीईओ के पद से हट गए और इसके बाद बेजोस ने धीरे-धीरे अपने अमेजन स्टॉक के कुछ हिस्से बेचे हैं. फॉर्च्यून की एक रिपोर्ट बताती है कि वह साल 2025 के अंत तक 25 मिलियन शेयर बेचने की योजना बना रहे हैं. फिर भी, बेजोस ने अमेजन की कंपेनसेशन कमेटी से अतिरिक्त भत्ते की मांग नहीं की. अपने इस फैसले पर उन्होंने गर्व व्यक्त क‍िया और कहा क‍ि अधिक कंपेनसेशन लेना असहज लगता.

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यहां तक क‍ि प्रोपब्लिका की साल 2021 की र‍िव्‍यू र‍िपोर्ट में ऐसा कहा गया है क‍ि बेजोस ने साल 2007 और 2011 में कोई फैडरल इनकम टैक्‍स नहीं चुकाया. र‍िपोर्ट में ऐसा कहा गया है क‍ि दरअसल, बेजोस ने अपने वेतन से अधिक निवेश घाटे की जानकारी दी थी, जिससे उन्हें उन वर्षों के दौरान टैक्‍स से बचने में मदद मिली.

ऑफ‍िश‍ियल सैलरी कम रखकर, स्टॉक से लाभ उठाने की ये प्रथा, अरबपतियों के बीच सामान्य है और इससे उनके दायित्व भी कम हो जाते हैं. टैक्‍स बचाने का ये तरीका बहस का मुद्दा बन गया है. हालांकि, बेजोस ने अपने रुख का बचाव करते हुए कहा कि अमेजन स्टॉक से उनकी संपत्ति पहले से ही उन्हें काफी इंसेंट‍िव देती है, इसल‍िए कम सैलरी लेने का फैसला उनकी जिम्मेदारी की भावना को दर्शाता है.


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