Tach – Wait for Data Protection rules over home ministry give approval | डेटा संरक्षण नियमों का इंतजार खत्‍म, गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी; जानें क्‍या होगा आप पर असर | Hindi news, tech news

नई द‍िल्‍ली. ड‍िज‍िटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्‍शन (DPDP) एक्‍ट को 16 महीने पहले अगस्त 2023 में संसद से पारित कर द‍िया गया था. अब महीनों बाद होम मिनिस्ट्री से भी इसे मंजूरी म‍िल गई है. एक्‍ट अब हकीकत होने के एक कदम और करीब आ गया है. इसके बाद इलेक्‍ट्रॉन‍िक और इंफॉर्मेशन टेक्‍नोलॉजी मंत्रालय, पब्‍ल‍िक कंसल्‍टेशन के ल‍िए ड्राफ्ट रूल जारी करेगा. DPDP अधिनियम का उद्देश्य पर्सनल डेटा और गोपनीयता की रक्षा करना है. इसे देशभर में लोगों के निजी डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 11 दिसंबर 2019 को संसद में पेश किया गया था.

यह विधेयक के अनुसार न‍िजी या सार्वजन‍िक कंपन‍ियां अगर स्‍पष्‍ट सहमत‍ि के ब‍िना अगर क‍िसी भी व्‍यक्‍त‍ि का डेटा उपयोग करती हैं तो उसे अवैध माना जाएगा. यह पूरी तरह से व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा को मजबूत करने पर फोक्‍स्‍ड है. इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा और न्यायिक प्रक्रियाओं में इसके उपयोग के प्रावधान भी शामिल हैं.

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नये फ्रेमवर्क को अपनाने के ल‍िए क‍ितना वक्‍त म‍िलेगा
अध‍िकार‍ियों के अनुसार कंपन‍ियों को इस अध‍िन‍ियम के न‍ियमों को अपनाने और इसके ल‍िए नए फ्रेमवर्क तैयार करने के ल‍िए 18 से 24 महीने का वक्‍त द‍िया जाएगा.

कुछ मंत्रालयों ने पहले यूजर कंसेंट लेने के ल‍िए नए मेकेनिज्‍म को बनाने में चुनौत‍ियों के सामने आने की बात कही थी और उन्‍हें नए स‍िस्‍टम में आने के ल‍िए वक्‍त की जरूरत थी. न‍िजी कंपन‍ियों को भी नये न‍ियमों के अनुसार एडजस्‍टमेंट के ल‍िए वक्‍त की जरूर थी.

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आपको क्‍या होगा फायदा
एक्‍ट आने के बाद कंज्‍यूमर को अपने डेटा पर ज्‍यादा कंट्रोल म‍िलेगा. जो कंपन‍ियां, यूजर का डेटा हैंडल कर रही हैं, उन्‍हें ये बताना होगा क‍ि वो जानकारी का कहां इस्‍तेमाल कर रही हैं और साथ ही यूजर उसे हटाने को कह सकता है या एक ल‍िमि‍ट तय कर सकता है.

इसके साथ ही यूजर के पास ये जानने का अध‍िकार होगा क‍ि डेटा कलेक्‍शन क्‍यों क‍िया जा रहा है और उसके लिए समय सीमा तय कर सकता है, ज‍िसके बाद उसका डेटा हट जाएगा. आसान शब्‍दों में समझें तो आपसे पूछे बगैर आपके डेटा का इस्‍तेमाल करना, अब क‍िसी भी कंपन‍ी के ल‍िए मुश्‍क‍िल होगा.

न‍ियम तोड़ने पर क्‍या होगा
जो कंपन‍ियां नए न‍ियमों का उल्‍लंघन करेंगी, उन्‍हें 250 करोड़ रुपये का जुर्माना देना होगा. ये पेनाल्‍टी प्रत‍ि केस है. यानी अगर क‍िसी कंपनी के ख‍िलाफ दो ऐसे केस आ गए तो उसे 500 करोड़ का जुर्माना देना होगा.


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