देश- 21 साल पहले विदेश गया, वहां बेचता था कपड़े-मच्छरदानी, कंबोडिया के जेल में क्यों कैद है गोरखपुर का अभय?- #NA

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के खजनी थाना क्षेत्र के एक गांव में मानव तस्करी के आरोपों की जांच करने पटना एनआईए की टीम बीते शनिवार सुबह धमक पहुंची. इस गांव का रहने वाला अभय नाथ दुबे करीब 21 साल पहले नौकरी की तलाश में कंबोडिया गया था. उस पर हाल ही में टूरिस्ट वीजा के नाम पर मानव तस्करी और विदेश से धन भेजने व साइबर फ्रॉड के आरोप लगे हैं. उसे कंबोडिया पुलिस ने जेल में बंद कर रखा है. उसी मामले में शिकायत मिलने पर एनआईए की टीम पहुंची. उसके साथ स्थानीय पुलिस और तहसील प्रशासन मौजूद रहा. आरोपी के परिवार के लोगों से पूछताछ व अन्य जानकारी लेकर टीम अयोध्या के लिए चली गई.

खजनी थाना क्षेत्र के सतुआभार गांव निवासी अभय नाथ दुबे के घरवालों ने टीम के सदस्यों को बताया कि वह करीब 21 साल पहले कंबोडिया गया था. वहां पर वह फेरी लगाकर कपड़ा व मच्छरदानी बेचता था. घर पर पैसा भी भेजता था. टीम को अभय के भाई सिद्धनाथ दुबे ने बताया कि कुछ दिन पहले वह गलत संगत में पड़ गया था. उसी के बाद उसके ऊपर मानव तस्करी का आरोप लगा. यह पता चला है कि बिहार का एक शख्स उसको अपने चंगुल में फंसा लिया और प्रलोभन दिया कि जितने लोगों को आप विदेश नौकरी के लिए बुलाएंगे, उतना अधिक पैसा आपको मिलेगा.

कंबोडिया पुलिस ने अभय को मुख्य आरोपी बना दिया

बीते 16 जुलाई, 2024 को कंबोडिया पुलिस ने अभय नाथ की कमरे पर छापा मारा, जहां 17 भारतीय गिरफ्तार किए गए. कंबोडिया पुलिस ने पूछताछ व जांच- पड़ताल के बाद 14 को भारतीय दूतावास भेज दिया, लेकिन गोरखपुर के जानीपुर व बिहार के दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया. बिहार का युवक मुन्ना सिंह कंबोडिया पुलिस स्टेशन से भाग गया. वही मानव तस्करी का सरगना था. उसके नहीं मिलने पर वहां की पुलिस ने अभय को मुख्य आरोपी बना दिया.

एनआईए की टीम पांच घंटे तक पूरे घर की तलाशी ली. इस दौरान पत्नी मनोरमा के नाम पर जमा किए गए छह लाख एफडी के पेपर, बैंक पासबुक व अन्य का कागजात बरामद की. इस दौरान कुछ ज्वेलरी को भी बरामद किया, लेकिन ज्वेलरी को खजनी तहसीलदार कृष्ण गोपाल तिवारी ने स्त्री धन बताते हुए उस कागजात पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया. इसके बाद टीम ज्वेलरी को छोड़कर सभी कागजात अपने साथ लेकर चली गई.

इसके पूर्व टीम ने सभी की आईडी कार्ड को तहसील से वेरीफाई करवाया. सबका एक साथ फोटो लिया और सभी को सबूत के तौर पर अपने साथ लेकर चली गई. अभय की पत्नी मनोरमा ने बताया कि इस समय हम लोगों की आर्थिक हालत बहुत खराब है. पति करीब चार माह से जेल में बंद है. उनका कोई समाचार नहीं मिल पाता है. मेरी दो बेटियां हैं. दोनों दिल्ली में पढ़ रही है. बड़ी वाली एमसीए और छोटी वाली बीबीए कर रही है. हमको पैसे की काफी तंगी रहती है. मेरे जेठ सिद्धनाथ दुबे ने अभी कल ही ₹4000 उनके खाते में भेजा था, लेकिन एनआईए ने उनके खातों को भी सीज कर दिया. ऐसे में हमारा जीवन कैसे चलेगा. कोई भी सुधि लेने वाला नहीं है. कुछ समझ में नहीं आ रहा है, क्या किया जाए.

बड़हलगंज थाने में अभय के खिलाफ केस दर्ज

बड़हलगंज थाने में अभय व उसके चार साथियों के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज है. सूत्र बताते हैं कि बड़हलगंज थाना क्षेत्र के कोड़ारी गांव निवासी अनिल सिंह ने पुलिस से शिकायत की थी कि मेरे गांव के राहुल चौबे (जो अभय के गिरोह का सदस्य है) ने विदेश में नौकरी दिलाने की बात कह कर मुझसे 80 हजार रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करवाया था. इसके अलावा एक लाख नकद भी लिया था. 25 फरवरी, 2024 को कोलकाता से कंबोडिया टूरिस्ट वीजा पर भेजे दिया. वहां पहुंचने पर अभय नाथ से मेरी मुलाकात हुई. उन्होंने मेरा पासपोर्ट ले लिया और ऑनलाइन नौकरी करने के नाम पर एक कंप्यूटर दिया. उस कंप्यूटर से कोई नौकरी नहीं करना था वरन भारतीय को टारगेट पर लेकर उनके अकाउंट से फ्रॉड करके पैसे निकालना था.

अनिल ने बताया कि भारत से लोगों को बड़े पैमाने पर टूरिस्ट वीजा दिलवाकर कंबोडिया भेजा जाता है. टूरिस्ट वीजा दो से तीन महीने का होता है, जब वह खत्म हो जाता है, तो ऐसे लोगों का वापस आना भी काफी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में उनके गिरोह के लोग यहां से गए नागरिकों को पाकिस्तानी एजेंटों को सौंप देते हैं. वह लोग फिर साइबर फ्रॉड आदि गलत कराते हैं और वहां एक तरह से बंधक बनकर रहते हैं. उनका जीवन काफी मुश्किल हो जाता है. इस मामले में अभय नाथ दुबे जेल में बंद है.

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