Technology, सावधान: TRAI के नाम पर आई यह कॉल आपको बना सकती है कंगाल, जानें सच्चाई — INA

भारत में साइबर क्राइम बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है। हर रोज स्कैम हो रहे हैं और लोगों की मेहनत की कमाई स्कैमर्स की बैंक अकाउंट में पहुंच रही है। लोगों को चूना लगाने के लिए हैकर्स हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। एक नया स्कैम ट्राई यानी टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नाम पर हो रहा है। यह स्कैम बहुत ही खतरनाक है और आपकी एक गलती बहुत महंगी पड़ सकती है। आइए जानते हैं…

ट्राई ने लोगों को किया आगाह


ट्राई के नाम पर हो रहे इस स्कैम को लेकर ट्राई ने ही लोगों को आगाह किया है। ट्राई ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए कहा है कि यदि आपके पास भी ट्राई के नाम पर कॉल आता है और दावा किया जाता है कि आपका नंबर आज रात बंद हो जाएगा तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि यह एक स्कैम है। ट्राई ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि इस तरह की कॉल की रिपोर्ट चक्षु पोर्टल पर करें। इस तरह की कॉल आने पर अपने कोई नंबर ना दबाएं और ना ही स्कैमर्स दावा भेजे गए किसी लिंक पर क्लिक करें, क्योंकि इसी कॉल के साथ डिजिटल अरेस्ट स्कैम की शुरुआत होती है।
 

भारत में तेजी से बढ़ रहा डिजिटल अरेस्ट स्कैम


सरकारी डेटा के मुताबिक भारत में जनवरी से अप्रैल 2024 के बीच ‘डिजिटल अरेस्ट’ स्कैम में लोगों ने करीब 120.3 करोड़ रुपये गंवाए हैं। यह जानकारी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अक्टूबर को मन की बात के 115वें एपिसोड में दी। उन्होंने साइबर अपराधों के प्रति बढ़ती चिंताओं पर जोर दिया।

नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) ने बताया कि 2024 की पहली तिमाही में लगभग 7.4 लाख साइबर अपराध शिकायतें प्राप्त हुईं। 2023 में कुल 15.56 लाख शिकायतें दर्ज की गईं, जो 2022 में 9.66 लाख और 2021 में 4.52 लाख शिकायतों से काफी अधिक है। 

भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के सीईओ राजेश कुमार ने बताया कि इस अवधि के दौरान साइबर अपराधों से संबंधित नुकसान में ट्रेडिंग घोटालों से ₹1,420.48 करोड़, निवेश घोटालों से ₹222.58 करोड़, और रोमांस/डेटिंग घोटालों से ₹13.23 करोड़ का नुकसान शामिल है

क्या है डिजिटल अरेस्ट स्कैम


डिजिटल अरेस्ट स्कैम एक नए तरीके का और एडवांस स्कैम है। इसकी शुरुआत आमतौर पर एक फोन कॉल से होती है जिसमें उसे अवैध सामान या तस्करी से जुड़े अपराध में फंसाने की धमकी दी जाती है। ठग वीडियो कॉल के माध्यम से पुलिस अधिकारी बनकर पीड़ित से जुड़ते हैं और गिरफ्तारी या कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए पैसे की मांग करते हैं और लोग डर के कारण पैसे ट्रांसफर कर देते हैं। पैसे ट्रांसफर के लिए ये ठग लोगों को वीडियो कॉल पर लगातार बने रहने के लिए कहते हैं।

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