देश – हो गया खेला! Elon Musk की टेक्नोलॉजी से तस्करों ने India में कर दिया बड़ा कांड, पहुंचाई अरबों की ड्रग्स खेप #INA

Drugs Smuggling: भारतीय जलक्षेत्र में बड़ा खेला हो गया है. तस्करों ने 360 अरब रुपये की ड्रग्स की सबसे खेप भारत में पहुंचा दिया. ड्रग्स तस्करों ने ये कांड टेक दिग्गज एलन मस्क की टेक्नोलॉजी स्टारलिंक का इस्तेमाल कर दिया है. इसके बाद भारत में स्टारलिंक को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है. बेहद ही हाईटेक तरीके से की गई इस ड्रग्स तस्करी ने जांच एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि ड्रग्स तस्करी का ये पूरा मामला क्या है और कैसे तस्करों स्टारलिंक डिवाइस का इस्तेमाल कर इसे अंजाम दिया.

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पकड़े गए 6 म्यांमारी ड्रग्स तस्कर

हाल ही में अंडमान निकोबार पुलिस ने भारतीय जलक्षेत्र से 6 ड्रग्स तस्करों को अरेस्ट किया था. ये सभी म्यांमार के नागरिक थे. पुलिस को इन तस्करों से ड्रग्स की बड़ी खेप बरामद हुई थी, जिसकी अनुमान कीमत करीब 360 अरब रुपये की बताई. इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स मिलने पुलिस भी हैरान रह गए. पुलिस ने तस्करों से सख्ती से पूछताछ की और मामले की तह तक जाने की कोशिश की. पुलिस पता लगाना चाहती थी कि इस ड्रग्स तस्करी के पीछे किसका हाथ है और ये ड्रग्स देश में कहां सप्लाई किया जाना था.

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तस्करों ने यूज की स्टारलिंक किट

पुलिस जांच में उस वक्त हैरान रह गए, जब उसे पता चला कि तस्करों ने एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के इंटरनेट डिवाइस का इस्तेमाल कर भारत में इतनी भारी मात्रा में ड्रग्स पहुंचाई. जांच में पता चला कि तस्करों ने स्टारलिंक मिनी डिवाइस का इस्तेमाल किया है. ये एक पोर्टेबल सैटेलाइट इंटरनेट किट है, जिसे आसानी साथ ले जाया जा सकता है. इसकी सबसे बड़ी खास बात यह है कि ये सीधे सैटेलाइट से इंटरनेट प्रदान करता है. यही वजह है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसिया इसे ट्रेस नहीं कर पाईं.

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स्टारलिंक से तस्करों ने क्या किया

तस्करों ने स्टारलिंक डिवाइस की मदद से बीच समुद्र आसानी से वाईफाई हॉटस्पॉट क्रिएट किया. ऐसा कर तस्करों ने एक-दूसरे से कम्युनिकेशन किया. इतना ही पुलिस ने इसकी मदद से पुलिस को भी चकमा दिया. अंडमान निकोबार शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि तस्करों ने स्टारलिंग डिवाइस का उपयोग कर बिना किसी कानूनी मंजूरी के सैटेलाइट से सीधा संपर्क किया. इससे वाईफाई हॉटस्पॉट बनाया गया, जो भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए ट्रैक करना मुश्किल था. तस्करों के पास नेविगेशन के लिए सैटेलाइट डिवाइस पाए जाने के बाद भारतीय पुलिस एलन मस्क की कंपनी से इस बारे में जानकारी मांगी है.

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