देश – कट गया क्लेश! अब नहीं देना टोल टैक्स, सरकार ने कर दिया खास इंतजाम, जश्न का माहौल #INA
Toll Tax Update: अगर आप भी रोजाना टोल टैक्स देते-देते परेशान हो गए हैं आपके लिए खुशखबरी है. क्योंकि सरकार नए साल पर नई व्यवस्था लागू करने वाली है. जिसके बाद करोड़ों वाहन संचालकों को टोल टैक्स देने से मुक्ति मिल जाएगी. क्योंकि सरकार के 2008 में एक महत्वपूर्ण संसोधन के तहत वाहनों संचालकों को सरकार राहत देना चाहती है. हालांकि फिलहाल सिर्फ ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) से लैस निजी वाहन मालिकों को नई टोल नीति का पूरा लाभ मिलेगा. ऐसे वाहन संचालक जिनके वाहन में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम चालू होगा. साथ ही उन्हें टोल रोड़ का यूज अंडर 20 किमी करना है. ऐसे वाहन चालक फ्री में टोल रो़ड का यूज कर सकेंगे.
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नहीं देना कोई भी शुल्क
दरअसल, पिछले दिनों सड़क एवं वरिवहन के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक हुई थी. जिसके बाद नोटिफिकेशन जारी किया गया था. जिसमें कहा गया था कि “निजी वाहन मालिकों को प्रतिदिन राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर 20 किलोमीटर तक की यात्रा के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा,,. इसके लिए शर्त सिर्फ यही होगी कि छूट सिर्फ उन्हीं वाहनों को मिलेगी, जिनके वाहनों में जीएनएसएस सिस्टम संचालित होगा. हालांकि 20 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए, शुल्क यात्रा की गई वास्तविक दूरी के आधार पर लिया जाएगा.
सिर्फ इन्हें मिलेगा लाभ
यही नहीं नोटिफिकेशन में यहां तक कहा गया है कि “राष्ट्रीय परमिट वाहन के अलावा किसी अन्य यांत्रिक वाहन का चालक, मालिक या प्रभारी व्यक्ति जो राष्ट्रीय राजमार्ग, स्थायी पुल, बाईपास या सुरंग के समान खंड का उपयोग करता है, उसे ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम आधारित उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह प्रणाली के तहत एक दिन में प्रत्येक दिशा में 20 किलोमीटर की यात्रा तक शून्य-उपयोगकर्ता शुल्क लगाया जाएगा,,
टेस्ट ट्राइल में मिली सफलता
सड़क मंत्रालय फास्टैग के साथ ही जीएनएसएस-आधारित टोल संग्रह प्रणाली शुरू की थी. हालांकि ये सिस्टम अभी कम ही हाईवेज पर शुरू किया गया है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इस प्रणाली के लिए “कर्नाटक में NH-275 के बेंगलुरु-मैसूर खंड और हरियाणा में NH-709 के पानीपत-हिसार खंड पर एक पायलट अध्ययन किया गया है,, जिसमें सफलता के बाद अब देश के अन्य हाईवेज पर भी ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) को लागू किया जाना है.
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