Technology, सख्ती: हर हाल में इस दिन से बंद होंगे फर्जी मैसेज, इन्हें पहचानना भी होगा आसान — INA


TRAI NEW ORDER

– फोटो : अमर उजाला

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने एक बार फिर ओटीपी आधारित एसएमएस सत्यापन को लागू करने की डेडलाइन बढ़ा दी है। इस बार 10 दिसंबर तक का समय दिया गया है, ताकि दूरसंचार कंपनियां और अन्य संबंधित पक्ष नई व्यवस्था को लागू करने के लिए आवश्यक तैयारी कर सकें। ट्राई ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि 11 दिसंबर से फर्जी एसएमएस और कॉल को हर हाल में रोकना अनिवार्य होगा।

फर्जी एसएमएस रोकने के लिए बनाए गए नए नियम


इस साल अगस्त में, ट्राई ने ‘मैसेज ट्रेसिबिलिटी’ नियम की घोषणा की थी। यह नियम फर्जी और अपंजीकृत एसएमएस को रोकने के उद्देश्य से बनाया गया है, हालांकि 1 दिसंबर को लागू होने वाला यह नियम बार-बार टलता रहा है, क्योंकि टेलीकॉम कंपनियां और अन्य संस्थान अपनी तकनीकी व्यवस्थाओं को तैयार नहीं कर पाए। अब ट्राई ने इसकी अंतिम समयसीमा 11 दिसंबर तय की है और सभी संबंधित पक्षों को जल्द से जल्द अपने सिस्टम को अपडेट करने का निर्देश दिया है।

कैसे काम करेगा नया सिस्टम?


  • पंजीकरण अनिवार्य: सभी टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे उन सभी संस्थाओं और कंपनियों को अनिवार्य रूप से पंजीकृत करें, जो ग्राहकों को ओटीपी और अन्य आवश्यक सूचनाएं भेजती हैं। बैंकों, ई-कॉमर्स कंपनियों और वित्तीय संस्थानों के एसएमएस, यूआरएल लिंक, और ओटीटी लिंक को भी श्वेत सूची (whitelist) में शामिल करना होगा।
  • स्वचालित ब्लॉकिंग: यदि कोई कंपनी पंजीकृत नहीं है या उनके एसएमएस अवैध माने गए तो वे स्वचालित रूप से ब्लॉक कर दिए जाएंगे।
  • ग्राहकों को विकल्प: ग्राहकों को यह सुविधा दी जाएगी कि वे स्पैम मैसेज और फर्जी कॉल को ब्लॉक कर सकें। इससे धोखाधड़ी और ठगी के मामलों पर लगाम लगाई जा सकेगी।
  • ट्राई का आश्वासन: ट्राई ने यह भी कहा है कि इन नए बदलावों से ओटीपी भेजने में कोई अतिरिक्त देरी नहीं होगी। यह प्रक्रिया ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ त्वरित सेवाएं प्रदान करने पर केंद्रित है।
ट्राई ने अब तक लगभग 27,000 कंपनियों और संस्थानों का पंजीकरण किया है, जो ग्राहकों को एसएमएस सेवाएं प्रदान करती हैं। इसके साथ ही, फर्जी एसएमएस की पहचान और ब्लॉकिंग प्रक्रिया को भी तेज किया गया है।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने एक बार फिर ओटीपी आधारित एसएमएस सत्यापन को लागू करने की डेडलाइन बढ़ा दी है। इस बार 10 दिसंबर तक का समय दिया गया है, ताकि दूरसंचार कंपनियां और अन्य संबंधित पक्ष नई व्यवस्था को लागू करने के लिए आवश्यक तैयारी कर सकें। ट्राई ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि 11 दिसंबर से फर्जी एसएमएस और कॉल को हर हाल में रोकना अनिवार्य होगा।

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